Agency:News18 Madhya Pradesh
Last Updated:February 02, 2025, 11:03 IST
Natural farming and integrated farming: अगर आप प्राकृतिक और जैविक खेती के बीच का अंतर नहीं समझ पा रहे हैं, तो किसान चितरंजन चौरसिया से जानें। उन्होंने बताया कि जैविक खेती में रासायनिक उर्वरकों की जगह जैविक खाद का ...और पढ़ें
किसान चितरंजन चौरसिया
हाइलाइट्स
- प्राकृतिक खेती में प्राकृतिक खाद का उपयोग होता है।
- जैविक खेती में रासायनिक उर्वरकों की जगह जैविक खाद का प्रयोग होता है।
- प्राकृतिक खेती से लागत कम और मुनाफा अधिक होता है।
प्राकृतिक खेती. सालों से प्राकृतिक खेती और जैविक खेती करने वाले किसान चितरंजन चौरसिया लोकल 18 से बातचीत में बताते हैं कि प्राकृतिक खेती और जैविक खेती दोनों अलग हैं. हमारे यहां कृषि विभाग द्वारा प्राकतिक खेती और जैविक खेती प्रशिक्षण के शिविर भी लगाए जाते हैं.
जैविक खेती
जैविक खेती वह होती है जिसमें रासायनिक उर्वरकों की जगह जैविक खाद का प्रयोग किया जाता है. जिसे हम जैविक खेती कहते हैं. जैसे वर्मी कंपोस्ट केंचुआ खाद बनाते हैं ये जैविक खेती के अंतर्गत उपयोग किए जाते हैं.
प्राकृतिक खेती
वहीं प्राकतिक संसाधनों से जो खाद निर्मित होती है उसे प्राकृतिक खेती कहते हैं. जैसे जीवांमृत, बीजांमृत, घनजीवांमृत, सप्तधान्य ये प्राकृतिक खेती में उपयोग होने वाले खाद और कीटनाशक हैं.
हमारे यहां समय-समय पर जैसे इनकी आवश्यकता होती है इनको तैयार किया जाता है. तैयार करने के बाद हम इनका खेत में उपयोग करते हैं. इसका मुख्य सूत्र यह है कि प्राकृतिक खाद डालने से जमीन के अंदर करोड़ों बैक्टीरिया पैदा होते हैं. ये खेत की उपज को बढ़ाते हैं.
प्राकृतिक खेती है फायदेमंद
किसान चितरंजन बताते हैं कि किसानों के पास गोबर, गोमूत्र आसानी से उपलब्ध होता है. ये दोनों चीजें किसानों के पास रहती हैं. इस खेती से किसानों को फायदा ये होता है कि उनकी खेती में लागत कम आती है.
100 रुपए में हो जाता है जीवामृत तैयार
चितरंजन बताते हैं कि किसान 100 रुपए में ही जीवामृत तैयार कर सकते हैं. ये जीवांमृत गुड़ बेसन से तैयार किया जाता है. 1 एकड़ में 200 लीटर डाल सकते हैं. सिंचाई के साथ में ही इसे डाल सकते हैं.
Location :
Chhatarpur,Madhya Pradesh
First Published :
February 02, 2025, 11:03 IST
प्राकृतिक खेती और जैविक खेती में क्या है अंतर? जानें कैसे करें लाखों का मुनाफा