Agency:Local18
Last Updated:February 06, 2025, 14:29 IST
Water Harvesting: अमरेली जिले के जाफराबाद तालुका का कई क्षेत्र खारापाट है. यहां सिर्फ मानसून के मौसम में ही खेती होती है, लेकिन जाफराबाद के वडली गांव के किसान ने एक बीघा जमीन में 28 लाख रुपये खर्च कर तालाब बनाय...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- अमरेली के किसान ने 1 करोड़ लीटर पानी संग्रहित किया.
- 28 लाख रुपये खर्च कर 30 फीट गहरा तालाब बनाया.
- अब तीन मौसमों में फसल उगाने में सक्षम.
अमरेली: सौराष्ट्र में खेती सिंचाई पर निर्भर है. सिंचाई की जरूरत होती है. कई क्षेत्रों में सिंचाई की उचित सुविधा न होने के कारण सिर्फ मानसून और सर्दी के मौसम में ही फसल ली जाती है. अमरेली जिले के जाफराबाद तालुका के वडली गांव की सीमा में समुद्र किनारे का क्षेत्र है. यहां के किसान पी.एम. साखट ने जलसंचय (water harvesting) का काम कर पानी का संग्रह किया है. मानसून में पानी का संग्रह करते हैं और बाद में तीन मौसमों में इस पानी का उपयोग करते हैं.
एक बीघा में तालाब बनाया
जाफराबाद के वडली गांव के किसान पी.एम. साखट की उम्र 46 साल है और उन्होंने स्नातक तक पढ़ाई की है. किसान के पास 37 बीघा जमीन है. इस 37 बीघा जमीन में खारापाट होने के कारण तीन मौसमों की फसल नहीं ली जाती थी. इसलिए वर्ष 2017/18 में अपने खेत में एक बीघा में तालाब बनाया. अब तीन मौसमों की फसल लेते हैं.
तालाब पर 28 लाख का खर्च
लोकल 18 से बात करते हुए किसान प्रवीणभाई साखट ने बताया कि “इस क्षेत्र में मेरा एक ही ऐसा खेत है जिसमें तीन मौसमों में तीन फसलें उगाई जाती हैं और वर्तमान में गर्मी का समय नजदीक आ रहा है. सर्दी का समय है और मानसून गए लगभग 4 से 5 महीने हो चुके हैं, लेकिन अभी तालाब में 50% पानी का संग्रह है. आसपास अपने बोर और कुएं हैं. कुएं में अभी 40 से 50 फीट पानी है. अभी अपने खेत में तीनों मौसमों की फसल ले रहे हैं. रबी की फसल में गेहूं और बाजरे की बुवाई की गई है. इस तालाब को बनाने में 25 से 28 लाख रुपये का खर्च आया है. तालाब भरने से तले ऊंचे आए हैं और कुएं और बोर रिचार्ज हो रहे हैं.
30 फीट गहरा तालाब, 1 करोड़ लीटर पानी का संग्रह
किसान को खारापाट क्षेत्र होने के कारण तीन मौसमों की फसल नहीं मिलती थी. इसलिए कुछ करने के लिए और जलसंचय के कामों के लिए अलग-अलग क्षेत्रों का दौरा किया, लेकिन आखिरकार अपने खेत में एक बीघा में 30 फीट गहरा तालाब बनाया. तालाब में मानसून में बारिश के पानी का संग्रह किया जाता है. इस तालाब में एक करोड़ लीटर पानी का संग्रह होता है. तीन मौसमों की फसल ली जा सकती है. साथ ही दो कुएं भी रिचार्ज होते हैं.
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किसान की जमीन से नदी और वोकल गुजरते हैं. क्षेत्र में प्लास्टिक के पाइप से गटर डाली गई थी और सभी पानी को अपने खेत में बने तालाब में मोड़ा गया है. यह तालाब पूरा भरने पर एक करोड़ लीटर पानी एकत्र होता है और तीन मौसमों के लिए यह पानी फसल के लिए पर्याप्त होता है. इस क्षेत्र में खारापाट होने के कारण चार महीने ही खेती होती है, लेकिन किसान तालाब बनाने से तीन मौसमों में खेती कर रहे हैं.
First Published :
February 06, 2025, 14:29 IST
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