Agency:News18 Bihar
Last Updated:February 02, 2025, 14:19 IST
Wheat Farming Tips: किसानों को यह उम्मीद होती है कि फसल की पैदावार अच्छी हो. हालांकि, इस बार बदलते मौसम ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है, लेकिन इस तरह के मौसम में भी किसान अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. नाइट्...और पढ़ें
गेहूं की तस्वीर
हाइलाइट्स
- नाइट्रोजन, पोटास और फास्फोरस का सही अनुपात में उपयोग करें.
- भूगर्भ जल का प्रयोग करें, नहर या तालाब का पानी न लें.
- मल्टीप्लेक्स या एग्रोमिन का 2.5 एमएल प्रति लीटर पानी में उपयोग करें.
जहानाबाद. गेहूं की बुवाई के बाद 1 महीने का समय बीत चुका है. बिहार में गेहूं की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. ऐसे में किसानों को यह उम्मीद होती है कि फसल की पैदावार अच्छी हो. हालांकि, इस बार बदलते मौसम ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है, लेकिन इस तरह के मौसम में भी किसान अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. हालांकि, अच्छी उपज के लिए किसानों को कुछ बात का ख्याल रखना जरूरी होता है. ऐसे में किसानों को बदलते समय में गेहूं की खेती में अच्छी पैदावार कैसे प्राप्त करें. कृषि विज्ञान केंद्र गंधार के फसल वैज्ञानिक डॉ. मनोज कुमार ने लोकल 18को बताया कि गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए कई बातों का ध्यान देता है.
कई बार जानकारी के अभाव में किसान ज्यादा सिंचाई कर देते हैं. ऐसे में फसल खराब होने का डर हो जाता है. कभी-कभी तो किसान समय के हिसाब से खाद प्रयोग नहीं करते हैं तो, उससे पत्तियां झुलस जाती है. इन सबकी वजह से फसल खराब होने की संभावनाएं बढ़ जाती है. कुछ कारक मौसम भी होता है, जिसके चलते फसल बर्बाद होती है. ऐसे में इस समय भी कुछ बातों का ख्याल रखा जाए तो फसल से अच्छी उपज किसान पा सकते हैं.
ये है फसल उत्पादन बढ़ाने में महत्वपूर्ण
एक्सपर्ट के अनुसार, ऐसा देखा जाता है कि हाथ से धान कटाई होने और नमी ज्यादा रह जाने से गेहूं की बुआई में देर हो जाती है. बहुत सारे किसान तो जनवरी में भी गेहूं की बुआई करते हैं. अब इस साल तापमान का अवधि भी कम रहा है. इस स्थिति में किसान को सबसे पहले नाइट्रोजन, पोटास और फास्फोरस की मात्रा 19, 19, 19 के अनुपात में रहता है जो पानी में घुलनशील मात्रा में उपलब्ध रहता है. इसका इस्तेमाल 10 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर और 1 किलो प्रति की एकड़ की दर से जितना पानी की जरूरत होती है, उस हिसाब से अगर आप स्प्रे करते हैं तो, गेहूं की वृद्धि और विकास में गति आ जाता है.
खेत में भूगर्भ जल का ज्यादा करें प्रयोग
उन्होंने बताया कि इसके साथ-साथ मल्टीप्लेक्स का जो मिश्रण आता है या फिर एग्रोमिन या प्लांट ग्रोथ प्रोमोटर के रूप में जो जाता है, इन सबमें से कोई एक का इस्तेमाल 2.5 एमएल प्रति लीटर पानी के हिसाब से करते हैं तो, आपके खेत में फसल की पैदावार अच्छी होती है और बदलते मौसम का भी कोई असर नहीं ज्यादा नहीं पड़ता है. सिंचाई जब भी करें भूगर्भ जल का करें, ना कि आस-पास जमे हुए नहर की पानी और तालाब की पानी का करें. इससे फसल को जो उचित मात्रा में चीजें मिलनी चाहिए. वो मिलता रहेगा. इन सभी बातों को किसान अगर ध्यान देते हैं तो, फसल की पैदावार अच्छी प्राप्त कर सकते हैं.
Location :
Jehanabad,Bihar
First Published :
February 02, 2025, 14:19 IST
बदलते मौसम का भी गेहूं पर नहीं पड़ेगा असर, सिर्फ इन बातों का रखें ख्याल