Agency:News18 Bihar
Last Updated:February 11, 2025, 17:53 IST
अररिया जिले के भरगामा प्रखंड अंतर्गत गोविंदपुर गांव के रहने वाले किसान उमेश जो की अपनी तीन एकड़ जमीन पर मक्का की खेती करते हैं. उन्होंने कहा कि अररिया जिले के कई किसान बड़े पैमाने पर मक्का की खेती कर रहे हैं और...और पढ़ें
मक्का की खेती
हाइलाइट्स
- उमेश ने तीन एकड़ जमीन पर मक्का की खेती से 2 लाख रुपये कमाए.
- मक्का की खेती में 50 हजार रुपये का खर्च आता है.
- मक्का की फसल 6 महीने में तैयार होती है.
अररिया. अररिया जिले के भरगामा प्रखंड के गोविंदपुर गांव के किसान उमेश ने मक्का की खेती से अच्छी कमाई की है. उन्होंने अपनी तीन एकड़ जमीन पर मक्का की खेती करके इस सीजन में लगभग 2 लाख रुपये तक की कमाई की है. उमेश ने लोकल 18 को बताया कि मक्का की खेती में कीटनाशक, हीरा जिंक और अन्य स्प्रे का उपयोग करना पड़ता है, लेकिन इसके बावजूद यह खेती काफी मुनाफे वाली साबित होती है.
उमेश ने बताया कि तीन एकड़ जमीन पर मक्का की खेती करने में लगभग 50 हजार रुपये का खर्च आता है. इसमें बीज, खाद, कीटनाशक और सिंचाई का खर्च शामिल है. उन्होंने कहा कि इस खेती से उन्हें लगभग 2 लाख रुपये तक की कमाई हो जाती है. उमेश पिछले 10 सालों से मक्का की खेती कर रहे हैं और इससे उन्हें अच्छा मुनाफा मिल रहा है. उमेश ने बताया कि मक्का की खेती में सिंचाई का विशेष ध्यान रखना पड़ता है. अररिया जिले के किसान मक्का की फसल में कम से कम 4 से 6 बार सिंचाई करते हैं. सिंचाई की आवश्यकता जमीन की गुणवत्ता पर निर्भर करती है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मक्का की खेती में रासायनिक और जैविक खाद का भी उपयोग किया जाता है.
6 महीने में तैयार होती है फसल
मक्का की फसल लगभग 6 महीने में तैयार हो जाती है. उमेश ने बताया कि इस सीजन में उन्होंने मक्का की फसल से लगभग 2 लाख रुपये तक की कमाई की है. उन्होंने कहा कि अररिया जिले के कई किसान बड़े पैमाने पर मक्का की खेती कर रहे हैं और इससे अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.
किसानों के लिए मक्का की खेती एक बेहतर विकल्प
उमेश की सफलता से प्रेरित होकर कई अन्य किसान भी मक्का की खेती की ओर रुख कर रहे हैं. उनका कहना है कि मक्का की खेती में लागत कम है और मुनाफा अच्छा मिलता है. यही वजह है कि अररिया जिले के किसानों के लिए मक्का की खेती एक बेहतर विकल्प बन गई है.
Location :
Araria,Araria,Bihar
First Published :
February 11, 2025, 17:53 IST
6 महीने में हो जाती है ये फसल, किसानों की हो जाती है मौज ही मौज