दीपेंद्र कुमावत/नागौर. जिले में ज्यादा बारिश के कारण अधिकांश किसानों की फसल को नुकसान हुआ है. अब किसानों ने अपने खेत में रबी बीज बोना शुरू कर दिया है. शारदीय नवरात्र के साथ ही नागौर क्षेत्र में सरसों की जमकर बुवाई शुरू हो गई है. किसानों के अनुसार रबी सीजन में सरसों बुवाई के लिए नवरात्रि सबसे उपयुक्त समय माना गया है. किसान कल्टीवेटर व सीड ड्रिल की मदद से खेत तैयार कर जुताई करते हैं, फिर क्यारियां बनाकर सिंचाई की जाती है.
हालांकि, खरीफ फसलों में कपास व अधिकांश दलहन फसलें अतिवृष्टि से खराब हो गई थी, लेकिन किसान आशाओं पर जीने वाला एक कृषि योद्धा है, ऐसे में खेत की मिट्टी में फिर से बीज बोए जा रहे हैं. रबी की ऋतु में किसान गेहूं जौ, चना आदि मिट्टी की गुणवत्ता के अनुसार बोते हैं. मिट्टी की सौंधी महक के साथ बोए गए बीज, अंकुरण के साथ ही किसानी अरमानों को नई शक्ति दे रही है.
सरसों की बुवाई का सबसे अच्छा समय
आपको बता दें कि सरसों बुवाई के लिए यह समय सबसे अच्छा है. आती हुई सर्दी में पौध पनप जाती है. इस समय उगने वाली पौध में कीट रोग भी कम देखने को मिलेगा और दीपावली के आसपास कुछ खेतों में निराई भी की जा सकेगी. सर्दी बढ़ने के साथ पौधों के नष्ट होने का खतरा भी अधिक बढ़ जाता है, ऐसे में आई सर्दी के अंदर सर्दी गर्मी दोनों रहती है. जिससे पौधा आसानी से विरोध कर पता है और अच्छे फसल की उम्मीद रहती है. आपको बता दें कि आमतौर पर सरसों बीज लगभग दो किलो/बीघा के हिसाब से बोया जाता है. किसान राजा राम ने बताया कि औसत तीन से चार किंव/बीघा के हिसाब से उत्पादन होता है. दवाओं के छिड़काव की भी जरूरत कम ही रहती है.
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FIRST PUBLISHED :
October 7, 2024, 15:42 IST