पर्यटन का गढ़ है बिहार, होम स्टे और हॉस्पिटैलिटी से बढ़ेगी रोज़गार की संभावना 

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Agency:News18 Bihar

Last Updated:February 02, 2025, 13:17 IST

Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट 2025-26 पेश कर दिया है. बजट में बिहार के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है. मुख्य रूप से कृषि तथा पर्यटन के क्षेत्र में बड़े बदलाव के लिए कई ऐसे ऐलान किए...और पढ़ें

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हाइलाइट्स

  • बिहार में पर्यटन के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है.
  • होम स्टे और हॉस्पिटैलिटी से रोजगार की संभावना बढ़ेगी.
  • बौद्ध स्थलों का विकास बिहार को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिला सकता है.

पश्चिम चम्पारण. मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश किया जा चुका है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में बजट 2025-26 पेश कर दिया है. खास बात यह है कि बजट में बिहार के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है. मुख्य रूप से कृषि तथा पर्यटन के क्षेत्र में बड़े बदलाव के लिए कई ऐसे ऐलान किए गए हैं, जो बिहार के लिए पूरी तरह से गेम चेंजर साबित हो सकते हैं. बात यदि टूरिज्म की कि जाए, तो बिहार के ज्यादातर ज़िले पर्यटन के दृष्टिकोण से धनी हैं.

ऐसे में वित्त मंत्री की घोषणा सूबे को पर्यटन का एक खास केंद्र बनाने में एक अहम भूमिका निभा सकती है. बजट में जिस प्रकार से होम स्टे के लिए लोन की सुविधा तथा हॉस्पिटैलिटी के कॉन्सेप्ट को बड़े स्तर पर उतारने की घोषणा की गई है, बिहार के विकास में इनका विशेष योगदान हो सकता है.

पर्यटन का गढ़ है बिहार

पर्यटन के क्षेत्र में पिछले एक दशक से कार्यरत, पश्चिम चम्पारण ज़िले के टूर ऑपरेटर आदर्श पांडे बताते हैं कि बिहार को पर्यटन का गढ़ कहा जा सकता है. यहां की भौगोलिक, ऐतिहासिक, धार्मिक तथा प्राकृतिक संपदाएं दुनिया भर के लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करती है. दुख इस बात का है कि पर्यटन के दृष्टिकोण से धनी होने के बावजूद भी मूलभूत सुविधाओं एवं विकासात्मक कार्य में पिछड़े होने की वजह से पर्यटकों का अनुभव यहां के लिए बेहद निम्न स्तरीय होता है. ऐसे में एक बार आने के बाद पर्यटक दोबारा यहां आने से कतराते हैं. अब जब बजट में पर्यटन के विस्तार के लिए विशेष घोषणा की गई है, तो  इसका बड़ा प्रभाव बिहार पर भी पड़ेगा.

होम स्टे तथा हॉस्पिटैलिटी से रोज़गार की प्रबल संभावना

आदर्श बताते हैं कि बजट में बिहार के टूरिज्म पर जो विशेष ध्यान दिया गया है, इससे यहां के अनगिनत लोगों को अच्छे रोज़गार का मौका मिल सकता है. पश्चिम चम्पारण, वैशाली, गया, नालंदा, राजगीर तथा रोहतास जैसे ऐसे दर्जनों ज़िले हैं, जो पर्यटन के दृष्टिकोण से बेहद धनी है. हर साल जापान, अफ्रीका, चीन, सिंगापुर, मलेशिया, थाईलैंड, रशिया तथा अमेरिका सहित दुनियाभर के कई देशों से पर्यटकों की एक बड़ी संख्या बिहार के प्राकृतिक, ऐतिहासिक तथा धार्मिक स्थलों के दीदार के लिए आती है.ऐसे में यहां होम स्टे तथा हॉस्पिटैलिटी के कॉन्सेप्ट को बेहद आगे तक ले जाने एवं उससे बड़े स्तर पर बेहतर रोज़गार की प्रबल संभावना है.

बिहार के लिए खास है बौद्ध स्थलों का विकास

बुद्ध तथा उनकी संपदाओं से जुड़े होने के कारण बिहार के पश्चिम चम्पारण, वैशाली, नालंदा, गया तथा राजगीर जैसे ज़िलों में बड़ी संख्या में बौद्ध धर्मावलंबियों का आना जाना लगा रहता है. ऐसे में बौद्ध धर्म से जुड़े पर्यटन स्थलों पर खास ध्यान दिए जाने की घोषणा राज्य को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में एक अहम भूमिका निभा सकते हैं. बजट में राज्यों के साथ मिलकर करीब 50 नए पर्यटन स्थलों को विकसित करने का ऐलान किया गया है. गौर करने वाली बात यह है कि इसके पहले मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में भी धार्मिक पर्यटन स्थलों को बढावा देने का एलान किया था, जिसमें काशी की तर्ज पर बिहार के महाबोधि मंदिर का निर्माण की बात कही गई थी.

Location :

Pashchim Champaran,Bihar

First Published :

February 02, 2025, 13:17 IST

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पर्यटन का गढ़ है बिहार, होम स्टे और हॉस्पिटैलिटी से बढ़ेगी रोज़गार की संभावना 

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