Agency:News18 Rajasthan
Last Updated:February 02, 2025, 14:24 IST
Mahakumbh 2025 : महाकुंभ में खोई 70 वर्षीय प्यारी देवी सही सलामत पाली पहुंची. राजपूत समाज ने मदद कर उन्हें परिवार से मिलाया. परिवारजन खुशी से रो पड़े. प्यारी देवी ने ईश्वर और मददगारों का आभार जताया.
परिवार से मिलकर खुशी से रोने लगी प्यारी देवी
पाली. अपनों से बिछड जाने का गम और जब वही अपने मिल जाते है तो उनके मिल जाने की खुशी कितनी होती है उसकी एक बड़ी खूबसूरत तस्वीर पाली में उस वक्त देखने को मिली, जब महाकुंभ में खो जाने वाली 70 वर्षीय प्यारी देवी सही सलामत अपने परिवार के पास पाली पहुंची. प्यारी देवी के पाली पहुंचते ही परिवारजनो की आंखो में जो खुशी के आंसू छलके वह शायद इस बात को बया कर रहे थे कि वह कितना खुश है. कुंभ में गुम हुई प्यारी देवी ने राजपूती पोशाक देख कुछ लोगों से मदद मांगी थी.
ये आबूरोड के रहने वाले श्रद्धालु थे उन्होंने कहा कि हम आपको पाली पहुंचाएंगे. बस से उन्हीं के साथ प्यारी देवी लौटी और पाली के हाईवे पर वे उतरी. साथ ही आबूरोड के श्रद्धालु भी विदा देने उतर गए. यहां पहले से प्यारी देवी के रिश्तेदार और मोहल्लेवासी उनका इन्तजार कर रहे थे. अपनों को देख कर प्यारीदेवी की आंखें भर आईं. गले मिलकर खूब रोईं.
भगवान का रूप बनकर राजपूत समाज ने की मदद
सच्चे दिल से अगर ईश्वर को याद करो तो वह किसी न किसी रूप में मदद करने पहुंच ही जाते है यही दृश्य प्रयागराज में प्यारी देवी को भी देखने को मिला जब वह ईश्वर से प्रार्थना कर रही थी कि वह अपने परिवार के पास कैसे भी पहुंच जाए तो राजपूत समाज के कुछ लोग उनके लिए भगवान का रूप बनकर पहुंचे और उनको उनके परिवार तक पहुंचाने का काम किया. प्यारी देवी भी जब पाली पहुंची तो राजपूत समाज के लोगों की ओर इशारा करते हुए बोलीं- ये नहीं होते तो न जाने मैं कब पाली पहुंचती. प्यारी देवी के रिश्तेदारों ने उन्हें प्रयागराज से पाली सकुशल पहुंचाने वाले राजपूत समाज के लोगों का भी दिल से आभार जताया.
प्यारी देवी ने बताई आप बीती घटना
प्यारी देवी ने वहां जो कुछ भी हुआ उसको लेकर बताते हुए कहा कि मैं कुंभ नहाकर निकली थी. भीड़ ज्यादा होने के कारण सभी को एक घंटे तक रोक दिया गया. फिर चले तो मैं पीछे रह गई. मोबाइल फोन भी नहीं था. पुलिसवालों को देखा तो उनके पास मदद के लिए गई. पूरी कहानी बताई. उन्हें बताया कि बस कहां खड़ी है. बस तक पहुंचाने का निवेदन किया. लेकिन तीन घंटे बैठाए रखने के बाद भी उन्होंने कुछ नहीं किया.
ऐसे में राजपूती पोशाक पहने कुछ महिलाओं को देखा. मदद के लिए उनके पास गई और परेशानी बताई. महिलाओं ने कहा- हम सिरोही के आबूरोड जा रहे हैं. आपको भी अपने साथ बस में बिठाकर ले जाएंगे. उन्होंने मेरा एड्रेस लिया और पाली में रहने वाले अपने रिश्तेदार के जरिए जानकारी जुटा कर वीडियो कॉल कराया. बताया कि प्यारीदेवी सकुशल हैं. चिंता न करें. बस फिर क्या था परिवार की खुशी का कोई ठिकाना नही था.
फूल मालाओं से इस तरह किया स्वागत
आबूरोड के लोग प्रयागराज से आते समय हाईवे पर ट्रांसपोर्ट नगर के निकट रुके और वहां पहले से तैयार खड़े प्यारीदेवी के रिश्तेदार को प्यारीदेवी को सौंपा. प्यारी देवी के रिश्तेदारों ने भी उन्हें यहां तक सकुशल लोन वाले लोगों का फूलमाला पहनाकर बहुमान कर धन्यवाद दिया.
40 जने पाली से 27 जनवरी को हुए थे रवाना
इस मामले में पाली जिले के विरमपुरा निवासी विक्रमसिंह सोलंकी की माने तो हम 40 जने 27 जनवरी को प्रयागराज बस लेकर रवाना हुए थे. हमारे ग्रुप की महिलाओं को प्यारीदेवी मिली और अपनी कहानी बताई. इस पर उन्हें अकेला देख उनकी मदद की. अपने साथ बस में बैठाया और इनके परिजनों का पता लगाकर पाली में सौंपा.
24 जनवरी को पाली से निकली थी प्यारी देवी
पाली के मंडिया रोड शिव नगर में रहने वाली 70 साल की प्यारीदेवी पत्नी मोहनलाल सरगरा अपने मोहल्ले के करीब 30 लोगों के साथ प्रयागराज में स्नान के लिए बस से 24 जनवरी को रवाना हुई थी. उन्हें वापस 30 जनवरी को आना था. लेकिन वहां भीड़ में प्यारीदेवी अपने ग्रुप से बिछड़ गई. फिर उन्हें आबूरोड के कुछ लोग मिले जो प्रयागराज में कुंभ स्नान के लिए गए थे. वे अपने साथ बस में बिठाकर उन्हें लाए. अब प्यारी देवी और उनके परिवार में खुशी का माहौल है. साथ ही वह ईश्वर का भी आभार जता रहे है कि उन्होने इस तरह उन तक सहायता पहुंचाई.
First Published :
February 02, 2025, 14:24 IST