Last Updated:January 26, 2025, 11:40 IST
Donald Trump Foreign Aid Order: डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद संभालते ही विदेशी सहायता कार्यक्रमों पर रोक लगा दी है. इससे भारत में USAID के स्वास्थ्य, पर्यावरण और कृषि नवाचारों पर असर पड़ सकता है. समीक्षा 85 द...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- ट्रंप ने विदेशी सहायता कार्यक्रमों पर रोक लगाई.
- भारत में स्वास्थ्य, पर्यावरण और कृषि पर असर संभव.
- समीक्षा अवधि 85 दिनों तक चलेगी.
वाशिंगटन: इसी सप्ताह डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति के रूप में अमेरिका की कमान संभाली. डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया के सभी देशों के लिए मदद का दरवाजा पूरी तरह बंद कर दिया है. इससे पूरी दुनिया में खलबली मच गई. यहां तक कि भारत में इस बात को लेकर चर्चा है. भारत में अमेरिकी मिशन ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक “समीक्षा” शुरू कर दी है कि मौजूदा फंड पर कार्यकारी आदेशों का असर पड़ेगा या नहीं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार इससे पर्यावरण, स्वास्थ्य और भारत में अमेरिकी दूतावास और USAID द्वारा दशकों से चलाए जा रहे ऐसे अन्य कार्यक्रमों पर असर पड़ने की संभावना है. ब्रिटेन स्थित दैनिक फाइनेंशियल टाइम्स की शनिवार को एक रिपोर्ट में कहा गया कि ”FT द्वारा देखे गए एक आंतरिक केबल के अनुसार, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने समीक्षा लंबित रहने तक लगभग सभी मौजूदा विदेशी सहायता कार्यक्रमों पर काम करना तत्काल रोकने का आदेश दिया है.”
अमेरिकी ने क्या कहा?
अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने शनिवार को इंडियन एक्सप्रेस को कहा कि “हम यह सुनिश्चित करने के लिए समीक्षा कर रहे हैं कि जूदा फंड पर कार्यकारी आदेशों का असर पड़ेगा या नहीं.” फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “शुक्रवार को विदेश विभाग और USAID को भेजे गए केबल में रुबियो ने कहा कि सभी नए विदेशी सहायता वितरण को निलंबित कर दिया जाना चाहिए, और अनुबंध अधिकारियों और अनुदान अधिकारियों को ‘तत्काल काम रोकने के आदेश जारी करने की आवश्यकता है… जब तक कि सचिव समीक्षा के बाद निर्धारित नहीं कर देते.” USAID अमेरिकी सरकार की फीड द फ्यूचर, ग्लोबल हेल्थ और ग्लोबल क्लाइमेट चेंज पहलों के माध्यम से महत्वपूर्ण विकास चुनौतियों का समाधान करने के लिए भारत के साथ साझेदारी करता है.
भारत पर क्या-क्या हो सकता है असर
वैश्विक स्वास्थ्य के मामले में, USAID रोकथाम योग्य बाल और मातृ मृत्यु को समाप्त करने और केंद्र सरकार तथा निजी क्षेत्र के बढ़ते हुए साझेदारों के साथ साझेदारी में एड्स और तपेदिक मुक्त पीढ़ी बनाने का समर्थन करता है. उदाहरण के लिए, भारत में वैश्विक तपेदिक के 26% मामले हैं और यह दुनिया में बहुऔषधि प्रतिरोधी तपेदिक के सबसे अधिक बोझ वाले देशों में से एक है. USAID ने पूरे देश में GeneXpert रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्टिंग मशीनें शुरू कीं.
कृषि नवाचारों पर हो सकता है असर
कृषि और खाद्य सुरक्षा पर, फीड द फ्यूचर के तहत, USAID भारत, अफ्रीका और अमेरिका के कई सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के भागीदारों को शामिल कर रहा है ताकि भारतीय कृषि नवाचारों को साझा करने और स्थानांतरित करने में तेजी लाई जा सके जो पूरे अफ्रीका और एशिया में खाद्य सुरक्षा को बढ़ाते हैं. भारतीय संगठनों के साथ USAID भागीदारी के माध्यम से समर्थित नवाचारों में कम लागत वाला ट्रैक्टर, समुद्री शैवाल से बना एक जैविक विकास उत्तेजक और एक सौर निर्जलीकरण शामिल है. ये सभी पैदावार और आय बढ़ाने के लिए तैयार किए गए हैं.
रीड, एंगेज, अचीव, ड्रीम अलायंस (रीड अलायंस) के तहत, यूएसएआईडी विभिन्न परियोजनाओं का समर्थन करता है जो कम आय वाले, प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के पढ़ने के कौशल को मजबूत करने के लिए अनोखा दृष्टिकोण अपनाते हैं. प्रत्येक पहल को एक भारतीय संगठन द्वारा कार्यान्वित किया जाता है और महत्वपूर्ण निजी क्षेत्र के संसाधनों का लाभ उठाया जाता है.
फाइनेंशियल टाइम्स ने कहा, “समीक्षा अवधि 85 दिनों तक चलने की उम्मीद है, जिससे सैकड़ों अमेरिकी विदेशी सहायता अनुबंधों का भाग्य, जिनकी कीमत 2022 के वित्तीय वर्ष में 70 बिलियन डॉलर से अधिक थी, संभवतः तीन महीने तक अधर में लटक सकता है.”
First Published :
January 26, 2025, 11:35 IST