Last Updated:January 19, 2025, 10:40 IST
Ajit Pawar-Dhananjay Munde: राज्य के बीड़ जिले में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या का मामला काफी आगे बढ़ गया है. इस मामले में राज्य सरकार के मंत्री धनंजय मुंडे के करीबी की गिरफ्तारी ने उनको भी संदेह के घेरे में ला दिया है. इस कारण...और पढ़ें
महाराष्ट्र के बीड़ जिले में सरपंज संतोष देशमुख की हत्या का मामला काफी उलझ गया है. इस मामले में एनसीपी कोटे के मंत्री धनंजय मुंडे के करीबी की गिरफ्तारी की वजह से मामला राजनीतिक बन गया है. इस कारण राजनीतिक दवाब भी काफी बढ़ गया है. विपक्ष के साथ-साथ भाजपा के स्थानीय नेता भी धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. इन दबावों के कारण मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी प्रमुख और डिप्टी सीएम अजित पवार भी मुंडे से दूरी बनाते दिख रहे हैं.
इस बीच शनिवार को विधानसभा चुनाव में मिली जीत का जश्न मनाने के लिए एनसीपी ने शिरडी में दो दिवसीय राज्य सम्मेलन की शुरुआत की. इस सम्मेलन में कई नेताओं ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व की सराहना की और इस साल होने वाले नगर निगम चुनावों में पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ने का संकेत दिया. हालांकि, महायुति के दूसरे कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री पद न मिलने से नाराज एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने केवल संक्षिप्त उपस्थिति दर्ज कराई, जबकि कैबिनेट मंत्री धनंजय मुंडेने कार्यक्रम में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया. उन्होंने तबीयत खराब होने का बहाना बनाया. सम्मेलन में धनंजय मुंडे का न पहुंचना चर्चा का विषय बना हुआ है.
अकेले चुनाव लड़ेगी एनसीपी
एनसीपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि पार्टी के सामने सभी विकल्प खुले हैं. उन्होंने कहा कि हम लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए जो मापदंड अपनाते हैं, उन्हें स्थानीय चुनावों में लागू नहीं किया जा सकता. हम अपने साझेदारों से बातचीत करेंगे. जहां भी संभव होगा, हम एक साथ चुनाव लड़ने की कोशिश करेंगे. अन्य स्थानों पर हम परिणाम के बाद महायुति की जीत सुनिश्चित करने के लिए गठबंधन पर विचार कर सकते हैं.
इस सम्मेलन में एनसीपी प्रमुख सुनील तटकरे ने कहा कि रविवार को कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अजित पवार स्थानीय निकाय चुनावों के लिए योजना और अगले पांच वर्षों में पार्टी की प्रगति पर बात करेंगे. कुछ नेताओं ने शरद पवार के खिलाफ अजित पवार द्वारा की गई बगावत को जायज ठहराते हुए कहा कि दादा ने विधानसभा चुनाव में अपनी क्षमता साबित की है, जिससे ‘अजित पवार युग’ की शुरुआत हुई है.
तटकरे ने कहा कि संगठन में असली एनसीपी का मामला कोर्ट में चल रहा है, लेकिन हमें लोगों की अदालत से जीत मिली है. हमने 59 विधानसभा सीटों में से 41 पर जीत हासिल की है. इस बीच, भुजबल ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने उनसे मुलाकात की और कुछ समय के लिए शामिल होने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि हालांकि यहां आने का मतलब नहीं है कि सभी मुद्दे हल हो गए हैं.
सीएम ने भी किया किनारे
इस बीच धनंजय मुंडे पार्टी के साथ-साथ सरकार में भी अलग-थलग पड़ते दिख रहे हैं. शनिवार को सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पालक मंत्रियों की सूची जारी कर दी. इसमें से मुंडे का नाम कट गया. जबकि बीती सरकार में मुंडे बीड़ जिले के पालक मंत्री थे. अब बीड़ की जिम्मेदारी एनसीपी प्रमुख अजित पवार को दी गई है. खुद सीएम ने गढ़चिरौली जिले की जिम्मेदारी ली है.
First Published :
January 19, 2025, 10:40 IST
दादा से नाराज हैं मुंडे? सरकार के साथ पार्टी में अलग-थलग पड़े मंत्री