रीवा. हम बात कर रहे हैं रीवा के उस खेती और किसान की जो भीषण ठंडी, गर्मी और बरसात में अपना खून पसीना बहा कर धरती से दौलत पैदा करता है. जो अनाज देश के हर अमीर गरीब का भूख मिटाता है और सरकार का बड़ा बोट बैंक है. उसी अन्नदाता को अब नकली खाद बीज इस्तेमाल करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
मिलावटखोरों का गैंग ऐसा सक्रिय है कि हर जगह खाद बीज में मिलावटखोरी की शिकायतें आम हो चुकी है. खाद बीज में मिलावट खोरी एक गंभीर समस्या है और वर्तमान तथा भविष्य में अन्नदाताओं के लिए बड़े संकट से कम नहीं है. शासन प्रशासन की इस मामले में निष्क्रियता इस गंभीर समस्या को और बढ़ा रही है.
मिलावटखोरी से किसान परेशान
गांव-गांव में मिलावटी डीएपी खाद की बिक्री की जा रही है. कुछ किसान मजबूरी में मिलावटी खाद खरीद रहे हैं. इससे इन्कार नहीं किया जा सकता खाद कि मिलावटखोरी और अवैध कंपनियों की सक्रियता ने किसानों को परेशान कर दिया है. भारतीय जन उर्वरक परियोजना कंपनी की खाद, जो मानक के अनुसार 50 किलो 200 ग्राम होनी चाहिए, उसे 51 किलो 800 ग्राम के रूप में बेचने की शिकायतें किसानों द्वारा मिली है. माना जा रहा है कि खाद में अतिरिक्त वजन मिलावट और धोखाधड़ी का संकेत है, जो किसानों के लिए आर्थिक और उत्पादन हानि का कारण बन रहा है.
किसानों को ठगने का काम कर रही कंपनियां
ताज्जुब की बात यह है कि गांवों मे कोई अधिकृत कंपनी नहीं है फिर भी यह कंपनीयां किसानो को खाद बेच रही हैं. जिनकी खाद की बोरी का मानक वजन कम औेर ज्यादा हो रहा है. कंपनियां किसानों को ठगने का काम कर रही हैं. अक्टूबर 2024 से लेकर अब तक मिलावटखोरी के मामले तेजी से बढ़े हैं, रीवा और मऊगंज जिले के अधिकांश तहसील क्षेत्र में इस तरह की खबरें आ रही हैं कि खाद की नई कंपनियां धड़ल्ले से किसानों को खाद बेच रही हैं. इससे पहले भी शिकायत की गई थी पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं होने से इन करोबारियों के हौंसले बुलंद हैं. किसानों को मिलावटी खाद बेची जा रही है वावजूद इसके अब तक किसी भी प्रकार से मिलावटी खाद विक्रय पर जिम्मेवारों ने ध्यान नहीं दिया है.
कुछ किसान संगठनों ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि अगर इस समस्या पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक अपनी बात पहुंचाएंगे.
Edited By- Anand Pandey
Tags: Fertilizer Shortage, Local18, Madhya pradesh news, Rewa News
FIRST PUBLISHED :
November 21, 2024, 13:33 IST