Agency:News18 Jharkhand
Last Updated:February 12, 2025, 11:33 IST
Captain Karamjit Singh Bakshi Martyred successful Jammu: हजारीबाग के कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी जम्मू के अखनूर सेक्टर में IED Blast में शहीद हो गए. उनकी उम्र 28 साल थी और 5 अप्रैल को शादी होने वाली थी.
कैप्टेन करमजीत
हाइलाइट्स
- कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी जम्मू में शहीद हुए.
- 5 अप्रैल को करमजीत की शादी होने वाली थी.
- परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है.
हजारीबाग. हजारीबाग के बेटे कैप्टन कमरजीत सिंह बक्शी मंगलवार के दिन देश की सेवा करते हुए जम्मू के अखनूर सेक्टर (लाइन ऑफ कंट्रोल) में शहीद हो गए. जैसे ही यह बात लोगों को पता चली तो हर कोई स्तब्ध रह गया. करमजीत के परिजन अपने बीमार रिश्तेदार से मिलने के लिए नैनी प्रयागराज जा रहे थे. जानकारी मिलने के बाद बीच रास्ते से वह लौट कर हजारीबाग आ गए. सभी का रो रो के बुरा हाल है.
जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) के पास मंगलवार को हुए आईईडी धमाके में सेना के एक कैप्टन समेत दो जवान शहीद हो गए. वहीं एक जवान घायल है. इसमें हजारीबाग के करमजीत भी शहीद हो गए हैं. शहीद कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी उर्फ पुनीत हजारीबाग के जुलू पार्क के रहने वाले थे. उनकी उम्र अभी महज 28 साल थी. वे अजिनदर सिंह बक्शी और नीलू बक्शी के एकलौते पुत्र थे.
5 अप्रैल को थी शादी
करमजीत की पढ़ाई हजारीबाग में ही हुई थी. एसएसबी के जरिए लेफ्टिनेंट के पद पर सेना में शामिल हुए. बाद में वह कैप्टेन बने. 5 अप्रैल के दिन शादी होने वाली थी. इसके लिए घर में तैयारी भी चल रही थीं. घर में रंग रोगन का काम चल रहा था. शहादत की खबर मिलने के बाद काम बंद हो गया. शादी की तैयारियों के लिए करमजीत 17 जनवरी को छुट्टी लेकर हजारीबाग आए थे और 24 जनवरी को वापस जम्मू लौटे थे. शादी तय होने के बाद वे ड्यूटी पर कश्मीर चले गए थे. करमजीत की मंगेतर भी सेना में मेडिकल डिपार्टमेंट में मेजर है.
बचपन से आर्मी में जाने में जनून
पिता अजिनदर सिंह बक्शी ने कहा कि बेटे को बचपन से आर्मी में जाने में जनून था. रोज 10 से 20 किलोमीटर दौड़ता था. घर में शादी की तैयारी चल रही थी. फिर अचानक से यह हो गया. पड़ोसी और रिश्तेदारों ने बताया कि करमजीत बचपन से ही बेहद होशियार और संस्कारी लड़का था. बचपन से ही उसके अंदर सेना में जाने का जनून था. वह पढ़ाई, दौड़ भाग, सारी चीजों में आगे रहता था. सेना में जाने के लिए एक बार हाथ तुड़वा कर जुड़वाया भी था.
Location :
Hazaribagh,Jharkhand
First Published :
February 12, 2025, 11:33 IST