Last Updated:February 03, 2025, 05:01 IST
Mahakumbh Basant Panchami 2025 Amrit Snan: महाकुंभ में बसंत पंचमी के दिन किए गए इस विशेष अमृत स्नान का धार्मिक, मानसिक और शारीरिक महत्व बहुत ज्यादा है. यह दिन पुण्य की प्राप्ति और आत्मा की शुद्धि का उत्तम अवसर ...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- महाकुंभ में बसंत पंचमी पर तीसरा अमृत स्नान आज है।
- स्नान का मुहूर्त 2 फरवरी सुबह 9:14 से 3 फरवरी सुबह 6:52 तक।
- सबसे पहले सन्यासी परंपरा के अखाड़ों का स्नान होगा।
Mahakumbh Basant Panchami 2025 Amrit Snan: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान अमृत स्नान का विशेष महत्व है, जहां लाखों श्रद्धालु संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाकर अपने पापों से मुक्ति प्राप्त करते हैं. महाकुंभ के इस साल का तीसरा अमृत स्नान बसंत पंचमी के दिन, 3 फरवरी 2025 को यानी आज होने जा रहा है. यह दिन विशेष रूप से मां सरस्वती के व्रत और पूजन के लिए भी प्रसिद्ध है, जो ज्ञान और कला की देवी मानी जाती हैं. इस दिन का महत्व और इसकी धार्मिक प्रक्रिया को समझना बहुत जरूरी है. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.
बसंत पंचमी पर महाकुंभ स्नान का महत्व
महाकुंभ का प्रत्येक स्नान धार्मिक दृष्टि से बहुत पवित्र होता है और बसंत पंचमी के दिन इसे बहुत ज्यादा पुण्यकारी माना जाता है. इस दिन का मुख्य आकर्षण यह है कि यह दिन ज्ञान, कला और संगीत की देवी मां सरस्वती के व्रत से जुड़ा हुआ है. इस दिन को लेकर मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन श्रद्धापूर्वक स्नान करता है, वह अपने जीवन में अपार सफलता और पुण्य प्राप्त करता है.
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बसंत पंचमी का दिन एक विशेष अवसर है जब लोग बिना मुहूर्त देखे भी शुभ कार्य कर सकते हैं, क्योंकि यह दिन “अबूझ मुहूर्त” के रूप में प्रसिद्ध है. इस दिन का स्नान धार्मिक जीवन में एक नई शुरुआत मानी जाती है.
महाकुंभ 2025 का तीसरा अमृत स्नान मुहूर्त
महाकुंभ के तीसरे अमृत स्नान का मुहूर्त 2 फरवरी 2025 को सुबह 9:14 से प्रारंभ होगा और 3 फरवरी 2025 को सुबह 6:52 तक रहेगा. इस दौरान ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है. ब्रह्म मुहूर्त का समय सुबह 5:24 से 6:16 तक रहेगा. इसके अतिरिक्त, अन्य शुभ मुहूर्त जैसे लाभ काल, अमृत काल और शुभ काल भी इस दिन में उपलब्ध हैं.
अमृत स्नान विधि
बसंत पंचमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में नदी में स्नान करने से पहले साधु-संतों के स्नान का अनुसरण करना चाहिए. स्नान के बाद तट से दूर पवित्र जल से शरीर को शुद्ध किया जाता है, जिसे मलापकर्षण स्नान कहते हैं. इसके बाद नदी में घुटनों तक उतरकर जल लेकर संकल्प किया जाता है. स्नान के वक्त विशेष मंत्र का उच्चारण किया जाता है – “गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति, नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु”.
स्नान के बाद सूर्य की ओर मुंह करके पांच बार डुबकी लगानी चाहिए और तर्पण करना चाहिए. इसके बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर पंचदेवों की पूजा करनी चाहिए और जरूरतमंदों को दान करना चाहिए.
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अखाड़ों का अमृत स्नान
महाकुंभ में विभिन्न अखाड़ों का विशेष स्नान कार्यक्रम होता है. सबसे पहले सन्यासी परंपरा के अखाड़ों का स्नान होगा. श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा सुबह 5:00 बजे संगम तट पर स्नान करेगा. इसके बाद पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी और श्री पंचायती अखाड़ा आनंद 5:50 पर स्नान करेगा. श्री पंचदश नाम जूना अखाड़ा, श्री पंचदश नाम आवाहन अखाड़ा और श्री पंच अग्नि अखाड़ा 6:45 पर स्नान करेंगे. इसके बाद तीनों बैरागी अखाड़े के स्नान का क्रम आएगा. सबसे पहले अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनि अखाड़ा 9:25 पर स्नान करेगा. इसके बाद अखिल भारतीय श्री पंच दिगंबर अनि अखाड़ा 10:05 पर स्नान करेगा. अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनि अखाड़ा 11:05 पर स्नान करेगा. सबसे अंत में उदासीन अखाड़े त्रिवेणी में स्नान करेंगे. सबसे पहले श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा दोपहर 12:00 बजे स्नान करेगा. इसके बाद श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन दोपहर 1:05 पर स्नान करेगा. सबसे अंत में श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा दोपहर 2:25 पर स्नान करेगा.
First Published :
February 03, 2025, 05:01 IST