जयपुर:- राजस्थान में सरकारी बैठकों में खानपान के नाम पर की जाने वाली फिजूलखर्ची पर वित्त विभाग ने लगाम लगा दी है. ब्यूरोक्रेसी और विभागों की बैठकों में अब अधिकारी कचौरी-समोसे सहित दूसरे व्यंजनों का जायका नहीं ले सकेंगे, ना ही महंगी चाय, कॉफी, लस्सी मंगा सकेंगे. सरकारी अधिकारियों द्वारा की जाने वाली फिजूलखर्ची को रोकने के लिए वित्त विभाग ने चाय नाश्ते का मैन्यू तय कर दिया है. साथ ही मैन्यू में प्रत्येक व्यक्ति की मात्रा और कीमतें भी तय कर दी हैं.
वित्त विभाग ने जारी किया आदेश
वित्त विभाग के अनुसार, विभागों की बैठकों में सरकारी वित्तीय मद से चाय- नाश्तों पर मोटी राशि राजस्थान में खर्च हो रही थी. ऐसे में इस अनावश्यक फिजूलखर्ची को रोकने के लिए सरकार ने यह आदेश जारी किया है. वित्त विभाग के शासन सचिव ने मुख्यमंत्री कार्यालय, गवर्नर हाउस, सरकार के मंत्रियों, विधानसभा, मुख्य सचिव कार्यालय सहित सभी आईएएस अधिकारियों और विभागीय अफसरों को इसके आदेश की कॉपी भी भिजवा दी है. निर्देश दिए गए हैं कि खाद्य और पेय पदार्थों का कार्यालय परिसर में स्थित आपूर्तिकर्ता से तय दर या इससे कम दर पर खरीद की जा सकेगी.
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वित्त विभाग ने यह मेन्यू किया है फिक्स
वित्त विभाग द्वारा फिक्स किए गए मेन्यू के अनुसार, अब बैठकों में 10 रुपए की 100 एमएल चाय, 15 रुपए की 100 एमएल कॉफी, 13 रुपए की 250 एमएल छाछ और 15 रुपए की 250 एमएल लस्सी प्रति नग या कप या पैकेट मंगाई जा सकेगी. इसका खर्च विभाग वहन करेगा. इसके अलावा नाश्ते में रोस्टेड चना, मूंगफली, मखाने और मल्टीग्रेन डाइजेस्टिव बिस्किट ही मिलेंगे और अब कचौरी-समोसे नहीं मंगवाए जा सकेंगे. 100 ग्राम रोस्टेड चना के 18 रुपए, इतनी ही मूंगफली के 29 रुपए, 100 ग्राम रोस्टेड मखाने के 180 रुपए और प्रति पैकेट मल्टीग्रेन डाइजेस्टिव बिस्किट के 28 रुपए तय किए गए हैं.
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FIRST PUBLISHED :
September 24, 2024, 13:47 IST