जमुई की खूबसूरत स्थलों में से एक है गरही डैम, रोचक है निर्माण की कहानी

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Agency:News18 Bihar

Last Updated:February 06, 2025, 16:17 IST

Jamui Garhi Dam: जमुई जिले के गरही की पहचान अपर किउल जलाशय योजना के तहत निर्मित गरही डैम से है. इसका शिलान्यास वर्ष 1977 में ही कर दिया गया था. वहीं दो दशक से भी अधिक तक इसका निर्माण कार्य होता रहा. मुख्यमंत्र...और पढ़ें

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काफी खूबसूरत है बिहार का यह डैम

हाइलाइट्स

  • मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 7 फरवरी को जमुई आ रहे हैं.
  • गरही डैम का निर्माण 1977 में शुरू हुआ था.
  • गरही डैम इलाका नक्सल प्रभावित रहा है.

जमुई. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रगति यात्रा के क्रम में 7 फरवरी को जमुई आ रहे हैं. इस दौरान सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री खैरा प्रखंड क्षेत्र के गरही पहुंचेंगे, जहां वह विकासात्मक कार्यों का जायजा लेंगे. भले ही आज तमाम सुरक्षा व्यवस्था के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गरही आने वाले हैं, लेकिन पिछले 21 साल में यह दूसरी बार हुआ है, जब इस इलाके में किसी मुख्यमंत्री का आगमन होगा. इससे पहले वर्ष 2004 में बिहार की तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी यहां आई थी और उसके बाद अब नीतीश कुमार यहां आने वाले हैं.

अगर गरही इलाके की बात करें तो इस इलाके की कई कहानी ऐसी है, जो आज भी लोगों के बीच काफी प्रचलित है. जिस इलाके में मुख्यमंत्री का आगमन होने वाला है, वह इलाका करीब ढाई दशक तक नक्सल प्रभावित क्षेत्र कहा जाता रहा है. यहां ना तो आने के लिए सड़कें थी और ना ही यहां के लोगों के पास जीवन-यापन के लिए रोजगार का बेहतर साधन उपलब्ध था.

डैम बनाने के लिए बनाना पड़ा था पूरा पुल

गरही की पहचान यहां स्थित अपर किउल जलाशय योजना के तहत निर्मित गरही डैम से है. जिसका शिलान्यास वर्ष 1977 में ही कर दिया गया था. तब से लेकर दो दशक से भी अधिक तक इसका निर्माण कार्य होता रहा. इसके निर्माण कार्य में काफी लंबा समय लगने का सबसे प्रमुख कारण, यहां पहुंचने के लिए सड़क का नहीं होना था. स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि एक वक्त ऐसा भी था, जब गरही डैम बनाने के लिए जो सामग्री पहुंचाई जानी थी, वह सामान पहुंचाने के लिए किसी भी प्रकार का कोई साधन नहीं था. यहां आने के लिए ना तो सड़कें थी और ना ही नदी पार करने के लिए कोई पुल था. ऐसे में जिस कंपनी ने गरही डैम बनाने का टेंडर लिया था, उसी कंपनी के द्वारा यहां ललदैया काजवे का निर्माण कराया गया था, जो आज तक चल रहा है. इस काजवे का निर्माण केवल निर्माण सामग्री को गरही डैम तक पहुंचाने के लिए कराया गया था. हालांकि अब ललदैया काजवे में नया पुल बन रहा है.

इस इलाके में जाने से डरते थे लोग

गरही डैम भले ही अपने अंदर अद्वितीय खूबसूरती समेटे हुए हो, लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब लोग यहां जाने से डरा करते थे. इसका कारण इस इलाके का नक्सल प्रभावित होना माना जाता है. बताते चलें कि इस इलाके में कई दशक तक नक्सलियों का बोलबाला रहा है. लगातार नक्सली घटनाओं के कारण यहां आम लोग तो छोड़िए, स्थानीय पदाधिकारी भी जाने से परहेज करते थे. लेकिन, अब गरही डैम का पूरा इलाका मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वागत को तैयार है. यह पूरा इलाका गिद्धेश्वर हिल रेंज के अंतर्गत आता है, और इस जगह की सीमा झारखंड राज्य से भी लगती है. झारखंड के गिरिडीह जिले से गरही की सीमा लगती है, जबकि बिहार के नवादा जिले के कौआकोल प्रखंड का एक बड़ा इलाका इसके सीमावर्ती क्षेत्र में आता है. ऐसे में इन सभी स्थान के लोगों को यह इलाका अपनी और खूब आकर्षित करता है.

First Published :

February 06, 2025, 16:17 IST

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