Agency:News18 Madhya Pradesh
Last Updated:February 07, 2025, 20:24 IST
Balaghat News: कोड़का गांव, जो नक्सल प्रभावित है, बिजली, पानी और नेटवर्क जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है. प्रधानमंत्री की जल जीवन मिशन योजना के बावजूद यहां पानी की आपूर्ति नहीं हो रही. बिना पानी खेती कैसे हो...और पढ़ें
कोड़का की हालत खराब
हाइलाइट्स
- कोड़का गांव में बिजली और पानी की भारी कमी है.
- बच्चे रात में पढ़ाई नहीं कर पाते, खेती भी प्रभावित होती है.
- गांव में नेटवर्क की भी समस्या, डिजिटल सेवाओं का लाभ नहीं मिल पाता.
बालाघाट. बालाघाट से लगभग 35 किलोमीटर दूर कोड़का नाम का गांव है. इस गांव को अति नक्सल प्रभावित जोन में रखा गया है. जहां इन गांवों को मुख्य धारा में लाने के लिए प्राथमिकताएं तय की जानी चाहिए लेकिन ये गांव सिस्टम की उपेक्षा का शिकार हो रहा है. ऐसा हम इसलिए कह रहे क्योंकि इस गांव में अब तक बुनियादी सुविधाएं पहुंच पा रही हैं. इस गांव में न तो बिजली है, न ही पानी और न ही बेहतर कनेक्टिविटी के लिए नेटवर्क. देखिए लोकल 18 की ग्राउंड रिपोर्ट…
इस गांव में बिजली की समस्या
कोड़का गांव नक्सलाइट जोन में है, जो कि बैहर विकासखंड के अंतर्गत आता है. इस गांव में बिजली की समस्या है. इस गांव में बिजली तो आती है, जिसका वोल्टेज हमेशा कम रहता है. ऐसे में यहां के लोगों रात में समस्या आती है. यहां पर स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे रात में पढ़ाई नहीं कर पाते हैं. वहीं, बिजली की खराब व्यवस्था होने के कारण सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. ऐसे में यहां के लोग रबी की फसलें नहीं लगा पाते हैं. वहीं, खरीफ की फसल में कभी पानी की जरूरत पड़ती है, तो पानी की सुविधा नहीं पाती है. आपको बता दें कि इस गांव के लोग खेती पर ही निर्भर रहते हैं.
नल-जल योजना तो है, लेकिन कभी पानी नहीं मिला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी योजना जल जीवन मिशन की शुरूआत साल 2019 में की थी. इसी के साथ लक्ष्य रखा गया था कि हर गांव में पानी पहुंचाया जाएगा लेकिन इस गांव में योजना के तहत टंकी तो बन गई लेकिन किसी भी घर में इसका पानी नहीं पहुंचता. ऐसे में लोगों को पानी के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है. वहीं, गर्मी के दिनों में पानी की समस्या और भी विकराल रूप ले लेती है, जिससे ग्रामीणों की तकलीफ और भी बढ़ जाती है.
नेटवर्क नहीं होना एक बड़ी समस्या
जब सारी दुनिया डिजिटल हो रही है, वहीं, इस गांव में नेटवर्क का नाम नहीं है. साथ ही सरकार की सारी योजनायों का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन कार्य करने पड़ते हैं, ऐसे में लोगों को इसमें भी समस्याएं आती है. वहीं, कभी को इमरजंसी आ जाए तो नेटवर्क नहीं मिलता. नेटवर्क के लिए भी इन्हें कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है.
सरपंच बोले- हर दफ्तर के चक्कर लगा लिए कुछ नहीं हुआ
कोड़का गांव ग्राम पंचायत कावेली के अंतर्गत आता है, जिसके सरपंच जीवन सिंह टेकाम है. उन्होंने बताया कि हमारे गांव में कई समस्याएं है, जिसको लेकर हम जनपद पंचायत से लेकर कलेक्ट्रेट तक गए. लेकिन आज तक हमारी समस्याओं का निराकरण नहीं हो पाया है. न कोई बिजली के लिए ध्यान देता है न ही पानी के लिए.
Location :
Balaghat,Madhya Pradesh
First Published :
February 07, 2025, 20:23 IST
इस गांव में छिपी है सरकारी योजनाओं की काली सच्चाई! किसान हों या छात्र, हालत...