खजूर के पेड़ गायब...छतरपुर के झाड़ू कारीगर रोजी रोटी को तरसे, परिवार पालना...

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Agency:News18 Madhya Pradesh

Last Updated:February 11, 2025, 12:33 IST

Ground Report: छतरपुर जिले के छत्रसाल नगर में 50 से ज्यादा परिवार सालों से खजूर पेड़ से झाड़ू बनाने का काम कर रहे है. लेकिन बढ़ते शहरीकरण के कारण अब खजूर के पेड़ शहर के आसपास नहीं दिखाई देते हैं. जिसके कारण झाड...और पढ़ें

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सालों

सालों से झाड़ू बना रहीं लीलावती 

हाइलाइट्स

  • खजूर के पेड़ गायब होने से झाड़ू कारीगर परेशान.
  • छतरपुर के कारीगरों को 80 किमी दूर जाना पड़ता है.
  • 50 से ज्यादा परिवारों की रोजी-रोटी पर संकट.

खजूर झाड़ू. छतरपुर जिले में सालों से खजूर पेड़ से झाड़ू बनाने का काम होता है. दरअसल, जिले में बड़े पैमाने पर खजूर के पेड़ पाए जाते हैं. लेकिन बढ़ते शहरीकरण के कारण अब खजूर के पेड़ जिले के आसपास नहीं दिखाई देते हैं. जिसके कारण झाड़ू बनाने वाले लोगों को जिले से 80 किमी दूर भी जाना पड़ता है.

50 से ज्यादा झूग्गियों का परिवार बनाता है झाड़ू 
छतरपुर के छत्रसाल नगर में सालों से झाड़ू बनाने का काम करने वाली कुसमा बताती हैं कि शहर में ही झुग्गियां बनाकर रहते हैं. यहां 50 से ज्यादा परिवार झुग्गी बनाकर रहते हैं. ये सभी परिवार सालों से झाड़ बनाने का काम कर रहे हैं. इन परिवारों का एकमात्र धंधा यही है. अगर धंधा ही बंद होने की कगार में हो जाएगा तो फिर परिवार का पेट खर्च कैसे चलेगा?

जिले से 80 किमी दूर से खजूर लाना पड़ता है 
मनीषा बताती हैं कि खजूर लाने के लिए जिले से 80 किमी दूर भी जाना पड़ता है. लवकुश नगर जाते हैं जो शहर से 50 किमी दूर है, चंदला, सरबई और बारीगढ़ जाते हैं. ये शहर से 80 किमी दूर स्थित है. अभी यहीं से खजूर लाना पड़ता है. इतनी दूर से खजूर लाने में भाड़ा खर्च लगता है.?

शहर में ही पहले मिल जाता था खजूर 
बताते हैं कि पहले छतरपुर शहर में ही खजूर आसानी से मिल जाता था क्योंकि यहां जंगल था. बाद में यहीं से रेलवे लाईन, हाइवे निकल गया, आसपास बाजार बन गए. अब यहां खजूर मिलना मुश्किल हो गया है.

Location :

Chhatarpur,Madhya Pradesh

First Published :

February 11, 2025, 12:33 IST

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