Last Updated:February 08, 2025, 11:15 IST
RBI ने रेपो रेट 6.50% से घटाकर 6.25% किया, जिससे होम लोन की ब्याज दरें कम होंगी. लोन ट्रांसफर, ब्याज दरों पर नजर और आंशिक प्रीपेमेंट से ब्याज बोझ कम किया जा सकता है.
हाइलाइट्स
- RBI ने रेपो रेट 6.50% से घटाकर 6.25% किया.
- होम लोन की ब्याज दरें कम होंगी.
- लोन ट्रांसफर और प्रीपेमेंट से ब्याज बोझ कम करें.
नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 7 फरवरी को लोगों को बड़ी राहत देते हुए रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की घोषणा की. इस कटौती के बाद रेपो रेट 6.50 फीसदी से घटकर 6.25 फीसदी हो गई. केंद्रीय बैंक ने पांच साल में पहली बार ब्याज दरें घटाई हैं. रेपो रेट में कमी का फायदा बैंक से लोन लेने वाले लोगों को खूब होगा, खासकर होम लोन लेने वालों को. ऐसा इसलिए है क्योंकि होम लोन लंबी अवधि का ऋण होता है. इस वजह से ब्याज दरों में थोड़ी सी भी घटत-बढत ब्याज राशि पर काफी असर डालती है. 1 अक्टूबर 2019 के बाद स्वीकृत सभी रिटेल फ्लोटिंग-रेट लोन एक बाहरी बेंचमार्क से जुड़े होते हैं, जो ज्यादातर बैंकों के मामले में रेपो रेट होता है. इसका मतलब है कि बैंकों को रेपो रेट में कटौती का लाभ लोन लेने वाले को देना होता है.
रेपो रेट में कटौती का लाभ फ्लोटिंग रेट लोन लेने वालों को तो मिल जाएगा, लेकिन जिन लोगों ने पुराने बेंचमार्क जैसे मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) या बेस रेट (RBI का प्री-MCLR निचला ब्याज दर सीमा) से जुड़ा है, उन्हें इसका फायदा नहीं मिलेगा. लेकिन, ऐसे लोगों के पास भी होम लोन की ब्याज दरें कम करने के कुछ तरीके हैं, जिन्हें अपनाकर वे अपना लोन बर्डन कम कर सकते हैं. आज हम उन तरीकों के बारे में ही बात करेंगे.
लोन ट्रांसफर
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, कम ब्याज दरों का लाभ उठाने के लिए अपने होम लोन को रिफाइनेंस करने पर विचार करें. अपने लोन को ऐसे बैंक या एनबीएफसी को ट्रांसफर करें जो रेपो रेट-लिंक्ड लोन देता है. इससे आपको कम ब्याज दरों का लाभ उठाने और अपने कुल ब्याज बोझ को कम करने में मदद मिल सकती है. बैंकबाजार.कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी का कहना है कि जिन लोगों का लोन रेपो रेट से जुड़ा है वे उन ऋणदाताओं के पास स्विच करने पर विचार कर सकते हैं जो कम ब्याज दरें ऑफर कर रहे हैं.
ब्याज दरों पर नज़र बनाए रखें
बाजार में ब्याज दरों की सक्रिय रूप से निगरानी करना और अपने बैंक से कम दरों पर बातचीत करना भी फायदेमंद हो सकता है. कई बैंक ग्राहकों को बनाए रखने के लिए ब्याज दरें कम करने को तैयार हो सकते हैं, खासकर अगर ग्राहक लोन ट्रांसफर करने की मंशा जाहिर करें.
आंशिक प्रीपेमेंट
विशेषज्ञों के अनुसार, जिन लोगों को वेतन में बढ़ोतरी या बोनस मिलता है, वे इस अतिरिक्त धनराशि का उपयोग आंशिक प्रीपेमेंट के लिए कर सकते हैं. इससे मूल लोन राशि घटेगी और ब्याज में लाखों रुपये की बचत हो सकती है.
बचत को सही तरीके से करें निवेश
RBI की इस दर कटौती और सरकार द्वारा हाल ही में घोषित टैक्स कटौती से आम जनता को कुछ राहत मिली है. विशेषज्ञों का सुझाव है कि इस अतिरिक्त बचत को होम लोन के समय से पहले भुगतान में लगाकर वित्तीय बोझ कम किया जा सकता है.
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New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
February 08, 2025, 11:15 IST