Last Updated:February 12, 2025, 13:33 IST
आज माघी पूर्णिमा को देखते हुए राज्य सरकार से लेकर जिला प्रशासन तक सभी सतर्क हैं. स्नान पर्व को देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ सुबह से ही अलर्ट रहे. उन्होंने माघ पूर्णिमा स्नान के मद्देनजर बड़ी संख्या में आ रहे श...और पढ़ें
![ड्रोन, हाई-टेक कैमरे... ऑपरेशन चतुर्भुज से श्रद्धालुओं की निगरानी ड्रोन, हाई-टेक कैमरे... ऑपरेशन चतुर्भुज से श्रद्धालुओं की निगरानी](https://images.news18.com/ibnkhabar/uploads/2025/02/delhi-voting-1600-x-900-px-1200-x-900-px-16-2025-02-35fdb98b37f5d01bc371a1fdc5672292.jpg?impolicy=website&width=640&height=480)
कुंभ मेला में चतुर्भुज ऑपरेशन चलाकर श्रद्धालुओं की हो रही निगहबानी.
हाइलाइट्स
- सीएम योगी ने माघ पूर्णिमा पर सुरक्षा कड़ी की.
- 2750 कैमरों और एंटी-ड्रोन सिस्टम से निगरानी हो रही है.
- 133 एंबुलेंस तैनात, जल, थल, नभ से निगरानी.
Mahakumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी से हुई, जिसके बाद पहला शाही स्नान मकर संक्रांति के अवसर पर किया गया. महाकुंभ मेले का समापन 26 फरवरी महाशिवरात्रि को होगा. मौनी अमावस्या से पहले हुई भगदड़ से प्रशासन ने सीख ले ली है. ऐसे में आज माघी पूर्णिमा को देखते हुए राज्य सरकार से लेकर जिला प्रशासन तक सभी सतर्क हैं. स्नान पर्व को देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ सुबह से ही अलर्ट रहे. उन्होंने माघ पूर्णिमा स्नान के मद्देनजर बड़ी संख्या में आ रहे श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर व्यापक तैयारी के निर्देश दिए. त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाने आ रहे श्रद्धालुओं की विशेष सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं. इसके लिए ऑपरेशन चतुर्भुज चलाया गया है.
प्रशासन ने कसी कमर
भगदड़ जैसी घटना दोबारा न हो इसके लिए प्रशासन ने कमर कस ली है. महाकुंभ क्षेत्र के साथ ही शहर और मंडल के सभी अस्पताल हाई अलर्ट मोड में रहेंगे. श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जल, थल और नभ से निगरानी की जा रही है. इसके तहत 133 एंबुलेंस को तैनात किया गया है, जो किसी भी आपात स्थिति में तत्काल राहत पहुंचाने का काम करेंगी. इसमें 125 एंबुलेंस के अलावा सात रिवर एंबुलेंस और एक एयर एंबुलेंस विशेष रूप से तैनात की गई हैं.
महाकुंभ जा रहे हैं तो ये रूट लें, बिल्कुल नहीं मिलेगा जाम, देखें इन रास्तों का पूरा Route Map
आईसीसीसी की स्पेशल टीम
इसके अलावा आईसीसीसी की स्पेशल टीम भी सक्रिय रूप से अपनी भूमिका निभाती रही, जिसने टेक्नोलॉजी का बेहतरीन इस्तेमाल करते हुए बेहद मजबूत सेफ्टी सर्किल बनाया. इसके जरिए मंगलवार की रात से ही श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा, अपराध नियंत्रण और क्राउड मैनेजमेंट के हर पहलू पर नजर रखी गई.
पूरे शहर की निगरानी
इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) से पूरे मेला क्षेत्र के साथ-साथ पूरे शहर की भी निगरानी की जा रही है. 2750 हाई-टेक कैमरों, एंटी-ड्रोन सिस्टम और विशेष सुरक्षा टीमों के जरिए हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा रही है.
क्राउड मैनेजमेंट में बड़ी मदद
महाकुंभ नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने बताया कि ड्रोन से एरियल सर्विलांस के माध्यम से 24 घंटे पूरे क्षेत्र की निगरानी की जा रही है. वहीं, दूसरी ओर आईसीसीसी के जरिए सुरक्षा व्यवस्था के खास इंतजाम किए गए हैं. इससे क्राउड मैनेजमेंट में बड़ी मदद मिली. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ड्रोन के जरिए पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखी जा रही है.
एंटी-ड्रोन सिस्टम अलर्ट
एंटी-ड्रोन सिस्टम अलर्ट मोड में है. किसी भी संदिग्ध उड़ान को रोकने और सुरक्षा चूक से बचने के लिए यह प्रणाली सक्रिय की गई है. माघ पूर्णिमा के पावन अवसर पर सुनिश्चित किया गया कि कोई भी संदिग्ध ड्रोन संचालित न किया जाए. पूरी मुस्तैदी से इस पर नजर रखी गई और सुरक्षा सुनिश्चित की गई.
मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में क्यों मची भगदड़?
मौनी अमावस्या के दिन संगम नोज पर स्नान करने के लिए लाखों की भीड़ जमा हो गई थी. देर रात चौराहे पर अपार भीड़ थी. यहां तक कि एक ओर से ढलान और अन्य तीन दिशाओं से रास्ते होने के बावजूद भीड़ अनियंत्रित हो गई. संगम नोज पर पहले से मौजूद भीड़ की वजह से श्रद्धालु एक-दूसरे के ऊपर चढ़ने लगे, जिससे अफरा-तफरी मच गई. इस भगदड़ में बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे. इस पूरे हादसे में 30 लोगों की मौत हुई थी, जबकि कई लोग घायल हुए थे.
Location :
Allahabad,Uttar Pradesh
First Published :
February 12, 2025, 13:33 IST