Last Updated:January 20, 2025, 10:57 IST
प्रेसिडेंट राज कपूर ने Local 18 की टीम से बात की, तो उन्होंने बताया कि कपिल सिब्बल और अरुण जेटली की धर्मपत्नी भी यहां पर दर्शन करने आती हैं. उन्होंने कहा अरुण जेटली भी यहां पर आया करते थे और जब उनकी बेटी की शादी...और पढ़ें
कपिल सिब्बल और अरुण जेटली दिल्ली के इस मंदिर में जाते थे अपनी धर्मपत्नी के संग
दिल्ली: इंडिया में कई ऐसी जगहें हैं, जिनकी काफी ज्यादा मान्यताएं है. वहीं, दिल्ली में भी एक ऐसी जगह है, जिसे लोग बाबा लालू जस राई जी के मंदिर के नाम से जानते हैं. यह मंदिर जामा मस्जिद के पास स्थित है. इस मंदिर में सालों से देखभाल कर रहे प्रेसिडेंट राज कपूर ने Local 18 की टीम से बात की, तो उन्होंने बताया कि कपिल सिब्बल और अरुण जेटली की धर्मपत्नी भी यहां पर दर्शन करने आती हैं. उन्होंने कहा अरुण जेटली भी यहां पर आया करते थे और जब उनकी बेटी की शादी थी, तो वह यहां पर अपनी बेटी की शादी का कार्ड चढ़ाने आए थे.
मंदिर का इतिहास
इस मंदिर का इतिहास लगभग 2,000 साल पुराना है. यहां 300 साल पहले, इस मंदिर के लिए पाकिस्तान के दीपालपुर इलाके के मंदिर की ईंट लाकर रखी गई थी, जिसके बाद खत्री समाज के कुल देवता बाबा लालू जस राई जी का मंदिर बनाया गया था. उन्होंने बताया कि बहुत समय पहले की बात है, पाकिस्तान के दीपालपुर के राजा श्रीचंद खन्ना कोई उत्तराधिकारी न होने से चिंतित थे, एक दिन उन्होंने अपने शाही पुजारी पंडित चांद मुनि जी ज़िंगन (लालू पंडित) से चिंता जाहिर की. तब पंडित चंद्र मुनि जी संत बाबा छज्जलजी के पास गए, जिन्होंने उन्हें हिंगलाज पर्वत पर जाकर देवी चंडिका की तपस्या करने की सलाह दी. वर्षों की तपस्या के बाद भवानी चंडी प्रसन्न हुईं और उन्होंने पंडित जी को आशीर्वाद स्वरूप दो वीर पुत्र दिए और हिदायत दी कि इन बच्चों को कभी न डांटे. उनके नाम यश और राय थे.
आशीर्वाद कि कहानी
उन्होंने कहा कि पंडित जी ने जगदम्बे से प्रार्थना की थी कि राजा की तीन रानियां हैं और आपने उन्हें केवल दो पुत्रों का आशीर्वाद दिया है यानी एक रानी बिना संतान के रहेगी. चंडी भवानी ने उनसे कहा, तीसरी रानी से एक बच्चा पैदा होगा जो खन्ना कुल की प्रगति करेगा. पंडित जी दोनों पुत्रों को लेकर आये थे, इसलिए उन्हें दुनिया में बाबा लालू जसराईन के नाम से जाना जाता है. उन्होंने आगे बताया कि मां भगवती की भविष्यवाणी के अनुसार तीसरी रानी जो बिना संतान के थी, उन्होंने खेलते समय अपना सूट काटने वाला चरखा टूटने के कारण उन दोनों बालकों को डांटा. जिसके बाद वह दोनों बालक भूमि में गायब हो गए, लेकिन उस मां को शुभकामना देने और आशीर्वाद देने से पहले नहीं, जिसने उन्हें डांटा था. माता भवानी के आशीर्वाद से तीसरी रानी से जन्मे बच्चे को बौहार्ड राय कहा गया. धन्य वीर पुत्रों का अवतरण श्रावण अवधि (वुधि) नवमी (श्रावण मास शुक्ल पक्ष, शुक्ल पक्ष, 9वीं तिथि) को हुआ. उन्हीं की याद में पाकिस्तान के देपालपुर में इस मंदिर का निर्माण कराया गया.
चमत्कार
राज कपूर ने इस मंदिर का राज बताते हुए कहा कि इस मंदिर में कई चमत्कार भी हुए हैं. सबसे बड़ा चमत्कार यह है कि यहां पर आकर जो भी संतान मांगता है. उसे संतान प्राप्ति जरूर होती है और अगले वर्ष आकर यहां अपनी उस संतान का माथा भी टिकवाते हैं.
Location :
Delhi Cantonment,New Delhi,Delhi
First Published :
January 20, 2025, 10:57 IST