कौन है लेफ्टिनेंट जनरल दौलत सिंह
शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर स्थित दौलत सिंह पार्क पर्यटकों के लिए एक प्रमुख विश्राम स्थल है. इस पार्क में स्थापित लेफ्टिनेंट जनरल दौलत सिंह की प्रतिमा, रिज मैदान पर लगी एकमात्र सैन्य अधिकारी की प्रतिमा है. लेकिन आखिरकार लेफ्टिनेंट जनरल दौलत सिंह कौन थे, और उनकी प्रतिमा शिमला के इस प्रतिष्ठित स्थान पर क्यों स्थापित की गई?
प्रारंभिक जीवन और सैन्य सेवा
लेफ्टिनेंट जनरल दौलत सिंह का जन्म 4 जनवरी 1911 को लाहौर (अब पाकिस्तान) में हुआ था. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मसूरी के सेंट जॉर्ज कॉलेज से प्राप्त की और 1928 में उन्हें ब्रिटेन की प्रतिष्ठित रॉयल मिलिट्री अकादमी सैंडहर्स्ट के लिए चुना गया. 1931 में उन्होंने वहां से स्नातक किया और भारतीय सेना में द्वितीय लेफ्टिनेंट के रूप में अपनी सेवा शुरू की.
धीरे-धीरे उन्होंने अपने सैन्य करियर में प्रगति की, और 1939 में कैप्टन और 1946 में मेजर के पद पर पदोन्नत हुए. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भी उन्होंने भारतीय सेना में अपनी सेवाएं जारी रखीं और 1959 में लेफ्टिनेंट जनरल बने.
1962 के भारत-चीन युद्ध में नेतृत्व
दौलत सिंह का सैन्य करियर 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान अपने चरम पर पहुंचा. उन्हें पश्चिमी कमान का कमांडिंग इन चीफ नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने पश्चिमी मोर्चे का नेतृत्व किया. उनका यह योगदान भारतीय सेना के लिए बहुत महत्वपूर्ण था.
हेलीकॉप्टर दुर्घटना और मृत्यु
22 नवंबर 1963 को लेफ्टिनेंट जनरल दौलत सिंह की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई. यह हादसा जम्मू के पूंछ सेक्टर में हुआ था, जिसमें दौलत सिंह सहित 6 उच्च पदस्थ अधिकारियों की जान गई थी. उनकी मौत भारतीय सेना और देश के लिए एक बड़ी क्षति थी.
मरणोपरांत सम्मान और स्मारक
लेफ्टिनेंट जनरल दौलत सिंह को मरणोपरांत 26 जनवरी 1964 को परम विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया. उनकी सेवाओं को श्रद्धांजलि देते हुए हिमाचल सरकार ने शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर उनकी स्मृति में एक पार्क बनवाया. अप्रैल 1964 में इस पार्क का उद्घाटन फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ ने किया.
यहां यह बात महत्वपूर्ण है कि सैम मानेकशॉ के खिलाफ 1962 में कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी बुलाई गई थी, जिसकी अध्यक्षता दौलत सिंह ने की थी. उनके नेतृत्व में मानेकशॉ को निर्दोष करार दिया गया था.
निष्कर्ष
लेफ्टिनेंट जनरल दौलत सिंह भारतीय सेना के महान अधिकारी थे, जिनकी सेवाएं आज भी याद की जाती हैं. शिमला के रिज मैदान पर स्थित यह पार्क उनकी स्मृति और उनके द्वारा किए गए बलिदानों का प्रतीक है.
Tags: Himachal pradesh news, Local18, Shimla News
FIRST PUBLISHED :
September 24, 2024, 11:53 IST