Agency:Local18
Last Updated:February 12, 2025, 12:39 IST
Thaipusam 2025: रामनाथपुरम के नैनारकोविल स्थित नागनाथ स्वामी मंदिर में थाईपुसम पर्व पर भव्य तीर्थवारी उत्सव मनाया गया. श्रद्धालुओं ने स्वामी-अंबल को फूल वेदी पर विराजित कर पूजा की और वैगई नदी के तट पर विशेष अनु...और पढ़ें
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नागनाथ स्वामी मंदिर में थाईपुसम पर्व पर भव्य तीर्थवारी उत्सव
तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के नैनारकोविल में थाईपुसम पर्व का नजारा देखने लायक था. यहां स्थित नागनाथ स्वामी मंदिर में हर साल की तरह इस बार भी भव्य तीर्थवारी उत्सव मनाया गया. मंदिर के चारों ओर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा, जिसने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया.
फूलों की वेदी पर विराजे स्वामी-अंबल
इस शुभ अवसर पर मंदिर के प्रमुख देवता नागनाथ स्वामी और सौंदरवल्ली अम्मन को भव्य फूलों की वेदी पर विराजमान किया गया. भक्तगण अपनी श्रद्धा व्यक्त करने के लिए मंदिर पहुंचे और भगवान के दर्शन कर विशेष पूजा-अर्चना की. मंदिर परिसर में भजन-कीर्तन और मंत्रोच्चार से वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया.
ऐसे निकली भव्य शोभायात्रा
थाईपुसम उत्सव का मुख्य आकर्षण था नागनाथ स्वामी और सौंदरवल्ली अम्मन की भव्य शोभायात्रा. भगवान को सुंदर पुष्प मालाओं से सजाया गया और नगर भ्रमण कराया गया. श्रद्धालु घोड़े और बैलगाड़ी पर सवार होकर भगवान के साथ शोभायात्रा में शामिल हुए और भक्ति गीतों से माहौल को और पावन बना दिया.
वैगई नदी पर हुआ दिव्य अनुष्ठान
नैनारकोविल से शुरू हुई यह यात्रा मंजककोलाई गांव पहुंची, जहां भक्तों ने विशेष पूजा की. इसके बाद भगवान की मूर्ति को वैगई नदी के किनारे ले जाया गया. यहां पर एक विशेष मंच पर उन्हें विराजमान कर दीप जलाए गए और विधिवत पूजा की गई. मान्यता है कि इस पूजा में शामिल होने से भक्तों को शुभ फल की प्राप्ति होती है.
भक्तों ने खेतों की उपज चढ़ाकर मांगी मन्नत
इस उत्सव में शामिल होने वाले श्रद्धालु खाली हाथ नहीं आते. मंजककोलाई के किसानों और ग्रामीणों ने अपने खेतों में उगाई गई सब्जियां और फल भगवान को अर्पित किए. यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और भक्तों का मानना है कि ऐसा करने से उनकी फसल अच्छी होती है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
थाईपुसम पर्व क्यों है खास?
थाईपुसम हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान मुरुगन को समर्पित होता है. यह पर्व तमिलनाडु, केरल और कई दक्षिण भारतीय राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन भक्त उपवास रखते हैं, विशेष पूजा करते हैं और भगवान की कृपा पाने के लिए धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेते हैं. नागनाथ स्वामी मंदिर में मनाया जाने वाला यह उत्सव तमिलनाडु की संस्कृति और परंपरा की झलक दिखाता है.
First Published :
February 12, 2025, 12:39 IST