इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर में एक बार फिर से डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है। इस बार साइबर ठगों ने कारोबारी की बहू को निशाना बनाते हुए डिजिटल अरेस्ट किया और डेढ़ करोड़ रूपए से ज्यादा की ठगी की। फिलहाल महिला की शिकायत के बाद पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
जानकारी के अनुसार, इंदौर की महिला कारोबारी वंदना गुप्ता को साइबर ठगों ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाकर तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट बनकर रखा। ठगों ने खुद को ईडी का अधिकारी बताकर एक करोड़ 60 लाख रुपये अपने बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करवाए और गोल्ड लोन लेने का भी दबाव बनाया। ठगी की शिकार हुई महिला ने अब पुलिस को शिकायत की है।
साइबर पुलिस के अधिकारी नरेंद्र रघुवंशी ने बताया कि बदमाशों ने महिला को जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के प्रकरण में शामिल बताकर तीन दिन डिजिटल अरेस्ट रखा। ठगों ने खुद को ईडी का अधिकारी बताकर अपने झांसे में लिया और जांच के नाम पर एक करोड़ 60 लाख रुपये अपने खातों में जमा करा लिए। इसके बावजूद भी साइबर ठग महिला पर गोल्ड लोन लेकर धनराशि और भेजने का दबाव बनाने लगे तो महिला को ठगे जाने का अहसास हुआ। इसके बाद महिला कारोबारी ने नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर शिकायत की है।अब पुलिस साइबर ठगों के खातों और मोबाइल नंबर के आधार पर उनकी जानकारी जुटा रही है।
साइबर ठगी का शिकार हुईं 50 वर्षीय वंदना गुप्त इंदौर के प्रगति विहार कालोनी में रहती हैं। वह उद्योगपति सुभाष गुप्ता की बहू हैं और शेयर खरीदने-बेचने वाले एक बड़े ग्रुप के साथ कारोबार करती हैं। वंदना का कहना है की उन्होंने साइबर अरेस्ट जैसी घटना के बारे में कभी नहीं सुना। इसी वजह से वो बदमाशों और ठगों के जाल में फंस गई और करोड़ों रूपए गवां बैठी।
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