Agency:Local18
Last Updated:February 04, 2025, 10:10 IST
World Cancer Day: जूनागढ़ में कैंसर तेजी से बढ़ रहा है, खासकर मुंह और स्तन कैंसर के मामले अधिक हैं. जागरूकता और समय पर निदान से इसे रोका जा सकता है.
हाइलाइट्स
- जूनागढ़ में मुंह और स्तन कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं.
- समय पर निदान और जागरूकता से कैंसर रोका जा सकता है.
- कैंसर के शुरुआती लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है.
जूनागढ़: आज 4 फरवरी यानी विश्व कैंसर दिवस है. इस दिन को कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने, इसके बारे में जानकारी फैलाने और इस बीमारी से लड़ने के प्रयास के रूप में देखा जाता है. वर्तमान में दुनिया भर में कैंसर से मौतों की संख्या बढ़ रही है, जिसमें जूनागढ़ जिला भी शामिल है. जूनागढ़ सिविल अस्पताल में वर्तमान में 1500 से 2000 कैंसर मरीज दर्ज किए गए हैं, जिसमें मुंह के कैंसर का दर अधिक पाया गया है. पहले के समय में कैंसर को लोग मौत की सजा समझते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. समय के साथ मेडिकल क्षेत्र में भी अच्छे शोध हुए हैं और अब इसके अच्छे परिणाम भी मिल रहे हैं. तो आइए जानते हैं कि वर्तमान में किस प्रकार से कैंसर को मात दी जा सकती है, कैसे इसे पहचाना जा सकता है, इसके बारे में जूनागढ़ सिविल अस्पताल के कैंसर विभाग के इंचार्ज डॉ. अजय परमार से जानते हैं…
जानकारी के अनुसार, जूनागढ़ सहित हर जगह कैंसर का प्रकोप दिन-ब-दिन बढ़ रहा है. इसमें सबसे अधिक मुंह के कैंसर का प्रकोप है. केशोद सौराष्ट्र क्षेत्र में यह प्रकोप सबसे अधिक देखा जा रहा है. इसमें भाई और बहन दोनों में यह प्रकोप देखा जा रहा है. महिलाओं में सबसे अधिक स्तन कैंसर (Breast cancer) और अंडाशय का कैंसर (ovarian cancer) देखा जा रहा है. ज्यादातर जिस हिस्से का कैंसर होता है, उसके लक्षण अलग-अलग होते हैं.
उदाहरण के लिए, अगर मुंह का कैंसर है, तो उस हिस्से में घाव नहीं भरते हैं. ज्यादातर कैंसर में इस प्रकार के घाव में दर्द नहीं होता है. अगर घाव में थोड़ा-थोड़ा खून निकलता हो और दर्द न हो तो यह कैंसर का घाव हो सकता है. अगर इस प्रकार के लक्षण दिखें तो अपने जानकार डॉक्टर या किसी ईएनटी सर्जन (ENT Surgeon) को दिखाना जरूरी है. इसके साथ ही महिलाओं में दिखने वाले स्तन कैंसर में महिलाएं खुद से जांच करती हैं, लेकिन जब भी गांठ या कुछ असामान्य दिखे तो मैमोग्राफी या सोनोग्राफी से जल्दी निदान हो सकता है. अगर स्तन कैंसर का जल्दी निदान हो जाए तो उस मरीज की उम्र 5 से 20 साल तक बढ़ सकती है.
कीमोथेरेपी एक प्रकार की एंटीबायोटिक दवा है
कैंसर के समय दी जाने वाली कीमोथेरेपी एक प्रकार की एंटीबायोटिक दवा है. इस थेरेपी में मरीज को बॉटल चढ़ाई जाती है. यह एक विशेष प्रकार की दवा है जो सीधे कैंसर कोशिकाओं पर असर करती है. इसके अलावा कई अन्य दवाएं भी टैबलेट के रूप में दी जाती हैं. खासकर लोग कैंसर में खाने-पीने में भी बदलाव कर देते हैं, लेकिन इसमें किसी भी प्रकार की परहेज की जरूरत नहीं है. जिस प्रकार पहले खाते थे, उसी प्रकार खाना जारी रखें तो भी शरीर को पोषण मिलता रहेगा क्योंकि मुख्य बात शरीर का वजन बनाए रखना है.
कैंसर के प्रकार
कैंसर कई प्रकार के होते हैं. जिसमें फेफड़े का कैंसर, अन्ननली का कैंसर (esophageal cancer), पेट का कैंसर, आंत का कैंसर ये सभी प्रकार के कैंसर वर्तमान समय में देखे जा रहे हैं. सामान्यतः पहले या दूसरे स्टेज में अगर कैंसर का सही तरीके से इलाज कर लिया जाए तो मरीज का खर्च भी कम होता है और जल्दी स्वस्थ भी हो जाता है.
नियमित बॉडी चेकअप करवाना चाहिए, नियमित रिपोर्ट्स करवानी चाहिए, 6 से 12 महीने में सोनोग्राफी, एक्स-रे, खून की विभिन्न रिपोर्ट्स करवानी चाहिए. इसके लिए अपने जानकार एमडी डॉक्टर से दिखाकर मार्गदर्शन ले सकते हैं, लेकिन मुख्य बात यह है कि लोगों को इस बारे में जागरूक रहना जरूरी है. नियमित चेकअप करवाएं तो जल्दी पता चल सकेगा जिससे जल्दी इलाज शुरू हो सके और आगे के चरणों से बचा जा सके. महत्वपूर्ण है कि सभी कैंसर घातक होते हैं, लेकिन अंतिम स्टेज में सभी कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाते हैं. इस प्रकार की स्टेज में इलाज मरीज को अधिक तकलीफ न हो इस प्रकार से दिया जाता है.
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अब तक कुल दर्ज मरीजों की संख्या 1969 है. जिन्हें मदद मिल सके इसके लिए कैंसर पीड़ित व्यक्ति को हर महीने 1,000 रुपये की चिकित्सा सहायता सरकार द्वारा दी जाती है. जब तक यह इलाज चलता है तब तक हर साल डॉक्टर का प्रमाणपत्र जोड़कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं.
First Published :
February 04, 2025, 10:10 IST