दिल्ली में खिल ही गया कमल! 'हाथ' से भी नहीं उठेगा झाड़ू, एग्जिट पोल से समझिए

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Last Updated:February 05, 2025, 19:49 IST

Delhi Exit Poll Result: दिल्ली विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल में भाजपा की जीत की भविष्यवाणी की गई है. आम आदमी पार्टी की हार और भाजपा की 27 साल बाद सत्ता में वापसी की संभावना जताई गई है. हालांकि, फाइनल नतीजे 8 फर...और पढ़ें

दिल्ली में खिल ही गया कमल! 'हाथ' से भी नहीं उठेगा झाड़ू, एग्जिट पोल से समझिए

Exit Poll Result: दिल्ली में एग्जिट पोल ने भाजपा की जीत की भविष्यवाणी की है.

Delhi Exit Poll Result: दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोटिंग पूरी हो गई. नतीजे 8 फरवरी को आएंगे. इससे पहले एग्जिट पोल के नतीजों ने हार-जीत का अनुमान बता दिया. एग्जिट पोल की मानें तो आम आदमी पार्टी के हाथ से दिल्ली फिसल गई. दिल्ली में भाजपा का 27 साल का सूखा खत्म हो गया. अरविंद केजरीवाल दिल्ली में जीत की हैट्रिक नहीं लगा पाए. एग्जिट पोल के अनुमानों के मुताबिक, भाजपा ने आम आदमी पार्टी के विजय रथ को रोक दिया है. अगर एग्जिट पोल के आंकड़े 8 फरवरी को आने वाले नतीजों में तब्दील हुए तो फिर दिल्ली में भाजपा की सरकार पक्की है. करीब 7 एग्जिट पोल के नतीजे ये संकेत दे रहे हैं कि दिल्ली में अबकी बार भाजपा की सरकार. कुछ एग्जिट पोल ने तो दिल्ली में भाजपा की सुनामी की भविष्यवाणी की है.

दरअसल, न्यूज18 के पोल्स ऑफ पोल्स में भी दिल्ली में भाजपा सरकार की भविष्यवाणी की जा रही है. पीमार्क, मार्टीज, जेवीसी, पीपुल्स पल्स, पीपुल्स इनसाइड, चाणक्य स्ट्रेटजी और पोल डायरी के एग्जिट पोल ने भाजपा की जीत की ही भविष्यवाणियां की हैं. इन एग्जिट पोल में भले ही भाजपा की जीत की भविष्यवाणी है, मगर फाइट भी टाइट है. हालांकि, पीपुल्स पल्स के आंकड़ों ने तो सबको चौंका दिया है. उसने तो भाजपा को दिल्ली में 60 सीटों के जीतने का अनुमान लगाया है. उसके हिसाब से दिल्ली में आम आदमी पार्टी महज 10 से 19 सीटों पर सिमट सकती है.

सबसे पहले सभी के एग्जिट पोल के आंकड़ों पर गौर करते हैं.

People Pulse Exit Poll: BJP को 51 से 60 सीटें तो AAP को 10 से 19 सीटें मिलने का अनुमान. कांग्रेस को शून्य.
Chanakya Exit Poll: BJP को 39 से 44 सीट मिलने का अनुमान तो AAP को 25 से 28 सीटें मिल सकती हैं. कांग्रेस के खाते में 2-3 सीटें.
Matrize एग्जिट पोल: बीजेपी को 35-40 सीटें, आम आदमी पार्टी को 32-37 सीटें, कांग्रेस को 0-1 सीटें. वोट फीसदी की बात करें तो बीजेपी- 46%, आम आदमी पार्टी- 44%, कांग्रेस- 08%.
JVC Exit Poll: BJP को 39 से 45 सीट मिलने का अनुमान तो आप जीत सकती है 22 से 31 सीटें. कांग्रेस को 0 से 2 सीट मिलने का अनुमान.
People’s Insight: बीजेपी को 40-44 सीटें, AAP को 25-29 सीटें और कांग्रेस को 0-1 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है.
P Marq Exit Poll: BJP को 39 से 49 सीटें मिल सकती हैं. वहीं AAP को 21 से 31 सीट मिलने के संकेत हैं. कांग्रेस 0 से 1 सीट जीत सकती है.
People’s Pulse एग्जिट पोल: भाजपा को 51 से 60 सीटें मिल सकती हैं. आप 10 से 19 पर सिमट सकती है. कांग्रेस का खाता भी नहीं खुलेगा.
पोल डायरी एग्जिट पोल:भाजपा को 42 से 50 सीट जीत सकती है, जबकि आप 18 से 25 सीटों पर सिमट सकती है. कांग्रेस 2 सीटों तक जीत सकती है.
न्यूज18 पोल्स ऑफ पोल: इसमें भी भाजपा की जीत की भविष्यवाणी की गई है. भाजपा 44 तो आम आदमी पार्टी 26 सीट जीतती दिख रही है. कांग्रेस फिर शून्य पर है.

