Agency:News18 Bihar
Last Updated:January 26, 2025, 12:25 IST
Wheat Cultivation Tips: गेहू की फसल के लिए लूज स्मट रोग बेहद खतरनाक है. यह गेहू के पौधे की बालियों को प्रभावित करता है. इससे उत्पादन पर भी व्यापक असर पड़ता है. इन रागों के फसल को बचाने के लिए किसानों को बुवाई के...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- गेहूं की फसल में लूज स्मट रोग खतरनाक है.
- बीजोपचार से लूज स्मट रोग से बचाव संभव है.
- स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस और फफूंदनाशकों का उपयोग करें.
जमुई. सर्दियों का मौसम समाप्त होने को है और इस मौसम में तापमान से लेकर कई तरह के परिवर्तन हो रहे हैं. इस समय अगेती गेहूं की खेती करने वाले किसानों के फसल में फूल आने शुरू होने वाले हैं. लेकिन बदलते मौसम का असर उनके फसलों पर पड़ सकता है, जिससे उनकी फसल में लूज स्मट बीमारी हो सकती है. जिसके कारण आपकी पूरी फसल नष्ट हो सकती है.
कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. प्रमोद कुमार बताते हैं कि इसी सीजन में यह बीमारी गेहूं की बालियों को प्रभावित करती है. जिसके कारण बाद में जब गेहूं की फसल उपजती है, तब उसके बालियों में काले रंग का पाउडर जमा हो जाता है. डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि यह रोग अस्टीलैगो सेजेटम नामक फफूंद के कारण होता है.
बालियों को काला कर देता है यह बीमारी
कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि यह फफूंद पौधों में मौजूद रोगजनक तत्वों के माध्यम से बालियों को काला कर देती है और गेहूं के दानों को खराब कर देती है. फसल के फूल आने के समय यह रोग अधिक सक्रिय हो जाता है, जिससे दाने बनने की प्रक्रिया प्रभावित होती है. डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि लूज स्मट बीमारी के प्रमुख लक्षणों में बालियों का सामान्य से पहले परिपक्व होना, बालियों में दानों की जगह काले रंग के पाउडर का दिखना और हवा में उड़ने वाले बीजाणु शामिल हैं. यह काला पाउडर हवा के जरिए स्वस्थ पौधों तक पहुंचकर उन्हें भी संक्रमित कर देता है. यदि समय पर इस बीमारी पर काबू नहीं पाया गया तो यह फसल की उपज को 20-30% तक कम कर सकती है.
ऐसे उपचार कर सकते हैं किसान
डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया कि इस बीमारी का सबसे सबसे प्रभावी तरीका बीज उपचार है. लेकिन, अगर किसी ने बगैर बीजोपचार के ही गेहूं की बुआई की है तो, उन्हें स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस का उपयोग करना चाहिए. इसके साथ ही आप अपने गेहूं की फसल में कॉपर ऑक्सीक्लोराइड या मैंकोजेब जैसे फफूंदनाशकों का उपयोग कर सकते हैं. ऐसा करने से रोग पर नियंत्रण पाया जा सकता है. डॉ. कुमार ने बताया कि किसान फसल की नियमित निगरानी करें और रोग प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें. सही प्रबंधन और जागरूकता के माध्यम से लूज स्मट जैसी बीमारियों से फसल को बचाया जा सकता है और उत्पादन को बेहतर बनाया जा सकता है.
First Published :
January 26, 2025, 12:23 IST
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