Last Updated:February 08, 2025, 11:25 IST
बिहार के बेगूसराय में तेघड़ा मुंसिफ कोर्ट ने तीन कट्ठा जमीन पर कब्जा दिलाने में असफल रही जिला प्रशासन पर कड़ी कार्यवाही करते हुए वेतन पर रोक लगाया. कोर्ट के इस फैसले को समझिए...
पीड़ित पक्ष के वकील कमल जानकारी देते और इनसेट में डीएम तुषार सिंहला
हाइलाइट्स
- बेगूसराय कोर्ट ने डीएम का वेतन रोका.
- 35 साल से लंबित जमीन विवाद में कोर्ट का आदेश.
- प्रशासन की लापरवाही पर कोर्ट की कड़ी कार्यवाही.
बेगूसराय : जब किसी को कहीं न्याय नहीं मिलत, तो ऐसे में लोगों की सारी उम्मीदें कोर्ट की ओर होती हैं. कोर्ट का फैसला सर्वमान्य होता है. इस फैसले को कोई भी चुनौती नहीं दे सकता. चाहें डीएम हो या पीएम. दरअसल, बिहार के बेगूसराय कोर्ट का एक फैसला सामने आया है जो चर्चा का विषय बना हुआ है. बताया जा रहा है कि 35 साल बाद भी जब एक व्यक्ति को साफ नहीं मिला तो न्याय के मंदिर ने डीएम के ही वेतन पर रोक लगा दी .
कोर्ट के फैसला से साफ स्पष्ट देखा जा रहा है कि न्याय नहीं तो वेतन नहीं . आपको बता दें कि पूरा माजरा प्रशासनिक व्यवस्था की लापरवाही से जुड़ा हुआ है. तकरीबन 35 वर्षों से भी अधिक समय तक जब एक बादी को न्याय नहीं मिला. न्याय की आस में बैठे वादी की पत्नी का भी निधन हो गया, लेकिन 35 साल बाद सामने आएं फैसले से न्याय मिलना तय हो गया है. आखिर कैसे समझिए
तीन कट्ठा जमीन से जुड़ा है 35 साल पुराना मामला
पीड़ित वादी श्यामदेव प्रसाद सिंह ने लोकल 18 से बताया मेरे एवं अन्य बनाम दुलारू सिंह एवं अन्य के केस की सुनवाई चल रहा था. इन्होंने बताया केस नंबर 06/1999 हमने जमीन पर कब्जा पाने के लिए फाइल किया था. मेरे जमीन पर दुलारू सिंह का कब्जा था. कोर्ट ने जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए जिला प्रशासन को आदेश दिया था और मुझसे खर्च के रूप में 49,015 रुपये का भुगतान करने को कहा था. मैंने यह रुपया जमा कर दिए थे, लेकिन कोर्ट के आदेश देने के 10 साल बाद भी जिला प्रशासन मेरी जमीन पर कब्जा नहीं दिला पाया.
इसके बाद 27 सितंबर, 2024 को कोर्ट ने जिला प्रशासन और जिला पुलिस से रिपोर्ट मांगी कि आखिर किन हालात में जमीन पर कब्जा दिलाने में असफल रहे, लेकिन जिला प्रशासन ने कोई जवाब नहीं दिया था. इन्होंने बताया महज़ तीन कट्ठा जमीन से जुड़ा है पूरा मामला लेकिन अब जब डीएम का वेतन रुका तो इंसाफ मिल जाएगा.
बिहार में 3 कट्ठा जमीन ने रुकवा दिया DM का वेतन
पूरे मामले के पीड़ित पक्ष के वकील सिविल लॉयर संजीव कमल ने लोकल 18 को बताया इस मामले में बेगूसराय के एसपी ने 25 जनवरी, 2025 को सुनवाई में भी यह नहीं बता पाए कि कोर्ट के आदेश का अनुपालन क्यों नहीं हुआ. 2014 में पटना हाई कोर्ट ने भी श्यामदेव प्रसाद सिंह की जमीन पर कब्जा दिलाने के पक्ष में फैसला दिया था. फिर भी जिला प्रशासन ऐसा करने में नाकाम साबित हुआ .इसी मामले में तेघड़ा मुंसिफ कोर्ट ने एसपी, बेगूसराय को निर्देश दिया है कि वे अगली सुनवाई की तिथि तक आदेश का अनुपालन करें और आदेश की एक-एक प्रति उपर्युक्त प्राधिकारियों को भी भेजें.
इसके अलावा, इस आदेश की एक प्रति प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, बेगूसराय के माध्यम से रजिस्ट्रार जनरल, उच्च न्यायालय, पटना को भी भेजने का निर्देश कोर्ट ने दिया है .वही कोर्ट ने बेगूसराय के डीएम का वेतनमान रोक दिया है. साथ ही तब तक रोके रखने का आदेश जारी किया है, जब तक की वादी को न्याय न मिल जाए. अगले आदेश तक डीएम का वेतन रिलीज न किया जाए.
Location :
Begusarai,Bihar
First Published :
February 08, 2025, 11:25 IST