पाक के नाम से ही डरते हैं मार्क जुकरबर्ग! 'मौत की सजा' कांड का किया खुलाला

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Last Updated:February 12, 2025, 13:39 IST

Mark Zuckerberg News: मेटा सीईओ का कहना है कि पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून के चक्कर में उनकी कंपनी को मुकदमा का सामना करना पड़ा. मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि पाकिस्तान में फेसबुक पर ईशनिंदा सामग्री होस्ट करने का आरो...और पढ़ें

पाक के नाम से ही डरते हैं मार्क जुकरबर्ग! 'मौत की सजा' कांड का किया खुलाला

मार्क जुकरबर्ग ने पाकिस्तान का एक वाकया सुनाया.

हाइलाइट्स

  • जुकरबर्ग के मुताबिक, पाकिस्तान में मौत की सजा की कार्यवाही सामना करना पड़ा.
  • फेसबुक पर ईशनिंदा सामग्री होस्ट करने का आरोप लगा.
  • मेटा स्वतंत्र अभिव्यक्ति और स्थानीय नियमों में संतुलन बनाएगा.

फेसबुक के मालिक को क्या पाकिस्तान से डर लगता है? मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग क्यों पाकिस्तान नहीं जाना चाहते हैं?  उन्होंने एक ऐसी बात बताई है, जिससे इन बातों का राज पता चलता है. जी हां, मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि पाकिस्तान में उन्हें ईशनिंदा के लिए करीब-करीब मौत की सजा सुनाई जाने वाली थी. उनके ऊपर पाकिस्तान में एक मुकदमा भी है.

मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि उन्हें पाकिस्तान में ईशनिंदा के लिए लगभग मौत की सजा सुनाई गई थी. जो रोगन के पॉडकास्ट में बात करते हुए अरबपति ने कहा कि मेटा को पाकिस्तान में एक मुकदमे के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. इसमें फेसबुक पर कथित ईशनिंदा सामग्री का आरोप लगाया गया है.

मुकदमे में फेसबुक पर पाकिस्तान के सख्त ईशनिंदा कानूनों का उल्लंघन करने वाली सामग्री होस्ट करने का आरोप लगाया गया था. मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि मेटा स्वतंत्र अभिव्यक्ति और स्थानीय नियमों और सांस्कृतिक मूल्यों के सम्मान के बीच संतुलन बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.

उन्होंने कहा, ‘विभिन्न देशों में ऐसे कानून हैं जिनसे हम असहमत हैं. उदाहरण के लिए एक समय ऐसा था जब कोई मुझे पाकिस्तान में मौत की सजा दिलाने की कोशिश कर रहा था क्योंकि किसी ने फेसबुक पर पैगंबर मोहम्मद का चित्रण किया था, और किसी ने कहा, ‘यह हमारी संस्कृति में ईशनिंदा है.’ उन्होंने मुझ पर मुकदमा किया और आपराधिक कार्यवाही शुरू की.’

उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे नहीं पता कि यह कहां तक पहुंचा क्योंकि मैं पाकिस्तान जाने की योजना नहीं बना रहा हूं, इसलिए मैं इसके बारे में ज्यादा चिंतित नहीं हूं.’ मार्क जुकरबर्ग ने टेक कंपनियों पर बढ़ते कंटेंट रेगुलेशन के दबाव पर भी अपनी राय रखी.

उन्होंने कहा, ‘मुद्दा यह है कि दुनिया भर में ऐसे स्थान हैं, जिनके मूल्य हमारे स्वतंत्र अभिव्यक्ति के मूल्यों के खिलाफ जाते हैं और वे चाहते हैं कि हम बहुत अधिक सामग्री पर प्रतिबंध लगाएं. उन सरकारों के पास यह शक्ति हो कि वे आपको जेल में डालने की धमकी दे सकें – यह बहुत बड़ा दबाव है. मुझे लगता है कि यह उन चीजों में से एक है जिसमें अमेरिकी सरकार को शायद विदेशों में अमेरिकी टेक कंपनियों की रक्षा करने में मदद करनी होगी.’

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First Published :

February 12, 2025, 13:39 IST

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