Agency:Local18
Last Updated:January 24, 2025, 14:43 IST
Bans ki kehti: बांस की खेती कम लागत और अधिक मुनाफे का जरिया है. सरकार की योजनाओं और बढ़ती मांग से किसान 4-5 लाख रुपये तक कमा सकते हैं.
बांस, जिसे ‘ग्रीन गोल्ड’ भी कहा जाता है, एक ऐसा पौधा है जो तेजी से बढ़ता है और कम मेहनत में ज्यादा मुनाफा देता है. भारत में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है, क्योंकि यह न सिर्फ फर्नीचर और कंस्ट्रक्शन में उपयोगी है, बल्कि इसका इस्तेमाल कागज, कपड़ा और सजावट के सामान बनाने में भी किया जाता है.
कम खर्च, ज्यादा मुनाफा
बांस की खेती के लिए किसानों को ज्यादा निवेश करने की जरूरत नहीं पड़ती. एक बार लगाने के बाद, बांस 40 से 50 साल तक उपज देता है. इसमें खाद और सिंचाई का खर्च भी कम होता है. बांस के पौधे 3-4 साल में तैयार हो जाते हैं और इसके बाद हर साल फसल कटाई की जा सकती है.
सरकारी योजनाओं से मिल रही मदद
भारत सरकार किसानों को बांस की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है. नेशनल बैंबू मिशन जैसी योजनाएं किसानों को आर्थिक सहायता और तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराती हैं. इसके अलावा, कई राज्यों में किसानों को मुफ्त या रियायती दरों पर बांस के पौधे दिए जा रहे हैं.
बांस की खेती से कमाई
बांस की खेती से किसान सालाना लाखों रुपये कमा सकते हैं. एक बांस का पौधा हर साल 10-12 टन बांस देता है, जिसकी बाजार में कीमत 2,000-3,000 रुपये प्रति टन तक होती है. बड़े पैमाने पर खेती करने वाले किसान सालाना 4-5 लाख रुपये तक कमा सकते हैं.
कैसे शुरू करें बांस की खेती?
बांस की खेती शुरू करने के लिए पहले जमीन की तैयारी करनी होती है. इसे सूखी और कम उपजाऊ जमीन पर भी उगाया जा सकता है. बांस के पौधों को मानसून के दौरान लगाया जाए तो उनकी वृद्धि बेहतर होती है. एक हेक्टेयर जमीन पर लगभग 200-300 पौधे लगाए जा सकते हैं.
बाजार में बढ़ रही मांग
आजकल बांस से बने इको-फ्रेंडली प्रोडक्ट्स का ट्रेंड बढ़ रहा है. बांस के फर्नीचर, बर्तन, और सजावटी सामान बाजार में खूब बिक रहे हैं. इसके अलावा, बांस की लकड़ी को कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में भी खूब पसंद किया जा रहा है. ऐसे में बांस उगाने वाले किसानों को अपना माल बेचने के लिए बाजार में ज्यादा परेशानी नहीं होती.
First Published :
January 24, 2025, 14:43 IST
किसानों के लिए ग्रीन गोल्ड, कम लागत में बंपर मुनाफा...ऐसे करें बांस की खेती