Newa 18
बस्ती. उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद स्थित एनएच 28 पर स्थित भगवान जागेश्वरनाथ शिव मंदिर का इतिहास त्रेता युग से जुड़ा हुआ है. तिलकपुर गांव में स्थित यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष धार्मिक स्थल है. यहां की मान्यता है कि जो भक्त सच्चे मन से प्रार्थना करता है, उसकी इच्छाएं अवश्य पूरी होती है. विशेषकर सावन के महीने और हर सोमवार को भक्तों की यहां भारी भीड़ लगती है. यहां दूर-दूर से भगवान जागेश्वरनाथ के दर्शन और पूजन-अर्चन के लिए आते हैं.
महर्षि वशिष्ठ से जुड़ा है मंदिर का इतिहास
मंदिर के पुजारी सुखनंदन गिरी ने लोकल 18 को बताया कि इस मंदिर की स्थापना महर्षि वशिष्ठ ने की थी, जो भगवान राम के गुरु माने जाते हैं. उन्होंने बताया कि पास के गांव बढ़नी मिश्र में उनका आश्रम था और वे भगवान शिव की आराधना करने के लिए नियमित रूप से तिलकपुर आते थे. पुजारी ने यह भी बताया कि इस क्षेत्र में पहले विशालकाय जंगल हुआ करता था, इसी के बीच भगवान शिव का यह मंदिर स्थित था. मंदिर की मान्यता है कि यहां पूरे देश से लोग आकर पूजन-अर्चन करते हैं. विशेषकर सावन के महीने में भक्तों की संख्या अत्यधिक होती है.
मधुमक्खियां ने की थी शिवलिंग की रक्षा
पुजारी सुखनंदन गिरी ने एक दिलचस्प कहानी भी लोकल 18 के साथ साझा किया. उन्होंने बताया कि पुराने समय में जब अंग्रेजों ने यहां के जंगलों की सफाई करने का निर्णय लिया, तब उन्हें जंगल के बीच में एक चमकता हुआ पत्थर मिला. जब उसे उखाड़ फेंकने की नियत से खुदाई शुरू की, तो अचानक बड़े-बड़े मधुमक्खियों के झुंड निकले. ये मधुमक्खियां अंग्रेजों पर आक्रमण कर दिया, जिससे वे भाग खड़े हुए. धनंजय जी का कहना है कि मधुमक्खियों के काटने से कई अंग्रेजों की जानें भी चली गई थी. यह मंदिर अब सरकार द्वारा पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है. मंदिर और उसके परिसर को नया स्वरूप दिया जा रहा है.
भगवान जागेश्वरनाथ के प्रति भक्तों की है अपार आस्था
सावन के महीने में यहां आने वाले भक्तों की संख्या बढ़ जाती है. इस समय भक्त विशेष रूप से शिवलिंग पर दूध, जल और अन्य सामग्री अर्पित करते हैं. मंदिर में भव्य आयोजन किए जाते हैं, जिसमें विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होते हैं. श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां की पूजा से उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. इस प्रकार, भगवान जागेश्वरनाथ शिव मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यह एक ऐतिहासिक धरोहर भी है. श्रद्धा और विश्वास का यह केंद्र आज भी लोगों के दिलों में अपनी विशेष जगह बनाए हुए है. श्रद्धालुओं की भक्ति और आस्था के चलते यह मंदिर सदियों से एक महत्वपूर्ण स्थान बना हुआ है.
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FIRST PUBLISHED :
October 8, 2024, 10:59 IST