Last Updated:February 08, 2025, 07:35 IST
उत्तर प्रदेश सरकार ने 2025-26 के लिए नई आबकारी नीति जारी की है, जिससे नोएडा, गाज़ियाबाद, आगरा और लखनऊ के रेस्तरां और कैफे अब बीयर और वाइन परोस सकेंगे. नई नीति 1 मार्च 2025 से लागू होगी.
हाइलाइट्स
- उत्तर प्रदेश में रेस्तरां और कैफे अब बीयर और वाइन परोस सकेंगे.
- नई आबकारी नीति 1 मार्च 2025 से लागू होगी.
- रेस्तरां मालिकों को लाइसेंस के लिए अब कम खर्च करना पड़ेगा.
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश सरकार ने 2025-26 के लिए नई आबकारी नीति जारी की है, जिसके तहत अब नोएडा, गाज़ियाबाद, आगरा और लखनऊ के रेस्तरां और कैफे भी अपने ग्राहकों को बीयर और वाइन परोस सकेंगे. सरकार ने ‘लो-एल्कोहल बार’ की नई श्रेणी शुरू की है, जिससे रेस्तरां मालिक बिना फुल बार लाइसेंस लिए अपने ग्राहकों को सीमित मात्रा में शराब परोस सकेंगे. नई आबकारी नीति 1 मार्च 2025 से प्रभावी होगी और इसके तहत जारी किए गए नियम जल्द ही घोषित किए जाएंगे.
पहले रेस्तरां और बार मालिकों को शराब परोसने के लिए 10 लाख से 15 लाख रुपये तक खर्च करने पड़ते थे, लेकिन अब इस नई नीति के तहत केवल 4 लाख रुपये में लाइसेंस प्राप्त किया जा सकेगा. इस कदम से रेस्तरां उद्योग को आर्थिक रूप से लाभ मिलने की उम्मीद है.
रेस्तरां उद्योग को मिलेगा फायदा
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, नोएडा और गाज़ियाबाद के कई रेस्तरां मालिक इस नई नीति का स्वागत कर रहे हैं. नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) नोएडा चैप्टर के अध्यक्ष वरुण खेरा ने इसे रेस्तरां उद्योग के लिए सकारात्मक कदम बताया. उन्होंने कहा, “फुल बार लाइसेंस की लागत अधिक होने के कारण कई रेस्तरां मालिक इसे लेने से बचते थे. अब बीयर और वाइन की अनुमति मिलने से ग्राहकों को बेहतर अनुभव मिलेगा और रेस्तरां व्यवसाय भी बढ़ेगा.”
नोएडा के सेक्टर 104 और सेक्टर 132 में ‘अल्मा बेकरी एंड कैफे’ चलाने वाले गौरव ने इस फैसले को बड़ा राहतभरा बताया. उन्होंने कहा, “पहले हमें निजी पार्टियों के लिए महंगा अस्थायी बार लाइसेंस लेना पड़ता था, जिससे काफी दिक्कत होती थी. अब हम नियमित रूप से अपने ग्राहकों को बीयर और वाइन परोस सकेंगे.”
ग्रेटर नोएडा में ‘कैफे एपेटिटो’ के सह-मालिक रजत जिंदल ने कहा कि वह काफी समय से अपने कैफे में लो-एल्कोहल पेय परोसना चाहते थे, लेकिन महंगा बार लाइसेंस लेना संभव नहीं था. उन्होंने कहा, “IMFL (इंडियन मेड फॉरेन लिकर) ड्रिंक्स क्लब और पब के लिए बेहतर हैं, जबकि कैफे के लिए बीयर और वाइन ही सही विकल्प हैं.”
परिवारिक रेस्तरां के लिए भी फायदेमंद
इंदिरापुरम हैबिटेट सेंटर में ‘पिंड बलूची’ और ‘बेरकोस’ के मालिक विकास सिंह ने कहा कि यह नीति खासकर उन रेस्तरांओं के लिए उपयोगी होगी, जो हार्ड लिकर नहीं परोसना चाहते. उन्होंने कहा, “लो-एल्कोहल लाइसेंस मिलने से परिवारिक रेस्तरां भी अब बीयर और वाइन परोस सकेंगे, जिससे उनकी आमदनी बढ़ेगी.”
1 मार्च से लागू होगी नई नीति
नोएडा के जिला आबकारी अधिकारी सुभोध कुमार ने बताया कि यह नीति सभी तरह के रेस्तरां और कैफे पर लागू होगी और इसकी समय सीमा एक वर्ष की होगी. उन्होंने कहा, “इस नीति से रेस्तरां उद्योग को नई दिशा मिलेगी और उपभोक्ताओं को भी अपने पसंदीदा खाने के साथ बीयर और वाइन का आनंद लेने का मौका मिलेगा.”
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New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
February 08, 2025, 07:35 IST