क्या कहता है विज्ञान: कैसे पिघल रहा है अंटार्कटिका, कितना मुश्किल है यह जानना?

2 hours ago 2

Last Updated:January 19, 2025, 08:01 IST

एक रिसर्च में वैज्ञानिकों ने पड़ताल की है कि आखिर कैसे अंटार्कटिका की बर्फ पिघल रही है. इस पूरी प्रक्रिया में जहां एक तरफ उन्हें इस प्रक्रिया में शामिल बहुत से कारक मिल रहे हैं. उन्हें यह भी पता चला है कि यह प्रक्रिया जटिल...और पढ़ें

 कैसे पिघल रहा है अंटार्कटिका, कितना मुश्किल है यह जानना?

वैज्ञानिक यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर अंटार्कटिका की बर्फ पिघल क्यों रही है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों की सबसे बड़ी चेतावनी इसी रूप में आती है कि इससे ध्रुवों की बर्फ तेजी से पिघलने लगी है. इससे जल्दी ही दुनिया के कई देश समुद्र में डूब जाएंगे. दुनिया में इंसानी गतिविधियों के कारण  पूरी पृथ्वी का औसत तापमान बढ़ता जा रहा है. और इसका एक असर ये हो रहा है कि अंटार्कटिका की बर्फ की चादर तेजी से पिघल रही है और इसके पिघलने से दुनिया के महासागरों का जलस्तर बढ़ जाएगा और दुनिया के कई अहम हिस्से डूब जाएंगे. यहां तक कि मालदीव जैसा देश तक खत्म हो जाएगा.  पर आखिर ये हो कैसे रहा है. इस पर ज्यादा सुनने को नहीं मिलता है. तो आइए जानते हैं कि अंटार्कटिका की बर्फ आखिर पिघल कैसे रही है और इस पर क्या कहता है विज्ञान?

एक बहुत बड़ी मुश्किल
अंटार्कटिका की बर्फ की चादर को समझना आसान नहीं है. दो किलोमीटर मोटी यह चादर इतने इलाके में फैली है कि यह बर्फ की चादर अकेले ऑस्ट्रेलिया से दोगुने इलाके को घेरती है. इसमें इतना ताजा पानी ही कि अगर यह पिघल जाए तो दुनिया में समुद्रों का जल स्तर 58 मीटर ऊपर उठ जाएगा. लेकिन अंटार्कटिका की बर्फ की चादर में से बर्फ का खोना ही वह प्रक्रिया है जिससे समुद्री जलस्तर बहुत बढ़ने का खतरा बताया जा रहा है. लेकिन यह कितना होगा यह मापना बहुत मुश्किल है.

बर्फ के पिघलने को समझने की कोशिश
ऐसा इसलिए है कि यह बहुत ही सूक्ष्म स्तर पर हो रहा है और इसे ना केवल मापना कठिन है, बल्कि इसका कोई मॉडल बनाना भी बहुत ही मुश्किल काम है. लेकिन हाल ही में वैज्ञानिकों ने मैडलीन जी रोजवियर की अगुआई में इस बर्फ और महासागर के बीच की परत को समझने की कोशिश की है और यह स्टडी एनुअल रीव्यू में प्रकाशित भी हुई है.

How Antarctica is melting, melting Antarctica, Environment, Climate change, Global warming, crystal  expanse  melting,

अंटार्कटिका की बर्फ का आकार बहुत ही बड़ा है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)

आखिर क्यों मुश्किल है ये काम
अंटार्कटिका की बर्फ खास तौर से बर्फ की मोटी चादरों में नीचे की ओर पिघलती हैं  जिससे ना केवल यह चादर पतली हो रही है, बल्कि उसकी सीमा भी ध्रुव की ओर खिसकती जा रही है यानी चादर छोटी भी होती जा रही है. इसका सीधा नतीजा यही है कि बर्फ पिघल कर महासागरों के जलस्तर को बढ़ा रही है लेकिन पिघलने की प्रक्रिया को मापना बहुत ही मुश्किल है. इसे सिम्यूलेशन तकनीक से करना और भी मुश्किल है  जिसके खूब प्रयास भी हुए हैं.

तो क्या क्या हुई कोशिशें?
कई शोधकर्ताओं ने यह प्रयास किए कि सूक्ष्म स्तर पर महासागरों की धारा के बहावों का मॉडल बनाया जाए जो बर्फ को ऊष्मा देने का काम करते हैं. ऐसे में उन्हें कई कारक मिले हैं. वहीं आकार भी बर्फ पिघलने की प्रक्रिया को बहुत ज्यादा प्रभावित करता है. सोनार से सुज्जित रोबोट को बर्फ की चादर के नीचे पहुंचा कर वैज्ञानिकों ने हालही में बहुत से आंकड़े हासिल किए हैं.

How Antarctica is melting, melting Antarctica, Environment, Climate change, Global warming, crystal  expanse  melting,

अंटार्कटिका की बर्फ का पिघलने में एक साथ बहुत सारे चीजें काम कर रही हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Wikimedia Commons)

बदलती रहती हैं संरचनाएं
इन तमाम तरीकों से शोधकर्ता यह जान पाया कि बर्फ के चादर नीचे के अलग अलग जगह अलग अलग हालात मिलते हैं. ऐसे में सटीक तौर से यह तय करना मुश्किल हो जाता है कि आखिर बर्फ पिघलने की एक समग्र प्रक्रिया क्या है. जिस तरह से रेगिस्तान में रेत के टीले बनते बदलते रहते हैं, बर्फ की चादर के नीचे की ये संरचनाएं भी बदलती हैं जिन्हें आइसस्केप कहते हैं. इनके बर्फ पिघलने की प्रक्रियाएं भी बदलती और खिसकती रहती हैं.

यह भी पढ़ें: Explainer: आप करेंगे यकीं? धरती पर जीवन होने की एक वजह ये भी, धीमी होती रही पृथ्वी के घूमने की रफ्तार

समस्या ये है कि इन नई जानकारियों को जोड़ने के बाद भी चुनौती कायम है.  लेकिन इनसे उबरना भी जरूरी है जिससे सटीक नतीजे हासिल किए जा सकें. शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि इसी दिशा में बढ़ते रहने से भविष्य में उनकी ये सारी अनिश्चितताएं खत्म हो जाएंगी.

Location :

Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh

First Published :

January 19, 2025, 08:01 IST

homeknowledge

क्या कहता है विज्ञान: कैसे पिघल रहा है अंटार्कटिका, कितना मुश्किल है यह जानना?

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article