बंजर जमीन के लिए सोना है गोबर से बनी ये खाद! उर्वरक का बच जाएगा खर्च

2 hours ago 1

Agency:News18 Bihar

Last Updated:February 01, 2025, 14:30 IST

गाय और भैंस के गोबर को जैविक खाद (वर्मी कम्पोस्ट या देसी खाद) में बदलने की प्रक्रिया को कम्पोस्टिंग कहा जाता है. इस प्रक्रिया में गोबर को प्राकृतिक तरीके से सड़ाया जाता है, जिससे यह पोषक तत्वों से भरपूर खाद में...और पढ़ें

X

प्रतीकात्मक

प्रतीकात्मक तस्वीर 

हाइलाइट्स

  • गोबर से 40 दिनों में जैविक खाद बनाएं.
  • खाद बनाने की प्रक्रिया में गोबर को प्राकृतिक तरीके से सड़ाया जाता है.
  • खाद का संतुलित उपयोग फसल के लिए फायदेमंद होता है.

पश्चिम चम्पारण:- गाय और भैंस का गोबर भारतीय कृषि का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो जैविक खेती और पर्यावरण के अनुकूल तरीकों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसे प्राकृतिक खाद के रूप में उपयोग करने की प्राचीन परंपरा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि गाय और भैंस के गोबर को परफेक्ट देसी खाद बनने में कितना समय लगता है और इसका उपयोग कैसे करना चाहिए? कृषि एक्सपर्ट रविकांत पांडे ने इस पर विस्तार से जानकारी साझा की है.

40 दिनों में ऐसे बनाएं गोबर से खाद
पिछले 25 वर्षों से कृषि पर काम कर रहे एक्सपर्ट रविकांत Local 18 को बताते हैं कि गाय और भैंस के गोबर को जैविक खाद (वर्मी कम्पोस्ट या देसी खाद) में बदलने की प्रक्रिया को कम्पोस्टिंग कहा जाता है. इस प्रक्रिया में गोबर को प्राकृतिक तरीके से सड़ाया जाता है, जिससे यह पोषक तत्वों से भरपूर खाद में बदल जाता है. सामान्यत: गाय और भैंस के गोबर को खाद बनने में 40 से 60 दिन लगते हैं. यह समय अवधि मौसम, नमी और अन्य कारकों पर निर्भर करती है. गर्मियों में यह प्रक्रिया तेजी से पूरी होती है, जबकि सर्दियों में इसमें थोड़ा अधिक समय लग सकता है.

ये है खाद तैयार करने की प्रक्रिया
पहला चरण (1-2 सप्ताह): गोबर को खुले स्थान पर फैलाकर सड़ने के लिए छोड़ दिया जाता है. इस दौरान इसे समय-समय पर पलटते रहें, ताकि हवा का संचार होता रहे.

दूसरा चरण (3-4 सप्ताह): गोबर में सूक्ष्मजीव सक्रिय हो जाते हैं और इसे धीरे-धीरे जैविक खाद में बदलने लगते हैं.

तीसरा चरण (5-8 सप्ताह): गोबर पूरी तरह से खाद में बदल जाता है और इसे फसल में उपयोग के लिए तैयार किया जा सकता है. इस समय गोबर का रंग गहरा भूरा हो जाता है और इसमें कोई दुर्गंध नहीं होती.

खाद के उपयोग की सही विधि
खेत की तैयारी: गोबर की खाद का उपयोग खेत की तैयारी के समय करना चाहिए. इसे खेत में समान रूप से फैलाकर मिट्टी में मिला देना चाहिए. यह खाद पौधों की जड़ों तक जरूरी पोषक तत्व पहुंचाने में मदद करती है.

पौधों के बीच में डालना: यदि पौधे पहले से लगे हुए हैं, तो गोबर की खाद को पौधों के चारों ओर मिट्टी में डालें. ध्यान रहे कि खाद की मात्रा उचित होनी चाहिए, क्योंकि अत्यधिक खाद से पौधों की जड़ों को नुकसान हो सकता है.

उर्वरक के साथ मिश्रण: कुछ किसान गोबर की खाद को अन्य उर्वरकों के साथ मिलाकर भी उपयोग करते हैं. इससे मिट्टी की उर्वरकता बढ़ती है और फसल की पैदावार में सुधार होता है.

जल निकासी का ध्यान: गोबर की खाद का उपयोग करने के बाद, खेत की जल निकासी का ध्यान रखना जरूरी है. यदि खेत में पानी भर जाए, तो खाद का प्रभाव कम हो सकता है. इसलिए खेत में सही तरीके से पानी देना भी महत्वपूर्ण है.

ये भी पढ़ें:- पीठ के बल या पेट की तरफ…आपके सोने का अंदाज बताता है कैसे इंसान हैं आप, जानें कौन-सा सही तरीका?

एक्सपर्ट की सलाह का करें अनुसरण
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि गोबर की खाद का संतुलित उपयोग करना चाहिए. अत्यधिक मात्रा में इसका उपयोग करने से फसल पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है. खेत की तैयारी के समय या पौधों के शुरुआती विकास चरण में गोबर की खाद का उपयोग सबसे फायदेमंद होता है. इससे पौधों को शुरुआती पोषण मिल जाता है और उनकी ग्रोथ बेहतर होती है. किसानों को समय-समय पर अपनी मिट्टी की जांच करवानी चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गोबर की खाद का सही ढंग से उपयोग हो रहा है और मिट्टी में पोषक तत्वों की सही मात्रा बनी हुई है.

Location :

Bettiah,Pashchim Champaran,Bihar

First Published :

February 01, 2025, 14:30 IST

homeagriculture

बंजर जमीन के लिए सोना है गोबर से बनी ये खाद! उर्वरक का बच जाएगा खर्च

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article