Last Updated:February 02, 2025, 19:26 IST
Bangladesh News: मोहम्मद यूनुस ने पिछले साल छात्रों के नेतृत्व में हुए विद्रोह के बाद सत्ता संभाली थी, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को पांच अगस्त को भारत में शरण लेनी पड़ी. इसके...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- बांग्लादेश में बिजली की भारी किल्लत होने वाली है.
- मोहम्मद यूनुस की सरकार कर्ज चुकाने में नाकाम हो रही है.
- बिजली की मांग 18,232 मेगावाट तक पहुंच सकती है.
ढाका. बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अगुवाई में जब से अंतरिम सरकार बनी है, उस दिन से देश शांति की तलाश कर रहा है. लेकिन उसकी दुर्गति ही हो रही है. देश में चारों तरफ चीख-पुकार मची हुई है. आलम यह है कि अब यूनुस को दिन में तारे दिखाई देने लगे हैं. यहां तक कि पाकिस्तान से हाथ मिलाने के बाद उसकी किस्मत और फूट गई. कंगाली की हालत में पहुंच रहा बांग्लादेश अंधेरे में डूबने के लिए तैयार है. ऐसा इसलिए इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि वहां बिजली की भारी किल्लत होने वाली है.
आने वाली गर्मियों में बिजली की सप्लाई की स्थिति हाल के वर्षों में सबसे खराब हो सकती है क्योंकि सरकार स्वतंत्र बिजली उत्पादकों, गैस सप्लायर्स और विदेशी कर्जदाताओं को बकाया भुगतान करने में नाकाम हो रही है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड (बीपीडीबी) पर विभिन्न बिजली उत्पादकों (आईपीपी) और पेट्रोबांग्ला को बिजली और गैस खरीद के लिए 43,473 करोड़ टका का बकाया है. इस राशि में से, भारतीय अडानी समूह को 10,309 करोड़ टका मिलना है, जबकि स्थानीय IPPs को लगभग 16,000 करोड़ टका का बकाया है.
ज्वॉइंट वेंटर बिजली संयंत्र, जिनमें पायरा और रामपाल शामिल हैं, 10,000 करोड़ टका का इंतजार कर रहे हैं, और पेट्रोबांग्ला को 7,164 करोड़ टका का भुगतान किया जाना है. पिछली गर्मियों में, बिजली की अधिकतम मांग 17,200 मेगावाट तक पहुंच गई थी, लेकिन सरकार औसतन केवल 15,500 मेगावाट की आपूर्ति कर पाई, जिससे 2,000-2,200 मेगावाट की कमी रह गई थी.
बांग्लादेश इंडिपेंडेंट पावर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (बीआईपीपीए) का अनुमान है कि बिजली की मांग में सालाना 6% की वृद्धि होगी, जिससे मार्च से सितंबर के बीच आने वाली गर्मियों में बिजली की मांग 18,232 मेगावाट तक पहुंच जाएगी. हालांकि, बीपीडीबी ने अभी तक आगामी सीजन के लिए आधिकारिक मांग-आपूर्ति का पूर्वानुमान जारी नहीं किया है. बीआईपीपीए ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार बकाया राशि का भुगतान नहीं करती है, तो देश को 3,500-4,000 मेगावाट बिजली उत्पादन की कमी का सामना करना पड़ सकता है.
बीआईपीपीए के अध्यक्ष डेविड हसनात ने चेतावनी दी है कि जब तक IPPs को बकाया 16,000 करोड़ टका में से कम से कम कुछ हिस्सा नहीं चुकाया जाता, तब तक बिजली उत्पादन के लिए जरूरी ईंधन आयात करने के लिए लेटर ऑफ क्रेडिट (LCs) खोलना असंभव होगा. एक वरिष्ठ बीपीडीबी अधिकारी, जिन्होंने नाम न बताने की शर्त पर बात की, ने दावा किया कि आईपीपी को वास्तविक बकाया रिपोर्ट की तुलना में कम है, क्योंकि सरकार ने हाल ही में निजी बिजली उत्पादकों को बॉन्ड जारी करने और अन्य तरीकों से 8,000 करोड़ टका का भुगतान किया है.
First Published :
February 02, 2025, 19:25 IST