कुबेर के खजाने से कम नहीं इन दो नस्लों की भैंस! इस जलवायु के लिए सबसे बेहतर

2 hours ago 1

Last Updated:January 20, 2025, 15:37 IST

जलवायु के लिए कौन सी भैंस नस्ल उपयुक्त रहेगी, जो अधिक दूध दे, दूध की गुणवत्ता भी बेहतर हो और साथ ही साथ अच्छा मुनाफा भी हो. इन सवालों के जवाब जानने के लिए लोकल 18 की टीम ने डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय,...और पढ़ें

X

भैंस

भैंस पालन 

समस्तीपुर:- समस्तीपुर जिले में पशुपालन का कार्य बड़े पैमाने पर होता है, लेकिन कुछ किसान खासकर भैंस पालन करने का विचार करते हैं. ऐसे किसानों के मन में यह सवाल अक्सर उठता है कि समस्तीपुर के जलवायु के लिए कौन सी भैंस नस्ल उपयुक्त रहेगी, जो अधिक दूध दे, दूध की गुणवत्ता भी बेहतर हो और साथ ही साथ अच्छा मुनाफा भी हो. इन सवालों के जवाब जानने के लिए लोकल 18 की टीम ने डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के डेरी फार्म विभाग के वैज्ञानिक डॉ. विजय कुमार गोंड से बातचीत की. आइए जानते हैं कि उनके अनुसार कौन सी नस्लें समस्तीपुर की जलवायु के लिए सबसे उपयुक्त हैं और इनका रखरखाव कैसे किया जाए.


क्या कहते हैं वैज्ञानिक

डॉ. विजय कुमार गोंड, जो डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के डेरी फार्म में कार्यरत हैं, ने समस्तीपुर की जलवायु के लिए नीली रवि और मुरहा नस्ल के पालन की सलाह दी. उनका कहना था कि नीली और रवि नस्ल की भैंसें समस्तीपुर के तापमान और मौसम के अनुकूल होती हैं. ये भैंसें हर 12 से 15 महीने में बछड़ा देती हैं और इनके दूध में फैट की मात्रा भी अधिक होती है, जिससे किसानों को बेहतर मुनाफा मिल सकता है. इसके अलावा, इन नस्लों की भैंसें उच्च गुणवत्ता वाला दूध देती है, जो व्यावसायिक दृष्टिकोण से फायदेमंद साबित हो सकती है.

ये भी पढ़ें:- 12th History Board Exam Tips: परीक्षा के अंतिम समय में इतिहास की ऐसे करें तैयारी, शॉर्ट स्टडी का रामबाण टिप्स

रख-रखाव की अहम बातें
वैज्ञानिक ने कहा कि भैंसों के लिए उचित छांव और ठंडी जगह का होना बेहद आवश्यक है, खासकर गर्मी के मौसम में. अधिक गर्मी में दूध की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है. भैंसों को अच्छा पोषण देना बेहद जरूरी है. इसके लिए हरा चारा, चोकर, और अन्य उच्च गुणवत्ता वाले आहार का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. भैंसों की नियमित रूप से वैक्सीनेशन और रोगों से बचाव के लिए चिकित्सकीय देखभाल पर ध्यान देना चाहिए. भैंसों का दूध दुहने का समय सही होना चाहिए और उनके आराम के लिए भी उचित इंतजाम होना चाहिए. भैंसों और उनके बाड़े की सफाई बनाए रखना जरूरी है, ताकि वे बीमारियों से बच सकें. बता दें कि इन सभी बातों का ध्यान रखकर, आप समस्तीपुर की जलवायु में भैंस पालन से अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं.

Location :

Samastipur,Bihar

First Published :

January 20, 2025, 15:37 IST

homebihar

कुबेर के खजाने से कम नहीं इन दो नस्लों की भैंस! इस जलवायु के लिए सबसे बेहतर

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article