क्या आसमान छूएंगे सेब के दाम? फसल पर मंडरा रहा बड़ा खतरा;बागवानों की उड़ी नींद

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Agency:News18 Himachal Pradesh

Last Updated:February 12, 2025, 16:41 IST

Apple Farming: हिमाचल प्रदेश में सूखे के कारण सेब की फसल पर संकट मंडरा रहा है. बागवानों ने जल संचयन और सरकार से सब्सिडी की मांग की है. तापमान बढ़ने से फसल का चक्र बदल रहा है और बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है.

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सेब

सेब की फसल पर संकट,

हाइलाइट्स

  • हिमाचल में सूखे से सेब की फसल पर संकट.
  • बागवानों ने जल संचयन और सब्सिडी की मांग की.
  • तापमान बढ़ने से फसल का चक्र बदल रहा है.

शिमला. हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं. इसका असर जहां लोगों के स्वास्थ्य पर देखने को मिल रहा है, तो वहीं इसका असर फसलों पर भी देखने को मिल रहा है. हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाले सेब भी इस सूखे की मार से जूझ रहा है. इस वर्ष सेब की फसल पर संकट मंडराता हुआ नजर आ रहा है. बागवानों को डर है कि यदि ऐसा ही सूखा पड़ता रहा, तो सेब अपने चिलिंग हॉर्स पूरे नहीं कर पाएगा. सूखे जैसे हालातों से बगीचों में बीमारियां लगना भी शुरू हो गई हैं, जिससे सेब की फसल को भी भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. बागवानों ने भी सूखे के हालातों को लेकर चिंता जाहिर की है.

25 दिन पहले ही आ सकती है फूल और पत्तियां
फल, फूल और सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष एवं बागवान हरीश चौहान ने बताया कि मौसम परिवर्तन के कारण फसल का चक्र भी बदल रहा है. इस साल तापमान अधिक होने के कारण सेब के पौधों पर 25 दिन पहले ही फूल और पत्तियां आ सकती हैं, जिससे फसल के उत्पादन पर असर पड़ेगा. हरीश चौहान ने बागवानों को जल संचयन, मल्चिंग और छोटे गड्ढे बनाकर पानी बचाने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि सरकार को जल संग्रहण टैंकों के निर्माण के लिए सब्सिडी देनी चाहिए, ताकि सिंचाई का बेहतर प्रबंध किया जा सके. हिमाचल में सेब लाखों लोगों की रोज़ी-रोटी का साधन है. अगर सरकार और बागवान समय रहते जरूरी कदम नहीं उठाते, तो आने वाले वर्षों में यह संकट और गहरा सकता है.

कम हाइट के सेब में हो सकती है सैकब बीमारी
रोहडू के युवा बागवान मोहित शर्मा ने बताया कि बारिश-बर्फबारी की कमी से मिट्टी में नमी बेहद कम हो गई है, जिससे न केवल नए पौधों की ग्रोथ रुक गई है, बल्कि पुराने पौधे भी कमजोर हो रहे हैं. अगर इस समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो भविष्य में हिमाचल में सेब की पारंपरिक किस्में प्रभावित हो सकती है. मौजूदा समय में जमीन पूरी तरह से सूख चुकी है और मौसम की बेरुखी से सेब के चिलिंग हॉर्स पूरे नहीं हो पा रहे हैं. यदि चिलिंग हॉर्स पूरे नहीं होंगे, तो इसका सीधा असर पौधों और फसल पर देखने को मिलेगा. यदि तापमान ऐसे ही बढ़ता रहा तो, आने वाले समय में कम हाइट वाले पौधों में स्कैब नामक बीमारी देखने को मिल सकती है.

जमीन में नहीं कोई नमी, सुखी पड़ी है जमीन
जिला शिमला के ही युवा बागवान सार्थक ने बताया कि उन्होंने सेब के नए पौधे लगाने की तैयारी कर ली थी. लेकिन, बारिश न होने के कारण जमीन सुखी पड़ी हुई है. उन्हें चिंता सताने लगी है कि नए पौधों की ग्रोथ कैसे हो पाएगी. बारिश और बर्फबारी से मौजूदा फसल के भी चिलिंग हॉर्स पूरे नहीं हो पा रहे हैं. लगातार बढ़ रहा तापमान चिंता का विषय है. वहीं, बारिश बर्फबारी ना होना भी एक गंभीर विषय है. इस बारे में किसान-बागवानों सहित प्रशासन को भी विचार करने की आवश्यकता है. सरकार को चाहिए कि ऐसे सूखे जैसे हालातों में किसान बागवानों के लिए सिंचाई की कोई ठोस योजना तैयार की जाए, ताकि फसलों को नुकसान न हो.

Location :

Shimla,Himachal Pradesh

First Published :

February 12, 2025, 16:41 IST

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