Last Updated:January 21, 2025, 15:45 IST
Donald Trump BRICS: डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता में वापसी करते हुए ब्रिक्स देशों को डॉलर के विकल्प पर काम करने पर 100 फीसदी टैरिफ की धमकी दी. अमेरिका ब्रिक्स को पश्चिमी देशों के विरोधी गुट मानता है, लेकिन भारत इस सम...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को धमकी दी है
- ब्रिक्स देशों में भारत भी आता है
- भारत के लिए यह चिंता की बात है
वॉशिंगटन: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर सत्ता में वापसी कर ली है. भारत के विदेश मंत्री शपथ ग्रहण में पहुंचे जो दिखाता है कि ट्रंप प्रशासन के साथ भारत के रिश्ते कैसे होंगे. भारत क्वाड का सदस्य है, लेकिन ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही भारत की सदस्यता वाले ब्रिक्स को धमकी दी है. ट्रंप ने धमकी देते हुए कहा कि अगर ब्रिक्स देश डॉलर की जगह अगर किसी दूसरी मुद्रा का इस्तेमाल करने की कोशिश करते हैं तो उनके ऊपर 100 फीसदी का टैरिफ लगाया जाएगा. ओवल ऑफिस में पहले दिन मीडिया से बात करते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, ‘एक ब्रिक्स राष्ट्र के रूप में अगर वह जो सोचते हैं और उसे करने की कोशिश करते हैं तो 100 फीसदी का टैरिफ लगाया जाएगा.’
ट्रंप की यह धमकी हर उस देश पर लागू होगी जो ब्रिक्स का सदस्य है. इसमें भारत भी आता है जिसे अमेरिका अपना प्रमुख साझेदार कहता है. अमेरिका के साथ भी कई ग्रुपों में भारत है. भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया वाला क्वाड इसका सीधा उदाहरण है. चीन के आर्थिक और सैन्य प्रभाव को रोकने के लिए इसे बनाया गया था. सवाल उठता है कि जब भारत और अमेरिका में इतने अच्छे संबंध हैं तो आखिर अमेरिका 100 फीसदी टैरिफ की धमकी क्यों दे रहा है.
ब्रिक्स से क्यों चिढ़ा रहता है अमेरिका
BRICS विकासशील देशों का एक समूह है, जिसका लक्ष्य सदस्य देशों के बीच आर्थिक और भूराजनीतिक सहयोग बढ़ाना है. ब्राजील, रूस, भारत, चीन इसके संस्थापक सदस्य रहे हैं. 2010 में पहली बार इसका विस्तार हुआ और दक्षिण अफ्रीका को शामिल किया गया. ब्रिक्स में भले ही भारत हो, लेकिन अमेरिका और उसके सहयोगी इसे पश्चिमी देशों के खिलाफ बना एक गुट मानते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें रूस और चीन का प्रभाव है. यही कारण है कि ब्रिक्स में भारत के लिए बैलेंस बनाना बेहद जरूरी होता है. 13 साल बाद 2023 में मिस्र, इथियोपिया, ईरान और यूएई को ब्रिक्स में शामिल किया गया. इसके अलावा हाल ही में इंडोनेशिया भी इसका सदस्य बना है.
भारत बनाता है बैलेंस
ब्रिक्स का विस्तार सर्वसम्मति से होता है और भारत इसे लेकर हमेशा सतर्क रहता है. भारत नहीं चाहता कि इसमें ऐसे देश शामिल हो जाएं, जिस कारण यह ग्रुप देखने में अमेरिका विरोधी लगे. कई बार ब्रिक्स मुद्रा की बात होती रही है. ट्रंप ने शपथ लेने से पहले ब्रिक्स देशों को धमकी दी थी कि अगर वे अपनी मुद्रा लॉन्च करने की हिम्मत करते हैं तो सदस्य देशों को 100 फीसदी टैरिफ के लिए तैयार रहना होगा.
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New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
January 21, 2025, 15:45 IST