गो पालन की तस्वीर
जहानाबाद. ठंड का मौसम जानवरों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहता है. इस समय पशुओं में कई बीमारियां होती है, जिसके चलते पशुपालकों की परेशानी बढ़ जाती है. इन बीमारियों से किस तरह बचाएं इसके लिए सारी तैयारियां पहले से ही करनी पड़ती है. इन दिनों कुछ केस लम्पी वायरस के लक्षण जैसा सामने आया है. हालांकि, पूरी तरह कन्फर्म नहीं हो पाया है, लेकिन इससे पशु रखने वाले लोगों की चिंताएं बढ़ गई है. ऐसे में इस खतरनाक वायरस से निपटने के लिए बंधुगंज पशु चिकित्सालय के पशु चिकित्सक डॉ. सुबोध ने जरूरी सलाह दी है.
भैंस में लम्पी बीमारी का नहीं रहता है डर
पशु चिकित्सक डॉ. सुबोध ने लोकल 18 को बताया किलम्पी बीमारी यानी एलएसडी लम्पी स्किन डिजीज एक संक्रामक बीमारी है. ये बीमारी पशुओं में खासतौर पर गाय, बैल में होती है. भैंस में इस बीमारी का डर नहीं रहता है. किसी भी वायरल डिजीज के होने से बचाव के लिए कोई स्पेसिफिक दवाई नहीं है और है भी तो उतनी कारगर नहीं है. सबसे खतरनाक बात यह है कि यह फैलने वाली बीमारी है. अगर किसी क्षेत्र में एक जगह हुआ तो पूरे गांव में फैल जाने का डर रहता है. इसका प्रसार काफी तेजी से होता है. रोकथाम के लिए कुछ समय पहले टीकाकरण का कार्य किया गया है.
कैसे करना है रोकथाम
पशु चिकिस्तक ने बताया कि इससे बचाव के लिए पूरे भारत में वैक्सीनेशन करवाया गया है. बिहार में भी 4 महीने पहले इसका टीका जानवरों को लगाया गया है. इस वजह से इस रोग के पनपने का खतरा पशुओं में कम है, लेकिन सावधानियां बरतना अभी भी जरूरी है. अगर लम्पी बीमारी पशुओं में हो जाती है तो पशुओं को बचाने के लिए उस इलाके में जाने से परहेज करें. अगर चले भी गए तो वापस घर आने पर अच्छे से हाथ पांव धोएं. तभी घर में अंदर प्रवेश करें. इससे आप इस बीमारी का खतरा कम कर सकते हो.
लम्पी वायरस के लक्षण
लंपी बीमारी की वजह से पशुओं को तेज बुखार आता है. यह बुखार चार से पांच दिनों तक रह सकता है. बुखार आने के एक दिन बाद पशुओं के स्किन पर गोल छल्ले होने लगते हैं. यही आगे जाकर घाव का भी रूप ले लेता है. इसे रोकने के लिए हर साल वैक्सीनेशन करवाया जा रहा है. बिहार के हर जिले के प्रत्येक प्रखंड में घर-घर जाकर टीकाकरण का काम किया जा रहा है ताकि जानवरों को इस खतरनाक बीमारी से बचाया जा सके. लम्पी बीमारी वाले लक्षण कुछ जगह पर जानवरों में सामने आए हैं. हालांकि, मामले की पुष्टि अब तक नहीं हो पाई है. इससे बचाव के लिए काम किया जा रहा है.
Tags: Agriculture, Animal husbandry, Jehanabad news, Local18, Lumpy Skin Disease
FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 12:42 IST