'भ्रष्टाचार, पानी, खराब सड़कें और LG से तू तू मैं मैं, जानिए दिल्ली में केजरीवाल की AAP सरकार के हार की 5 बड़ी वजह

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आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल Image Source : FILE PHOTO आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) 27 साल बाद सत्ता में वापसी कर रही है। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (AAP) को इस बार झटका लगा है। अन्ना आंदोलन से निकली आम आदमी पार्टी ने पहली बार साल 2013 में चुनाव लड़कर सबको चौंका दिया था। तब पार्टी ने दिल्ली में 26 सीटें जीती थी और कांग्रेस के साथ सरकार भी बनाई थी। इसके बाद पार्टी ने साल 2015  के विधानसभा चुनाव में 67 सीट और 2020 के विधानसभा चुनाव में 62 पर जीत दर्ज की थी। इस बार पार्टी 25 सीट के आसपास सिमटते हुए दिख रही है।

इस बार के चुनाव में आम आदमी पार्टी को हार मिली है। नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल खुद चुनाव हार रहे हैं। आइये जानतें हैं कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के हारने की प्रमुख वजह क्या रही है?

अरविंद केजरीवाल पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप

अरविंद केजरीवाल दिल्ली की सत्ता में भ्रष्टाचार को मिटाने का वादा कर सीएम की कुर्सी में बैठे थे। अरविंद केजरीवाल के सीएम रहते ही उनके कई मंत्री भ्रष्टाचार के केस में फंस गए और उन्हें इस्तीफा भी देना पड़ा। इसके साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री रहते अरविंद केजरीवाल पर भी शराब घोटाला के आरोप लगे। इन आरोपों में अरविंद केजरीवाल को सीएम रहते जेल भी जाना पड़ा। अरविंद केजरीवाल के साथ ही मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन भी भ्रष्टाचार के आरोप में जेल गए। इस कारण आम जनता के बीच आम आदमी पार्टी की साफ छवि भ्रष्टाचार में लिप्त पार्टी के रूप में उभरी। इस बार के चुनाव में ये भी हार का प्रमुख कारण रहा है।

दिल्ली की खराब सड़कें

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार रहते लोगों को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा तो वो दिल्ली की टूटी-फूटी सड़कें और गलियां है। दिल्ली की सड़कों यानी मुहल्ले की गलियां  गैस और पानी की पाइप लाइन बिछाने से खोद दी गईं और उन्हें फिर सही नहीं किया गया। बारिश के दिनों में लोगों को इन टूटी गलियों से निकलना मुश्किल हो जाता था।

दिल्ली की सड़कों और नुक्कड़ों में कूढ़ों का ढेर भी जमा रहता है। नगर निगम की गाड़ियां हर रोज घरों से कूड़ा नहीं लेती थी। इस कारण दिल्ली की घरेलू महिलाएं केजरीवाल से खासा नाराज दिख रहीं थी।

दिल्ली में सप्लाई वाले पानी की समस्या

आम आदमी पार्टी की सरकार में लोग सप्लाई वाले पानी की खराब व्यवस्था से भी नाराज दिखे। घरों में समय पर सप्लाई वाला पानी नहीं आता था। टाइम बेटाइम पानी आता भी था तो वह पीने और कपड़े धोने के लायक भी नहीं होता था। दिल्ली सरकार के सप्लाई वाले पानी से घरेलू औरतें काफी नाराज थीं। गर्मी के दिनों में पानी के टैंकर के लिए मारामारी रहती थी। लोग घंटों टैंकर के इंतजार में खड़े रहते थे। आम आदमी पार्टी की हार का प्रमुख कारण पानी की समस्या भी रही है।

दिल्ली में पॉल्यूशन की मार

राजधानी दिल्ली में पॉल्यूशन की समस्या सर्दियों शुरु होते ही बढ़ जाती है। इस समस्या से आम आदमी से लेकर खास आदमी तक खासा परेशान होता है। केजरीवाल सरकार की तरफ से दिल्ली के पॉल्यूशन के लिए कुछ खास इंतजाम नहीं किए गए। केजरीवाल सरकार ने इस समस्या के लिए हमेशा केंद्र को जिम्मेदार ठहरा और अपनी जवाबदेही से हमेशा बचते रहे।

उप राज्यपाल और पीएम मोदी से पंगा

दिल्ली सरकार में मुख्यमंत्री रहते अरविंद केजरीवाल किसी भी सरकारी काम के पूरा न होने पर सीधे तौर पर उप राज्यपाल (LG) को दोषी ठहराते थे। इसके लिए वह उप राज्यपाल को पत्र लिखकर आरोप-प्रत्यारोप का खेल खेलते थे। अरविंद केजरीवाल की हर किसी मुद्दे पर उपराज्यपाल से तू तू मैं मैं होती थी। उप राज्यपाल के साथ ही अरविंद केजरीवाल पीएम मोदी की भी जमकर आलोचना करते थे। पीएम मोदी और केंद्र सरकार के कामों को अरविंद केजरीवाल ने कभी नहीं सराहा। दिल्ली में केजरीवाल के हार का ये भी बड़ा कारण बना है।

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