Agency:News18 Jharkhand
Last Updated:January 26, 2025, 12:33 IST
Padma Awards 2025: झारखंड के प्रसिद्ध लोकगीत लेखक महावीर नायक को भी पद्मश्री सम्मान से नवाजा जाएगा. महावीर जी ने बताया कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि उन्हें भी पद्मश्री मिलेगा. कहा, ये सब मेरे सद्गुरु की कृपा ...और पढ़ें
झारखंड से महावीर नायक को पद्मश्री.
हाइलाइट्स
- महावीर नायक को पद्मश्री सम्मान की घोषणा
- 60 साल से लोकगीतों को सहेज रहे हैं महावीर
- 500 से अधिक लोकगीतों की रचना भी कर चुके
रांची. शनिवार रात केंद्र सरकार द्वारा पद्मश्री अवार्ड की सूची जारी की गई, इसमें झारखंड की राजधानी रांची के लोक गायक महावीर नायक (83) का भी नाम है. बता दें महावीर नायक को यह सम्मान उनके कला क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए दिया जाएगा. करीब 60 साल से लोकगीतों को संरक्षित-संवर्धन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. अब तक 500 से अधिक लोकगीतों की रचना कर चुके हैं व 1000 लोकगीतों का संग्रह कर चुके हैं.
एचईसी से सेवानिवृत्त महावीर नायक मूलत: कांके प्रखंड के उरुगुटू गांव के रहने वाले हैं और अभी हटिया नायकटोली में रहते हैं. कला क्षेत्र की यात्रा की बात करें तो 1992 में कुंजबन के जरिए उन्होंने पद्मश्री मुकुंद नायक की अगुवाई में सांस्कृतिक टीम के साथ अंतरराष्ट्रीय दौरा किया था. नागपुरी भाषा में फगुवा राग, पावस राग, मदारनी झुमर राग में महावीर नायक की विशिष्टता है. वर्ष 2023 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी, भारत सरकार ने अमृत अवार्ड से नवाजा था.
सम्मान पाकर काफी खुश हूं
पद्मश्री सम्मान की घोषणा के बाद महावीर नायक ने कहा, उनकी कड़ी मेहनत आखिरकार रंग लाई है. यह सम्मान उनको झारखंड की कला, संस्कृति और संगीत की रक्षा जारी रखने में अहम योगदान देगा. इस बारे में कभी सोचा ही नहीं था कि मुझे पद्मश्री भी मिलेगा. मुझे तो फोन करके किसी ने दोपहर में 1:00 बताया तो मैं चौंक गया. यह सब मेरे सद्गुरु की कृपा है. सब उन्हीं की वजह से हो रहा है.
पहले खुद के भीतर देखो, खुद को जानो
आगे बताया, अगर व्यक्ति को कला को जानना है या अपने भीतर की कला को पहचानना है तो उससे पहले खुद को जानना होगा. इसके लिए ध्यान साधना काफी अच्छा विकल्प है. मैं खुद सुबह 4:00 उठ जाता हूं और फिर मेडिटेशन करता हूं. क्योंकि जब तक आप खुद को नहीं जान पाएंगे, तब तक आप बाहर शानदार काम नहीं कर पाएंगे. युवा पीढ़ी को भी कहता हूं कि थोड़ा खुद के भीतर देखो, खुद को जानो तभी कुछ कर पाओगे.
इस उम्र में भी एकदम फिट
महावीर नायक बताते हैं, 83 साल का हो चुका हूं. अभी एकदम फिट हूं. एक भी बीमारी नहीं है. क्योंकि, मैं घर का बना एकदम सात्विक खाना लेता हूं. फल, साग, सब्जी खासतौर पर झारखंडी सांग जितने तरह का भी होता है, वह मुझे बहुत पसंद है. मैं हर तरह का साग खाता हूं. मुझे कुछ भी दे दीजिए, मैं खा लूंगा. हेल्दी खाना और सही दिनचर्या से ही आज खुद को स्वस्थ रख पाया हूं और यह हेल्दी लाइफस्टाइल मेरे कला में भी काफी काम आई है.
कई लोग को मिलेगी प्रेरणा
आगे कहा, इससे मेरे जैसे कई लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा जो कला और संस्कृति को संरक्षित करने के लिए काम कर रहे हैं. मैंने 100 से अधिक कविताएं, 100 से अधिक गीत और कई कहानियां भी लिखी हैं. अब मैं ‘गीत में स्वर’ शीर्षक से एक किताब लिख रहा हूं. किताब पर अंतिम काम चल रहा है.
पिता से मिली प्रेरणा
पिता जी झूमर कलाकार थे. मुझे कंधे पर बैठाकर अलग-अलग कार्यक्रम में ले जाते थे और रात भर कार्यक्रम में इतना रस लगता था और इतना आनंद आता था कि बस इसी को जीवन का आधार बना लिया. मैंने रांची के हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचईसी) में भी काम किया व 1962 में संगठन में शामिल हुआ था, लेकिन अपने जुनून को जारी रखा.
Location :
Ranchi,Jharkhand
First Published :
January 26, 2025, 12:33 IST