Last Updated:January 22, 2025, 10:32 IST
Saliva Test Could Identify a Range of Diseases: वैज्ञानिकों ने एक ऐसा टेस्ट निकाला है जो कई बीमारियों का पता सालों पहले लगा सकता है. अगर यह टेस्ट सफल हो जाता है तो यह क्रांतिकारी साबित हो सकती है.
Saliva Test Could Identify a Range of Diseases: वैज्ञानिकों ने एक क्रांतिकारी टेस्ट इजाद किया है. इस टेस्ट के माध्यम से कई असाध्य बीमारियों का पता सालों पहले लग जाएगा. इसके लिए सिंपल थूक का टेस्ट किया जाता है. इस थूक या लार में कुछ हानिकारक एंजाइम को डिटेक्ट किया जाएगा. ये हानिकारक एंजाइम मसूड़ों की बीमारी को बढ़ाता है लेकिन यह हार्ट डिजीज के जोखिम को भी बता सकता है. ब्रिटेन में इस टेस्ट के लिए 50 पौंड यानी करीब 5 हजार रुपये खर्च करने होते हैं लेकिन इस टेस्ट से सिर्फ हार्ट डिजीज ही नहीं कई अन्य बीमारियों का पूर्व संकेत मिल सकता है जिसकी बदौलत व्यक्ति पहले से सचेत होकर अपना इलाज करा सकता है.
10 मिनट में रिजल्ट आ जाएगा सामने
डेलीमेल की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह टेस्ट रेड लाइट की तरह है. जैसे सड़क पर रेड सिग्नल आने पर वाहन को रोकना पड़ता है उसी तरह अगर टेस्ट में हानिकारक एंजाइम के संकेत मिलते हैं तो इससे व्यक्ति को सतर्क होने की जरूरत है. 10 मिनट के अंगर इस टेस्ट का रिजल्ट आ जाता है. इस टेस्ट में न सिर्फ हार्ट डिजीज बल्कि डायबिटीज और यहां तक कि डिमेंशिया के अंदेशों का पता चल जाता है. डेंटिस्ट डॉ. फजीला खान ओसबोर्ने बताती है कि नया टेस्ट एक तरह का अलार्म सिस्टम की तरह काम करेगा. उन्होंने कहा कि हमारे मुंह में करोड़ों बैक्टीरिया होते हैं. इनमें से कई ओरल हेल्थ के लिए बहुत हानिकारक होते हैं तो कई हार्ट डिजीज और डायबिटीज को भी जन्म देते हैं. इससे हमें भविष्य में होने वाली बीमारियों का भी पता चल सकता है.
हार्ट अटैक का पता पहले लगेगा
इस टेस्ट से किसी भी बीमारी को शुरुआती दौर में पता चल सकता है. डॉक्टरों का कहना है कि अगर इस टेस्ट से भविष्य की बीमारी का पता चलेगा तो यह दुनिया भर में लोगों को अरबों रुपये की बचत कराएगा. मुंह की बीमारियों के लिए तो यह रामबाण सबित होगा.डॉ. जमीला खान ने बताया कि हमारा मुंह अधिकांश बीमारियों के लिए पहली खिड़की है. अगर शरीर में किसी पोषक तत्व की भी कमी होती है तो इसका अंदाजा भी मुंह में मौजूद बैक्टीरिया से लगाया जा सकता है. इसलिए दांतों का रेगुलर चेकअप कराया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुंह के लार से अगर हार्ट डिजीज का पता पहले चल जाए तो इससे अच्छी कोई बात नहीं हो सकती है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक दिल से संबंधित बीमारियों के हार साल दुनिया भर में 1.79 करोड़ लोगों की मौत हो जाती है. इस लिहाज से यह टेस्ट मील का पत्थर साबित हो सकता है.
First Published :
January 22, 2025, 10:32 IST