Last Updated:January 24, 2025, 12:24 IST
Why Men Taller Than Women: दिलो-दिमाग से लेकर पहनावा तक सब कुछ में महिलाएं पुरुषों के समान है लेकिन क्या कभी आपने इस बात पर ध्यान दिया है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में कम हाइट की क्यों होती है. इसी सवाल का जव...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- पुरुषों की हाइट महिलाओं से ज्यादा होती है.
- हार्मोनल प्रभाव हाइट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
- पिछले 100 साल में पुरुषों की हाइट महिलाओं से ज्यादा बढ़ी है.
Why Men Taller Than Women: प्रकृति ने महिला और पुरुषों को एक ही तरह से दिमाग दिया है, एक ही तरह का दिल भी है, खूबसूरत भी एक ही जैसा बनाया है, इन सबके बावजूद महिलाओं की हाइट पुरुषों के मुकाबले कम होती है. आपने यह भी गौर किया होगा कि जब एक ही साथ लड़का और लड़की जन्म लेते हैं तो कुछ सालों तक दोनों का विकास एक ही जैसा होता है लेकिन अचानक लड़कों की लंबाई और कद-काठी ज्यादा बढ़ने लगती है. क्या कभी आपने सोचा है कि ऐसा क्यों होता है. इसके पीछे कई कारण हैं.
क्या कहता है विज्ञान
विज्ञान के हिसाब से इसके पीछे जैविक, क्रमागत विकास और जीन का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है. डार्विन के नेचुरल सेलेक्शन सिद्धांत के मुताबिक जो जीव प्रकृति के अनुकूल हैं वे अपनी जरूरतों के हिसाब से अपना रंग, रूप और आकार पीढ़ी दर पीढ़ी विकसित करता रहता है. प्रारंभ में जब इंसान शिकारी था तो बेहतर शिकार के लिए पुरुषों को अधिक ताकतवर और लंबा कद का होना जरूरी थी. इसके लिए उन्होंने खुद को ढाला और उपयुक्त बना. इससे जीवन और प्रजनन की संभावनाओं को बल मिला होगा. क्रमागत विकास में जो कुछ भी हुआ हो लेकिन बायलॉजिकल रूप से देखें तो महिला और पुरुषों की लंबाई के लिए हार्मोनल प्रभाव सबसे अधिक प्रभावशाली है.आखिर किस तरह सेक्सुअल हार्मोन महिला और पुरुष की हाइट को निर्धारित करता है, इसके लिए न्यूज 18 ने मैक्स अस्पताल में पेडिएट्रिक्स एंडोक्राइनलॉजी डिपार्टमेंट के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. गणेश जेवालिकर से बात की.
हार्मोन का सबसे ज्यादा रोल
डॉ. गणेश जेवालिकर से बताया कि लड़के और लड़कियों की हाइट में सेक्स हार्मोन का अहम रोल है. जब तक बच्चा किशोरावस्था में नहीं पहुंचता तब तक दोनों में एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन हार्मोन लगभग समान मात्रा में रिलीज होता है. हाइट को बढ़ाने के लिए लड़का और लड़की दोनों में एस्ट्रोजन हार्मोन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. एस्ट्रोजन हार्मोन ग्रोथ हार्मोन और इंसुलिन की तरह का एक द्रव्य आईजीएफ-1 को ज्यादा मात्रा में रिलीज करने के लिए प्रेरित करता है. ग्रोथ हार्मोन के कारण लंबी हड्डियों का फ्रेम तैयार होता है जिसे मेटाफ़ाइसिस कहा जाता है. मेटाफाइसिस के अंदर कार्टिलेज के साथ-साथ कैल्शियम, फॉस्फोरस और अन्य तत्व जुड़ते जाते हैं और इसकी प्लेटें तैयार होती जाती है. इसी से किसी व्यक्ति की हाइट निकलती है. जब तक किसी व्यक्ति में सेकेंडरी सेक्शुअल कैरेक्टर का विकास नहीं होता तब तक हड्डियां इसी रफ्तार के साथ बढ़ती जाती है लेकिन जैसे ही किशोरावस्था (Puberty) आती है हाइट का ग्रोथ रूक जाता है.
क्यों लड़कियों की हाइट होती है कम
डॉ. गणेश जेवालिकर ने बताया कि प्रकृति के नियमों के तहत लड़कियों में प्यूबर्टी पहले आ जाती है यानी सेकेंडरी सेक्शुअल कैरेक्टर का विकास पहले हो जाता है जबकि पुरुषों में यह कुछ साल बाद आता है. जैसे ही लड़कियों में प्यूबर्टी आएगी एस्ट्रोजन कम बनने लगेगा और इस कारण ग्रोथ हार्मोन भी कम रिलीज होगा. Puberty के बाद जब महिला का शारीरिक विकास पूरा हो जाता है, एस्ट्रोजन का स्तर स्थिर हो जाता है और फिर यह कुछ हद तक घटने लगता है. खासकर पीरियड्स आने के दौरान और बाद में एस्ट्रोजन का स्तर रेगुलर घटता है. इसके बाद एस्ट्रोजन के घटने से ग्रोथ प्लेट बंद हो जाते हैं और हड्डियों की लंबाई बढ़ने की प्रक्रिया पूरी तरह रुक जाती है. लेकिन लड़कों में ऐसा नहीं होता क्योंकि लड़कों में Puberty बाद में आता है. यही कारण है कि लड़कों की हाइट कुछ साल और तक बढ़ती जाती है.
पिछले सौ साल में लड़कों की तुलना में लड़कियों की हाइट आधी से भी कम
एक हालिया स्टडी में यह बात सामने आई है कि पिछले सौ साल में लोगों की हाइट बढ़ी है. इसके पीछे बेहतर स्वास्थ्य और पोषक तत्व जिम्मेदार है लेकिन जिस रफ्तार से पुरुषों की हाइट बढ़ रही है उसकी तुलना में महिलाओं की हाइट पौन तीन गुणा कम बढ़ी है. अगर पुरुषों की हाइट 1 फुट बढ़ी है तो महिलाओं की हाइट पिछले सौ साल में सिर्फ आधा फुट बढ़ी है. बायोलॉजी लेटर्स जर्नल के मुताबिक पिछले सौ साल में पुरुषों की हाइट में औसतन 4.03 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है जबकि महिलाओं की हाइट में 1.68 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है.
First Published :
January 24, 2025, 12:24 IST