Agency:NEWS18DELHI
Last Updated:January 23, 2025, 11:11 IST
हैदराबाद की बहुसंख्यक आबादी गैर-मुस्लिम थी, लेकिन जो हुकूमत थी वो मुस्लिम यानी निज़ाम के पास थी. उनके कुछ लोंगो ने कहा कि जब देश का बटवारा धर्म के आधार पर हो रहा है, तो क्यों ना हैदराबाद को पाकिस्तान का हिस्सा ...और पढ़ें
निज़ाम और नेहरू
हैदराबाद: देश 15 अगस्त 1947 को हुआ, लेकिन आजाद भारत के सामने बहुत सारी चुनौतियां खड़ी थी. आजादी के बाद भी देश मे छोटे छोटे रियासत हुआ करते थे. उसमे समय देश की सबसे अमीर रियासत हैदराबाद हुआ करती थीं. हैदराबाद डकन में गैर-मुस्लिम की आबादी ज्यादा थी, लेकिन हुकूमत मुस्लिम यानी निज़ाम के पास थी.
निज़ाम ने पाकिस्तान का हिस्सा होने से किया इंकार
लोकल 18 से बात करते हुए एसोशिएट प्रोफ़ेसर डॉ. मोहम्मद मुस्तफा अली सरवरी (पीआरओ मानू) बताते हैं कि हैदराबाद की बहुसंख्यक आबादी गैर-मुस्लिम थी, लेकिन जो हुकूमत थी वो मुस्लिम यानी निज़ाम के पास थी. उनके कुछ लोंगो ने कहा कि जब देश का बटवारा धर्म के आधार पर हो रहा है, तो क्यों ना हैदराबाद को पाकिस्तान का हिस्सा बनाया जाए. लेकिन निज़ाम ने इस माग को नकार दिया और पाकिस्तान का हिस्सा होने से इंकार कर दिया.
पुलिस एक्शन का बाद भारत को मिला हैदराबाद
आगे उन्होंने बताया कि 15 अगस्त 1947 आज़ादी के बाद भी हैदराबाद में निज़ाम की हुकूमत चलती रही, लेकिन 13 सितंबर 1948 को आजादी के करीब 13 महीने बाद हैदराबाद रियासत पर पुलिस एक्शन होता है जो करीब 5 दिनों तक चला. उसके बाद निजाम के द्वारा हैदराबाद को भारत का हिस्सा होना पड़ा और फिर नेहरू की सरकार के साथ एक एग्रीमेंट हुआ. सरदार पटेल भी उस का हिस्सा थे एग्रीमेंट ये हुआ कि निज़ाम को राज्य प्रमुख बनाया गया था. उस एग्रीमेंट के तहत हैदराबाद जो स्टेट था भारत यूनियन के साथ मर्ज हुआ.
26 जनवरी 1950 जब बना संविधान
आगे वो बताते हैं कि जब हैदराबाद एक बार आजाद भारत का हिस्सा हो गया तो फिर कभी अलग नहीं हुआ. जब 26 जनवरी 1950 संविधान पूरे देश में लागू हुआ और भारत एक लोकतांत्रिक देश बना तो हैदराबाद में भी उसका पालन शुरू हुआ.
हैदराबाद दकन को भाषा के आधार पर बाटा गया।
हैदराबाद जो स्टेट था उसमे मरहठी बोलने वाले जो इलाका था उसे महाराष्ट्र के साथ जोड़ दिया गया और जो कन्नड़ भाषा वाले इलाके थे उनको कर्नाटका के साथ जोड़ दिया गया और जो उर्दू और तेलगु भाषा का क्षेत्र था उसको आंध्र प्रदेश का हिस्सा माना गया.
निज़ाम को टाइम मैगजीन ने कहा “रिचेस्ट मैन ऑन अर्थ” 22 फ़रवरी 1937 में टाइम मैगजीन ने निज़ाम को “रिचेस्ट मैन ऑन अर्थ” कहा उस समय दुनिया के सबसे अमीर इंसान थे. सन् 1962 में चीन के साथ युद्ध के दौरान लाल बहादुर शास्त्री ने फंड रेंज अभियान चलाया जिसमें निज़ाम ने करीब 425 किलोग्राम सोना डोनेट किया.
Location :
Hyderabad,Hyderabad,Telangana
First Published :
January 23, 2025, 11:11 IST
आजाद भारत को 13 महीने बाद मिला था हैदराबाद, सैन्य कार्रवाई से हुआ था विलय