जूट से बना दुर्गा पूजा पण्डाल
प्रयागराज: देश में त्योहार का सीजन चल रहा है. ऐसे में शारदीय नवरात्रि में दुर्गा पूजा की शुरुआत हो जाती है. दुर्गा पूजा उत्तर भारत के एक सबसे प्रमुख त्योहारों में एक होता है, जिसमें मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर लोग पूजा उपासना करते हैं. यहां सबसे खास बात यह है कि इस दौरान बनने वाली दुर्गा पूजा पंडाल किसी विशेष थीम पर होते हैं.
इस मामले में प्रयागराज सबसे अलग थीम बनाकर उत्तर भारत में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. कोलकाता के बाद सबसे ज्यादा दुर्गा पूजा पंडाल की चर्चा कहीं हो रही है, तो वह प्रयागराज है. क्योंकि प्रयागराज में बनने वाली पंडाल की थीम सबसे अलग है.
यह पंडाल पर्यावरण को स्वच्छ रखने का दे रहा संदेश
प्रयागराज के कीडगंज में स्थित बाई का बाग के प्रभाकर द्विवेदी पार्क में बरवारी दुर्गा पूजा समिति की ओर से प्रतिवर्ष इको फ्रेंडली दुर्गा पूजा पंडाल बनाया जाता है. जहां पिछले साल यहां पर बांस के प्रयोग से लगभग 55 फीट ऊंचा दुर्गा पूजा पंडाल बनाया गया था, तो वहींं, इस साल जूट के प्रयोग से खास पर्यावरण मित्र पंडाल बनाया गया है. इस बार का पंडल पिछले साल से काफी खास है. यह पंडाल केवल जूट की रस्सियों से बनाया गया है, जो लगभग 50 फीट ऊंचा है.
जानें इस पंडाल की खासियत
बरवारी दुर्गापूजा समिति के कोषाध्यक्ष अंकित मुखर्जी ने लोकल18 से बताया कि हमारे यहां बनने वाले पंडाल के माध्यम से प्रतिवर्ष पर्यावरण स्वच्छता का संदेश देने का प्रयास किया जाता है. इस साल यहां पर बनने वाले पंडाल को बंगाल की जूट से बनाया गया है, जिसको बनाने के लिए बंगाल के कारीगर भी आए थे. इस पंडाल को बनाने में लगभग 8 लाख रुपए की लागत आई.
अंदर दिखाते हैं ये चीज
प्रयागराज के कीडगंज स्थित बाई के बाग का दुर्गा पूजा पंडाल इन दिनों प्रयागराज में चर्चा का विषय बना हुआ है. पूरी तरह बंगाली जूट से निर्मित यह पंडाल देखने के लिए रात में 11:00 बजे तक हजारों लोगों की भीड़ जमा रहती है. इस पंडाल के अंदर प्रवेश करते ही आपको जूट से ही बने भगवान गणेश ,सूर्य एवं वृताकार बड़ा सा झालर देखने को मिलेगा. इस अनोखे पंडाल में लगभग 20 फीट ऊंची मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई है.
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FIRST PUBLISHED :
October 10, 2024, 10:40 IST