Last Updated:February 07, 2025, 17:51 IST
Helicopter operations : सेना के ऑपरेशन हर वक्त और हर मौसम में जारी रहे यह सबसे महत्वपूरण है. LAC और LOC की उंची चोटियों पर तैनाती सर्दियों में सबसे बड़ी चुनौती होती है. भारी बर्फबारी के चले अग्रिम तोटियों तक पह...और पढ़ें
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ALH नहीं फिर भी LAC पर ऑपरेशन जारी है
हाइलाइट्स
- ALH हेलिकॉप्टर ग्राउंडेड, प्राइवेट हेलिकॉप्टर सेना की मदद में जुटे।
- सिविल हेलिकॉप्टर से LAC के फॉरवर्ड पोस्ट तक रसद पहुंचाई जा रही है।
- सेना ने सिविल हेलिकॉप्टर कंपनियों से करार किया है।
Helicopter operations : भारतीय सेना की लाइफ लाइन बन चुके एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर (ALH) ध्रुव 1 महीने से ग्राउंडेड है. 5 जनवरी को पोरबंदर में कोस्ट गार्ड के ALH क्रैश के बाद से ही सभी 300 से ज्यादा हेलिकॉप्टर ग्राउंडेड है. कोस्ट गार्ड ने हेलिकॉप्टर हादसे पर बोर्ड ऑफ इन्क्वायरी आदेश दिए थे. अभी भी बोर्ड ऑफ इन्क्वायरी पूरी नहीं हुई है. यानी एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर (ALH) ध्रुव के उड़ान भरनें में वक्त लग सकता है. लेहाजा उनकी कमी को भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर कर रहे हैं. अब प्राइवेट हैलिकॉप्टर भी सेना की मदद में जुट गई है. गुरुवार को प्राइवेट हेलिकॉप्टर ने उत्तराखंड में LAC के करीब दूर दराज के पोस्टों पर सेना के लिए सामग्री पहुंचाई.
उत्तराखंड में शुरु प्राइवेट सेवा
भारतीय सेना को ताकवर उसकी प्लानिंग और कंटिंजेंसी प्लानिंग बनाती है. उसी के तहत सेना ने पिछले साल अक्टूबर में ही सीमा क्षेत्रों में लॉजिस्टिक जरूरतों के लिए सिविल हेलिकॉप्ट कंपनियों से करार किया था. उसका फायद अब उठाया जा रहा है जब सेना की लाइफ लाइन कहे जाने वाले ALH हेलिकॉप्टर उड़ान नहीं भर पा रहे हैं.सेना के सेंट्रल कमॉंड में के अंतर्रगत आने वाले उत्तराखंड में सेना के लिए प्राइवेट हेलिकॉप्टर सेवा शुरू हुो गई.रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने इस बात की जानकारी दी. 6 फरवरी को प्राइवेट हेलिकॉप्टर कंपनी थंबी एविएशन प्राइवेट लिमिटेड के हेलिकॉप्टर ने फॉर्वर्ड एरिया में सामान की डिलिवरी की. सेना के सूर्य कमान के तहत उत्तराखंड के गढ़वाल, कुमाऊं और हिमाचल के फॉर्वर्ड पोस्ट पर लॉजेस्टिक स्टॉक को पहुंचाया.
LAC और LOC के लिए बड़ा प्लान
सेना के जरूरतों को पूरे LAC और LOC पूरा करने के लिए सेना ने यहा प्लान बनाया था. उस वक्त सिर्फ नॉर्दर्न कमांड के लिए ही हेलिकॉप्टर सेवाओं पर करार हुआ था. आगे सेंट्रल और इस्टर्न सेक्टर के लिए भी बढ़ाया जाना था. सेंट्रल कमान ने भी इसी तरह का करार किया. अक्टूबर में सेना ने प्राइवेट हेलिकॉप्टर प्लेयर के साथ करार किया था. इस करार के मुताबिक भारत के नॉर्दर्न और वेस्टर्न बॉर्डर में स्थित उन चौकियों तक रसद पहुचाने के लिए नीजि हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल किया जाना था. जो सर्दियों में बर्फबारी के चलते पूरी तरह से कट जाती है.यह करार एक साल के लिए किया गया. इसमें जम्मू के 16 फॉर्वर्ड पोस्ट को सुविधा मिलेगी. 150 दिन के लिए कश्मीर और लद्दाख में प्राइवेट हेलिकॉप्टर की सर्विस ली जा सकेगी. लद्दाख में 7, कश्मीर में 2 और जम्मू के एक इलाके में ऑप्रेट करेगी और कुल मिलाकर 44 सेना के पोस्ट को कवर करेंगी.
सेना की लाइफलाइन है ALH
300 से ज्यादा हेलिकॉप्टर भारतीय सेना के तीनों अंग यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना के अलावा कोस्टगार्ड भी इस्तेमाल कर रही है. हर हेलिकॉप्टरों की सालाना उड़ान घंटे फिक्स होते है. वायुसेना के हेलिकॉप्टर का सर्विसिंग शिड्यूल बना होता है. उसका सख्ती के साथ पालन किया जाता है. मसलन एक हेलिकॉप्टर 25 घंटे की उड़ान पर उसकी सर्विसिंग होती है. उसके बाद फिर 50 घंटे और फिर 75 घंटे के बाद सर्विसिंग के लिए जाना होता है. ALH की गैरमौजूदगी में भारतीय वायुसेना के चीता, चेतक, चीतल, Mi -17 और चिनूक हेलीकॉप्टर के जरिए थल सेना ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक HAL ने दुर्घटनाग्रस्त कोस्टगार्ड हेलिकॉप्टर के मलबे, हेलिकॉप्टर का फ्लाइंग रिकॉर्ड और ब्लैक बॉक्स की जांच कर के खराबी का पता तो चल गया है. हांलाकि अभी बोर्ड ऑफ इन्क्वायरी पूरी नहीं हुई है. उम्मीद जताई जा रही है जल्द ALH उड़ान भरने लगे. प्राइवेट हेलिकॉप्टर की सेवांए भी करार के मुताबिक जारी रहेंगी.
First Published :
February 07, 2025, 17:51 IST