Agency:News18 Uttar Pradesh
Last Updated:January 24, 2025, 12:48 IST
How Excelive App Works : भारत में हर साल करीब 1.5 लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा देते हैं. इसका मुख्य कारण है गोल्डन आवर में इलाज न मिल पाना. मरीज की कई बार स्थित इतनी नाजुक होती है कि वह अपनी मेडिकल...और पढ़ें
मुकुल गौतम ने बनाया अनोखा डिवाइस
झांसी : लोग कहते हैं कि जिंदगी की कोई एक घटना आपके जीवन की दिशा और दशा बदल देती है. झांसी के युवा मुकुल गौतम की कहानी भी ऐसी ही है. कुछ समय पहले तक वह अपने एक दोस्त के साथ कंपनी चलाते थे. इस दोस्त की एक सड़क हादसे में मौत हो गई. हादसे के बाद सही समय यानि गोल्डन आवर के दौरान मेडिकल हिस्ट्री का पता नहीं होना मौत की वजह बना था. दरअसल गोल्डन आवर सड़क दुर्घटना के तुरंत बाद के पहले 60 मिनट को कहा जाता है. यदि इस अवधि में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचा दिया जाए या उसे प्राथमिक चिकित्सा दे दी जाए, तो उसकी जान बचने की संभावना काफी बढ़ जाती है. इतना ही नहीं, इस समय पर सही देखभाल से चोट की गंभीरता को भी कम किया जा सकता है.
इस हादसे ने मुकुल की जिंदगी का मकसद बदल कर रख दिया. उन्होंने accilives नाम से स्टार्टअप शुरू किया है. एक्सीडेंट में घायल व्यक्ति को समय से मदद ना मिले तो अपनी जान से हाथ धो बैठता है. ऐसे में अस्पताल पहुंचने के बाद भी सबसे बड़ी चुनौती, उसका नाम क्या है? मेडिकल हिस्ट्री क्या है? ऐसे में घायल व्यक्ति का इलाज करना मुश्किल हो जाता है. लेकिन, अब इस समस्या का समाधान झांसी के मुकुल गौतम ने खोज निकाला है.
ऐसे काम करता है ऐप?
उनका ऐप यूजर्स की मेडिकल हिस्ट्री और परिजनों का डाटा एक जगह स्टोर करता है. इसके बाद हर यूजर का एक यूनिक QR कोड तैयार किया जाता है. इस कोड को गाड़ी के ऊपर स्टीकर की तरह चिपकाया जाता है. साथ ही कीचेन और डेबिट कार्ड के आकार का क्यूआर कोड भी यूजर्स के साथ शेयर किया जाता है.
मां के साथ मिलकर शुरु किया काम
मुकुल गौतम ने अपनी मां के साथ मिलकर इस कंपनी को शुरू किया है. दो बार सफल टेस्टिंग के बाद अब मां और बेटे इस ऐप को लोगों के बीच लेकर जा रहे हैं, ताकि मुकुल के दोस्त की तरह और कोई जिंदगी यूं ही हादसे में दम ना तोड़ दे. आज उनका ऐप कई लोगों की जिंदगी बचाने में काम आ रहा है.
इनक्यूबेशन सेंटर का हिस्सा है मुकुल गौतम
मुकुल गौतम झांसी स्मार्ट सिटी के राइज इनक्यूबेशन सेंटर का हिस्सा बन चुके हैं. अब वह स्मार्ट सिटी के इंटेग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के साथ मिलकर एक्सीलाइव को झांसी पुलिस और ट्रैफिक विभाग को एक्सिडेंट की स्थिति में तुरंत मदद पहुंचाने के लिए कार्य करते हैं.
Location :
Jhansi,Jhansi,Uttar Pradesh
First Published :
January 24, 2025, 12:48 IST
गोल्डन आवर में कैसे होगा घायलों का इलाज? इस ऐप से झटपट मिलेगी मेडिकल हिस्ट्री