ताइवान के लिए जुनूनी हो गया ड्रैगन, समंदर में उतार दिए जंगी जहाज, देखता रहा US

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Last Updated:February 01, 2025, 17:17 IST

China Taiwan News: ताइवान को चीन अपना क्षेत्र मानता रहा है. उसने कभी भी उसे आजाद मुल्क का दर्जा नहीं दिया. अब चीन ने ताइवान पर पूरा कंट्रोल करने की मंशा बना ली है. उसने एक नई रणनीति तैयार की है, जिसके तहत अमेरि...और पढ़ें

ताइवान के लिए जुनूनी हो गया ड्रैगन, समंदर में उतार दिए जंगी जहाज, देखता रहा US

चीन ने ताइवान को पूरी तरह से अपने कंट्रोल में करने की तैयारी कर ली है.

हाइलाइट्स

  • चीन ने ताइवान पर नियंत्रण की मंशा बनाई.
  • चीन ने अमेरिकी सेना को रोकने के लिए एक्सरसाइज की.
  • फर्स्ट आइलैंड चेन पर चीन की नजर.

नई दिल्ली. चीन ने ताइवान को अपने कब्जे में लेने की अपनी दिल्ली ख्वाहिश को कभी नहीं छुपाया है. इसी मकसद से हाल ही में, चीनी सेना ने एक्सरसाइज किया ताकि अमेरिकी सेना ताइवान की मदद न कर सके. जापान इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल फंडामेंटल्स के अनालिसिस के अनुसार, दिसंबर 2024 में चीनी एक्सरसाइज का उद्देश्य अमेरिकी सेना को द्वीप के आसपास के समुद्र में आने से रोकने की प्रैक्टिस करना था.

जंग के एक्सरसाइज में चीन ने 18 डेस्ट्रॉयर और फ्रिगेट्स को “फर्स्ट आइलैंड चेन” के पूरब में तैनात किया, जो जापान के नानसेई द्वीपों से फिलीपींस तक फैली हुई है, ताकि अमेरिकी वॉरशिप को घुसने से रोका जा सके. यह प्रैक्टिस 6-12 दिसंबर के बीच किया गया. अमेरिकी बलों को फर्स्ट आइलैंड चेन, जो दूसरी चेन के पश्चिम में स्थित है, और “सेकेंड आइलैंड चेन” के पश्चिम में, जो गुआम से जापान के इज़ू द्वीपों तक फैली हुई है, से आगे बढ़ने से रोकने के लिए, चीन ने एंटी-एक्सेस/एरिया डिनायल (A2AD) रणनीति का इस्तेमाल किया.

यह चीन का लगभग तीन दशकों में सबसे बड़ा मिलिट्री एक्सरसाइज था. ताइवान की नाकाबंदी करने की अपनी ताकत दिखाने के अलावा, चीन ने जापान से लेकर इंडोनेशिया तक फैली ‘फर्स्ट आइलैंड चेन’ में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया, जिसमें दक्षिण और पूर्वी चीन सागर भी शामिल हैं. एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के पूर्वी, दक्षिणी और उत्तरी थिएटर कमांड्स ने पहली बार आपसी तालमेल किया, जिससे उन्होंने ताइवान और उसके सहयोगियों पर व्यापक संयुक्त हथियार अभ्यास के माध्यम से दबाव डाला.

तीन दिवसीय अभ्यास के दौरान द्वीपों के पास उड़ान भरने वाले 134 से अधिक PLA युद्धक विमानों के अलावा, चीन ने 60 से अधिक PLA नौसेना युद्धपोत और 30 चीन तटरक्षक जहाजों को दक्षिण चीन सागर से जापान के रयुक्यु द्वीपों तक के क्षेत्रों में तैनात किया. चीनी सैनिकों ने विदेशी जहाजों पर हमला करने, समुद्री मार्गों को रोकने और कमर्शिअल जहाजों को रोकने का अभ्यास किया, बिना लाइव-फायर ट्रेनिंग के. पीएलए नौसेना ने ताइवान के दक्षिण-पूर्व में दो बाधाएं भी खड़ी कीं ताकि फर्स्ट आइलैंड चेन तक पहुंच को सीमित किया जा सके.

ताइवान पर क्यों कंट्रोल चाहता है चीन
ताइवान की भौगोलिक स्थिति इसे नाकाबंदी के लिए संवेदनशील बनाती है. इसकी जनसंख्या, उद्योग और बंदरगाह इसके पश्चिमी किनारे पर केंद्रित हैं, जो चीन के सबसे करीब है. चीन जहाजों और पनडुब्बियों को तैनात करके ताइवान के बंदरगाहों में जहाजों के प्रवेश या निकास को रोककर नाकाबंदी लागू कर सकता है. यह मिसाइलों और लड़ाकू विमानों के साथ आकाश पर भी कंट्रोल कर सकता है.

अमेरिका और चीन के लिए क्यों खास है फर्स्ट आइलैंड चेन
फर्स्ट आइलैंड चेन प्रशांत महासागर में आइलैंड की एक चेन है जो कामचटका प्रायद्वीप से मलय प्रायद्वीप तक फैली हुई है. इसमें जापानी द्वीपसमूह, ताइवान, फिलीपींस और इंडोनेशिया शामिल हैं. फर्स्ट आइलैंड चेन एशिया-प्रशांत में अमेरिकी रक्षा रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह चीन के खिलाफ डिफेंस लाइन बनाता है. दूसरी तरफ, चीन ‘फर्स्ट आइलैंड चेन’ को स्ट्रैटेजिक कंट्रोल लाइन के रूप में देखता है. चीन प्रशांत महासागर तक पहुंच हासिल करने के लिए इस चेन को तोड़ना चाहता है.

First Published :

February 01, 2025, 17:17 IST

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