दिल्ली में कमल खिल रहा
इन एग्जिट पोल के नतीजों से लग रहा है कि भाजपा सरकार बना सकती है. 27 साल बाद कमल खिलता दिख रहा है. इसकी एक वजह यह भी है कि कई एग्जिट पोल में भाजपा 40 फीसदी से अधिक वोट पाती दिख रही है. इसका मतलब है कि भाजपा के लिए यह सही संकेत है. दिल्ली का चुनावी इतिहास है कि जिसके पास 40 फीसदी से अधिक वोट शेयर रहा है, उसकी सरकार बनी है.

2013 वाली चाल भी नहीं आएगी काम
ऐसे में अगर 2013 की तरह आम आदमी पार्टी और कांग्रेस हाथ भी मिला लेते हैं तो भाजपा का गेम नहीं बिगाड़ पाएंगे. इसकी वजह है कि कांग्रेस की हालत इस बार भी बहुत खराब है. 2013 में कांग्रेस के पास कुछ सीटें थीं, जिसकी वजह से अरविंद केजरीवाल पहली बार मुख्यमंत्री बने थे. मगर इस बार तो कांग्रेस की हालत ऐसी भी नहीं है कि वह आम आदमी पार्टी को समर्थन दे. इसकी वजह से भाजपा का रास्ता साफ दिख रहा है. इतना ही नहीं, सभी एग्जिट पोल को देखें तो ज्यादातर में भाजपा की जीत की ही भविष्यवाणी है.

दिल्ली में किस चुनाव में क्या हुआ
दिल्ली में पहला विधानसभा चुनाव 1993 में हुआ था. पहली बार दिल्ली में भाजपा की ही सरकार बनी थी. यह तब था, जब पूरे देश में कांग्रेस का राज था. 1993 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने शानदार जीत हासिल की थी. 49 सीटों के साथ उसकी सरकार बनी थी. इसके बाद से अब तक भाजपा सत्ता के लिए तरसती ही रही है. उसके बाद हुए चुनावों में कांग्रेस का दबदबा रहा. 1998 से 2013 तक के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पंजे का ही दबदबा रहा. कांग्रेस ने शीला दीक्षित के नेतृत्व में लगातार तीन बार सरकार बनाई.

अरविंद केजरीवाल ने तोड़ा तिलिस्म
हालांकि, साल 2013 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के तिलिस्म को तोड़ दिया. अरविंद केजरीवाल ने 2013 में खलबली मचा दी थी. 28 सीटें जीतकर दिल्ली में मामला कन्फ्यूज कर दिया था. तब आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई. मगर ज्यादा दिन यह सरकार नहीं चली. इसके बाद 2015 में विधानसभा चुनाव हुए. इस चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आंधी चली. 2020 में भी यही नजारा था. 2015 और 2020 में आम आदमी पार्टी को क्रमश: 67 और 62 सीटें मिलीं. भाजपा 27 साल से सत्ता का सूखा खत्म करने को बेताब थी.

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Delhi,Delhi,Delhi

First Published :

February 05, 2025, 19:49 IST

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