माघ पूर्णिमा 2025: गंगा स्‍नान, दान और सत्‍यनारायण भगवान की पूजा

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Last Updated:February 11, 2025, 19:57 IST

माघ पूर्णिमा 2025, 12 फरवरी को मनाई जाएगी. इस दिन गंगा स्नान, व्रत, दान और सत्यानारायण पूजा का विशेष महत्व है. यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इस अवसर पर किए गए सत्कर्म मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त...और पढ़ें

 गंगा स्‍नान, दान और सत्‍यनारायण भगवान की पूजा

माघ पूर्णिमा के पवित्र नदियों में स्नान करने से समस्त पापों का नाश होता है.

हाइलाइट्स

  • माघ पूर्णिमा 2025: 12 फरवरी को मनाई जाएगी.
  • गंगा स्नान, व्रत, दान और सत्यानारायण पूजा का महत्व.
  • भगवान विष्णु को समर्पित, मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त.

Magh Purnima 2025: फरवरी की ठंडी हवाओं में जब चंद्रमा अपनी पूर्ण कलाओं से संपूर्ण सृष्टि को प्रकाशित करता है, तब माघ पूर्णिमा का पावन पर्व श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा लेकर आता है. 12 फरवरी 2025 को पड़ने वाली यह शुभ तिथि हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है. इस दिन गंगा स्नान, व्रत, दान और सत्यानारायण पूजा का विशेष पुण्य बताया गया है. यही कारण है कि लाखों की संख्‍या में श्रद्धालु महाकुंभ में पव‍ित्र स्‍नान का पुण्‍य कमाने पहुंच चुके हैं. यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इस अवसर पर किए गए सत्कर्म मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करते हैं.

माघ पूर्णिमा: तिथि एवं शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 11 फरवरी 2025, सायं 06:55 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 12 फरवरी 2025, सायं 07:22 बजे
शुक्ल पूर्णिमा चंद्रोदय: 12 फरवरी 2025, सायं 05:59 बजे

नदी स्नान का महत्व: पुण्य लाभ घर बैठे
प्रस‍िद्ध वैद‍िक ज्‍योत‍िष गार्गी ए. जैतली, बताती हैं माघ पूर्णिमा के दिन गंगा, यमुना, नर्मदा, कावेरी आदि पवित्र नदियों में स्नान करने से समस्त पापों का नाश होता है. यदि कोई व्यक्ति किसी कारणवश इन नदियों तक नहीं पहुंच सकता, तो उसे घर पर ही स्नान करते समय इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए

पवित्र स्नान मंत्र
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति।
नर्मदे सिंधु कावेरी जलेऽस्मिन् सन्निधिं कुरु॥

मंत्र का अर्थ
हे गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती, नर्मदा, सिंधु (इंद्र नदी) और कावेरी! आप सभी पवित्र नदियाँ इस जल में अपनी उपस्थिति प्रदान करें और इसे उतना ही पावन बना दें, जितना कि आपके जल से स्नान करने से होता है.

इस मंत्र का उच्चारण करते हुए जब कोई व्यक्ति स्नान करता है, तो उसे वही पुण्य प्राप्त होता है जो इन सात पवित्र नदियों में स्नान करने से मिलता है. यह मंत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो किसी कारणवश तीर्थ स्थलों पर जाकर स्नान नहीं कर सकते. इसे जपते हुए घर पर स्नान करने से भी आध्यात्मिक शुद्धि और पुण्य प्राप्त होता है.

सत्यनारायण पूजा और दान का महत्व

इस दिन भक्तजन भगवान सत्यानारायण की पूजा और व्रत रखते हैं, जिससे सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है. जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करने से पुण्य में वृद्धि होती है. इस दिन निम्न मंत्रों का जाप विशेष लाभकारी माना जाता है.

– ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
– अच्युतं केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभम्
– हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे, हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे

32 पूर्णिमा व्रत का महत्व

मान्यता है कि यदि पति-पत्नी माघ पूर्णिमा 2025 से प्रारंभ करके लगातार 32 पूर्णिमा व्रत रखते हैं, तो उनके संतान को दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है. यह व्रत न केवल परिवार में सुख-शांति बनाए रखता है, बल्कि आर्थिक संपन्नता भी प्रदान करता है. अतः जो दंपत्ति अपनी संतान के उज्ज्वल भविष्य और समृद्धि की कामना रखते हैं, वे इस व्रत का संकल्प लेकर इसे विधिपूर्वक संपन्न कर सकते हैं.

First Published :

February 11, 2025, 19:57 IST

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माघ पूर्णिमा 2025: गंगा स्‍नान, दान और सत्‍यनारायण भगवान की पूजा

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