हाइलाइट्स
झारखंड चुनाव रिजल्ट का बिहार में भी दिखेगा असरबिहार में हिन्दुत्व के एजेंडों से अलग नीतीश कुमार की प्लानिंग विधानसभा चुनाव में 'M' को साधने के लिए स्पेशल प्लान
पटना. झारखंड चुनाव रिजल्ट और बिहार उपचुनाव परिणाम का असर आने वाले दिनों में कई तौर पर देखने को मिल सकता है. इसका एक बड़ा असर अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भी देखने को मिलेगा. वहीं इस रिजल्ट के बाद एनडीए (NDA) के अंदर कुछ मुद्दों पर आपसी मतभेद भी खत्म हो सकते हैं. दरअसल झारखंड में बीजेपी ने जीत के लिए उग्र हिंदुत्व का दांव खूब चला था. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने झारखंड में इस एजेंडे के तहत काफी आक्रामक रूप से अपनी बातें रखी थीं. लेकिन, इसके बावजूद झारखंड में बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए को हार का सामना करना पड़ा. अब ऐसे में सीएम नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव में खासतौर पर MY के M को साधने के लिए स्पेशल प्लान बनाया है.
जाहिर सी बात है कि बीजेपी को इस हार से बड़ी निराशा हाथ लगी है. लेकिन, इसी के साथ बिहार में एनडीए के लिए राह थोड़ी आसान भी हो गयी है, क्यों कि झारखंड हार से यह तय हो गया है कि बिहार में एनडीए चुनावी मैदान में उग्र हिंदुत्व की राह पर चलकर चुनावी मैदान में नहीं जाने वाला वाला है. क्योंकि झारखंड चुनाव परिणाम के पहले बिहार में बीजेपी के नेताओ ने हिंदुत्व को लेकर आक्रामकता दिखानी शुरू कर दी थी. इसकी अगुवाई गिरिराज सिंह जैसे नेता ने यात्रा निकाल कर इशारा भी किया था. लेकिन, शायद अब ऐसा संभव ना हो.
इस बारे में बिहार के वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे कहते हैं कि झारखंड में बीजेपी की उग्र हिंदुत्व की राजनीति फेल होने का असर तो बिहार के चुनाव पर पड़ना लाजिमी हैं. बिहार में एनडीए हिंदुत्व कार्ड खेलने से परहेज कर सकती है. बात सिर्फ यही नहीं है बल्कि बिहार में चार सीट पर जो उपचुनाव हुए हैं उसमें आरजेडी के MY समीकरण में बड़ा सेंघ लगा हैं. M का झुकाव जेडीयू के तरफ हुआ है जो ये संकेत देता है कि आरजेडी MY समीकरण को बांध कर रखने में सफल नहीं हो पाई है. जेडीयू इससे उत्साहित भी है.
अरुण पांडे कहते हैं कि जाहिर है जेडीयू इस बात से उत्साहित होगा कि 2010 के पहले M का बड़ा झुकाव जेडीयू के तरफ रहता था, वो भी तब जब बीजेपी साथ थी. लेकिन, बाद में मुस्लिम वोटर जेडीयू से दूर होते चले गए थे. लेकिन, एक बार फिर M का झुकाव जेडीयू के तरफ़ होने से जेडीयू की नजर M पर पड़ी है. यही वजह है कि नीतीश कुमार हर सभा में मुस्लिम समुदाय को ये बताने की कोशिश करते रहे है कि उन्होंने मुसलमानों के लिए कितना काम किया है और आगे भी करेंगे , शायद इसमें आने वाले समय में और तेजी आ सकती है.
वहीं इसी बीच मुस्लिम वोटर को लेकर केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि मुस्लिम समाज के लिए मुख्यमंत्री ने इतना काम किया बावजूद इसके मुस्लिम जेडीयू को वोट नहीं देते है. इस बयान ने हलचल तेज कर दी और जब मामला तूल पकड़ा तब ललन सिंह ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी वोट के लिए काम नहीं करते हैं. बिहार के बेहतरी के लिए काम करते हैं. पिछले 19 वर्षों में नीतीश जी ने समाज के हर वर्ग के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए काम किया है. उसी का परिणाम है कि आज बिहार बदला है.
ललन सिंह ने कहा था कि नीतीश कुमार ने बिहार में अल्पसंख्यक समुदाय के सामाजिक, आर्थिक, उनके पिछड़ेपन को दूर करने के लिए, मदरसों की स्थिति को सुधारने के लिए जो काम किया वह पूरे देश के किसी राज्य में नहीं हुआ है और यह पूरे दुनिया में एक उदाहरण है. जाहिर है जेडीयू इस बात से परेशान रहता है कि नीतीश कुमार के मुसलमानो के लिए इतना काम करने के बाद भी मुस्लिम समाज वोट नहीं देते हैं और ललन सिंह की पीड़ा इसी बात से छलक गई.
बहरहाल अब उपचुनाव परिणाम से उत्साहित जेडीयू एक बार फिर इस वोट बैंक को लेकर पूरी ताकत लगाने की तैयारी में है. वहीं बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी कहते हैं कि मुसलमान जेडीयू को वोट करते हैं और आगे भी करेंगे. इसकी तस्वीर उपचुनाव में बेला गंज में साफ-साफ दिखी है. नीतीश जी ने मुसलमानों के लिए बहुत कुछ किया है.
Tags: Bihar NDA, Bihar politics, JDU nitish kumar
FIRST PUBLISHED :
November 26, 2024, 11:43 IST