Agency:News18 Rajasthan
Last Updated:February 07, 2025, 20:43 IST
Jaya Ekadashi 2025 Date: सनातन धर्म में एकादशी व्रत का अपना एक विशेष महत्व है. धर्म विशेषज्ञ के मुताबिक जो व्यक्ति इस व्रत को सच्चे मन से करता है, उसे सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है. सनातन धर्म में उदया तिथि क...और पढ़ें
एकादशी व्रत वाले को सभी सुख मिलते हैं
हाइलाइट्स
- जया एकादशी व्रत 8 फरवरी को रखा जाएगा.
- इस दिन रवि योग और शिववास योग का निर्माण हो रहा है.
- भगवान विष्णु की पूजा से सभी पापों से मुक्ति मिलती है.
जयपुर. हिंदू धर्म में सभी व्रतों में एकादशी का व्रत सबसे श्रेष्ठ माना गया है. यह दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना का दिन है. वहीं, भगवान श्री कृष्ण के अवतार बाबा श्याम के भक्तों के लिए भी ये दिन बहुत खास होता है. इस बार एकादशी व्रत रवि योग में आएगा. धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने बताया कि 8 फरवरी को जया एकादशी व्रत रखा जाएगा. हिंदू धर्म में एकादशी को सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना गया है. एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है.
जया एकादशी पर रवि योग का हो रहा निर्माण
धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने बताया कि जो व्यक्ति इस व्रत को सच्चे मन से करता है, उसे उसके सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है. एकादशी व्रत करने वाला व्यक्ति इस लोक में समस्त सुख भोगकर उसके मृत्य के बाद स्वर्ग में स्थान पाता है. सनातन धर्म में उदया तिथि का विशेष महत्व है, जया एकादशी व्रत 8 फरवरी को रखा जाएगा. जया एकादशी के दिन रवि योग का निर्माण हो रहा है. साथ ही भद्रावास का भी संयोग है. इसके अलावा रात में शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है.
हर एकादशी का अपना है अलग महत्व
धर्म विशेषज्ञ ने बताया कि 11वीं तिथि को एकादशी कहते हैं. ये महीने में दो बार आती है. एक शुक्ल पक्ष के बाद और दूसरी कृष्ण पक्ष के बाद. पूर्णिमा के बाद आने वाली एकादशी को कृष्ण पक्ष की एकादशी और अमावस्या के बाद आने वाली को शुक्ल पक्ष की एकादशी कहते हैं. इस तरह साल में 24 एकादशी तिथियों को अलग-अलग नाम दिए गए हैं. हर एकादशी का अपना अलग महत्व है. हिंदू धर्म व्रतों और त्योहारों का विशेष महत्व है. एकादशी व्रत का भी सभी व्रत में विशेष महत्व है. एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है.
ऐसे करें एकादशी का व्रत
धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने बताया कि एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. भगवान विष्णु की पूजा करें. भगवान विष्णु को गंगा जल से अभिषेक करें. साथ ही भगवान विष्णु को पुष्प, तुलसी दल, धूप, दीप, अक्षत आदि चढ़ाने के साथ भाेग भी लगाएं. वहीं भगवान विष्णु की आरती करने के साथ-साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा करें. भगवान विष्णु के साथ-साथ श्रीकृष्ण की भी पूजा करें और व्रत का पारण द्वादशी को करें.
Location :
Jaipur,Jaipur,Rajasthan
First Published :
February 07, 2025, 20:43 IST
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