Last Updated:January 18, 2025, 13:32 IST
Farming tips: महाराष्ट्र के एक किसान ने पारंपरिक खेती को छोड़कर नए तरीके अपनाए, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हुई. यह प्रयोग कम लागत और अधिक मुनाफे का रास्ता दिखाता है, जो अन्य किसानों को नई राह पर चलने की प्रेरणा देता है.
महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के अंकोली गांव के किसान भैरवनाथ अबासाहेब पवार ने परंपरागत खेती और गन्ने की खेती को अलविदा कह दिया है. पवार ने देखा कि गन्ने की फसल में समय और पैसे की भारी खपत होती है और समय पर भुगतान न मिलने से किसानों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसके चलते उन्होंने सब्जियों की खेती करने का साहसिक फैसला लिया.
गोभी की खेती: कम समय, कम लागत, ज्यादा मुनाफा
भैरवनाथ पवार ने अपनी 20 गुंठा (आधा एकड़) जमीन में गोभी की खेती शुरू की. उनका कहना है कि गोभी की फसल केवल दो से ढाई महीने में तैयार हो जाती है और इसमें लागत भी कम आती है. पवार ने अपनी खेती पर करीब 30,000 रुपये का निवेश किया और उन्हें उम्मीद है कि इससे एक से डेढ़ लाख रुपये तक का मुनाफा होगा. यह गन्ने की तुलना में कई गुना फायदेमंद है.
आधुनिक तकनीक और ड्रिप सिंचाई का उपयोग
पवार ने अपने खेत को जुताई के बाद ड्रिप सिंचाई से तैयार किया, जिससे पानी और संसाधनों की बचत हुई. उन्होंने कहा कि गन्ने के मुकाबले गोभी जैसी फसलों में कम मेहनत और समय लगता है. इससे उन्हें बाजार में जल्दी उत्पाद बेचने का मौका मिलता है.
गन्ने की खेती से सब्जियों की ओर
गन्ने की कटाई में एक साल से भी ज्यादा का समय लगता है, और मिल मालिकों से समय पर भुगतान न मिलने के कारण किसानों की मुश्किलें बढ़ जाती हैं. भैरवनाथ पवार ने इस समस्या का हल ढूंढते हुए सब्जी की खेती की ओर रुख किया. सब्जियों की खेती न केवल कम लागत में होती है, बल्कि यह किसानों को बाजार में जल्दी मुनाफा कमाने का अवसर भी देती है.
किसानों के लिए प्रेरणा
भैरवनाथ पवार का यह कदम अन्य किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकता है. उनका मानना है कि किसानों को पारंपरिक खेती छोड़कर आधुनिक तरीकों और ऐसी फसलों को अपनाना चाहिए जो कम समय और कम लागत में बेहतर मुनाफा दें. पवार ने अन्य किसानों को भी सब्जी की खेती जैसे नए प्रयोगों को अपनाने की सलाह दी है.
First Published :
January 18, 2025, 13:32 IST
मात्र 30,000 की लागत, डेढ़ लाख का मुनाफा..किसानों के लिए चौंकाने वाला फार्मूला